-बरेली में 5 केस में नहीं मिली कोई ट्रेवल हिस्ट्री

-बरेली डिस्ट्रिक्ट दो बार हो चुका है कोरोना फ्री

बरेली- बरेली डिस्ट्रिक्ट एक नहीं बल्कि दो-दो बार जंग जीतकर कोरोना फ्री हो चुका है, लेकिन 5 मामलों में ट्रेवल हिस्ट्री न मिलना चिंता की बात है। पुलिस, हेल्थ और प्रशासन की टीमों की तमाम कोशिशों के बावजूद इनमें कोरोना का सोर्स कहां से था, यह नहीं पता चल सका। जबकि इनमें से एक मरीज की डेथ हो गई और 4 केस में पेशेंट डिस्चार्ज होकर अपने घर पहुंच चुके हैं। सिर्फ दो ही मामलों में कोरोना के सोर्स का पता चल सका।

इन केस का मिला सोर्स

ट्यूजडे को एक भी कोरोना पॉजिटिव केस न होने और पेशेंट्स को डिस्चार्ज करने के बाद बरेली को कोरोना फ्री घोषित किया गया। इससे पहले 17 अप्रैल को बरेली को कोरोना फ्री घोषित किया गया था। 29 मार्च को जब पहला केस सुभाषनगर में आया था तो उसकी ट्रेवल हिस्ट्री आसानी से पता चल गई थी। युवक नोएडा की फायर सेफ्टी इक्विपमेंट्स बनाने वाली फैक्ट्री में काम करता था। इस कंपनी में कर्मचारी पहले से पॉजिटिव थे। जिसके चलते पुलिस और हेल्थ टीम ने उसके संपर्क में आए परिवार के सदस्यों समेत 14 अन्य लोगों को क्वारंटीन किया था, जिसमें परिवार के 5 सदस्य पॉजिटिव आ गए थे। ट्रेवल हिस्ट्री और कांट्रेक्ट हिस्ट्री पूरी-पूरी मिल जाने से कोरोना की चेन पूरी तरह से ब्रेक हो गई थी। इसी तरह से शहबाजपुर के युवक के मुंबई से आने के मामले में भी ट्रेवल हिस्ट्री मिल गई, क्योंकि मुंबई में उसका चाचा कोरोना पॉजिटिव था।

एक पेशेंट की हुई मौत

जब शहर में 27 अप्रैल को दोबारा कोरोना की एंट्री हुई तो एक बार फिर से पेशेंट की ट्रेवल हिस्ट्री और कॉन्टेक्ट हिस्ट्री तलाशने का काम शुरू किया गया। पेशेंट, उसकी पत्‍‌नी व रिश्तेदारों से पूछताछ की गई जिससे पता चल सके कि उसमें कोरोना कहां से आया। हेल्थ टीम ने उसके संपर्क में आने वालों को ट्रेस किया और उनकी चेकिंग भी करायी लेकिन कोई भी ट्रेवल हिस्ट्री नहीं मिली। इसी दौरान उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। उसके बाद भी ट्रेवल हिस्ट्री तलाशने के लिए सर्विलांस की मदद ली गई। जिससे पता चला कि पेशेंट मार्च से कहीं गया ही नहीं था।

रिश्तेदारों की भी जुटाई डिटेल

उसके रिश्तेदारों की ट्रेवल हिस्ट्री भी चेक की गई तो भी कोई मदद नहीं मिली। इस दौरान पता चला कि युवक पड़ोस में एक महिला की मौत में शामिल हुआ था, जिसका दिल्ली से कोई कनेक्शन था। यही नहीं एक साली के दिल्ली के निजामुद्दीन एरिया से आने का पता चला लेकिन वह भी 9 मार्च से पहले चली गई थी। उसके यहां भी कोई कोरोना का पेशेंट नहीं था। इस तरह से उसके यहां काम करने वाले दो कम्पाउंडर, घर में बच्चों को उर्दू पढ़ाने आने वाले मौलाना व मस्जिद के मेन मौलाना का भी रिकॉर्ड चेक किया गया तो पता चला कि वह भी पहले से बाहर गए हैं और उसके बाद बरेली आए ही नहीं है, जिसके चलते इस मामले में कोई ट्रेवल हिस्ट्री ही नहीं मिली।

मां-बेटे भी नहीं मिले किसी से

इसी तरह से हजियापुर के मृत पेशेंट के ब्रहमपुरा में रहने वाला साढ़ू और उसकी मां भी पॉजिटिव मिले तो टीमों को लगा कि हो सकता है कि इनके संपर्क में आने से हजियापुर का पेशेंट पॉजिटिव हुआ हो लेकिन पता चला कि उसका इन लोगों से लंबे समय से कोई संपर्क ही नहीं हुआ था। यही नहीं ब्रहमपुरा का युवक दो प्राइवेट हॉस्पिटल में काम करता था। वह एक बार काफी पहले रामपुर भी गया था लेकिन इन सबके बावजूद भी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं मिल सकी। उसकी मां का एक हॉस्पिटल में इलाज होने की बात सामने आयी लेकिन इससे भी कोई अहम सुराग नहीं मिला।

इनका भी नहीं कोई रिकॉर्ड

इसके अलावा बरेली में दो मामले प्राइवेट लैब से पॉजिटिव आए लेकिन सरकारी लैब में रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें जल्द ही डिस्चार्ज कर दिया गया। जिसके चलते प्राइवेट लैब से टेस्टिंग पर रोक भी लगा दी गई। इन मामलों में भी हेल्थ और पुलिस टीम ने ट्रेवल हिस्ट्री तलाशी लेकिन कोरोना के आने का सोर्स पता नहीं चल सका। क्योंकि फरीदपुर की महिला कहीं बाहर गई ही नहीं थी। सीबीगंज का युवक ट्रक ड्राइवर था लेकिन उसमें भी नहीं पता चला कि कोरोना कहां से आया।

2 केस में मिली ट्रेवल हिस्ट्री

5 केस एक पेशेंट के परिवार के रहे

5 केस में नहीं मिली हिस्ट्री

Posted By: Inextlive