पब्लिक प्लेसेस में लगे वाईफाई कोई सुविधा नहीं दे रहे.

बरेली (ब्यूरो)। स्मार्ट बरेली में फ्री वाईफाई सुविधा का दावा किया जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। स्लो स्पीड के चलते लोगों को फ्री वाईफाई की सुविधा नहीं मिल पा रही है। इससे बरेलियंस के साथ ही विभागीय अधिकारी भी परेशान हैं। उनका कहना है कि इंटरनेट बेहतर तरीके से नही चलता है। अगर जरूरत होती है तो अपने मोबाइल का इस्तेमाल करना होता है। ऑफिस का काम करने के लिए वेट करना होता है। जब कर्मचारियों को वाईफाई व्यावस्था नहीं मिल पा रही है। ऐसे में आम लोगों को कैसे मिल सकती है।

वाईफाई सुविधा कहां-कहां
-रेलवे जंक्शन
-सैटेलाइट
-यूूूनीवर्सिटी
-इज्जत नगर रेलवे
-नगरनिगम
-कलक्ट्रेट
-बरेली कॉलेज

-रेलवे जंक्शन
सभी यूजर्स जिनके पास रेलवे स्टेशन पर इंटरनेट डाटा नहीं होता और उन्हें इंटरनेट का यूज करना होता है। ऐसे में वह सोचते कि रेलवे के वाईफाई का यूज किया जाए। जब कनेक्ट करते हैं तो घंटो तक लोडिंग करता है। फिर ओटीपी देने के बाद भी कनेक्ट नहीं होता है। ऐसी स्थिति में रेलवे कर्मचारियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ता है।

जंक्शन पर वाईफाई कहीं स्लो तो कहीं फास्ट स्पीड देता है। कुछ जगहों पर तो कनेक्ट ही नहीं होता है। कभी अगर कनेक्ट होता तो वहुत स्लो स्पीड देता है। जिसकी वजह से काम भी प्रभावित होता है। ऐसी कंडीशन में अपना फोन के नेट का यूज करना पड़ता है।
मुकेश यादव, स्टेशन मैनेजर

-सैटेलाइट
स्मार्ट फोन, टेबलेट, लैपटॉप का इंटरनेट के बिना इनका कोई मतलब नहीं है। ऐसे में सार्वजनिक जगह पर अगर नेट की सुविधा न हो तो बहुत दिक्कत हो जाती है। क्योंकि आज-कल सारे काम ऑनलाइन हो गए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि यहां नेट सुविधा बहुत खराब है। देर तक डाउनलोडिंग होती रहती है। कभी-कभी तो कनेक्ट ही नहीं होता है। ऐसे में काम करने के लिए वेट करना होता कि कब नेट चले हम काम करें।

वाईफाई की व्यवस्था यहां बहुत खराब है। जिससे ऑनलाइन काम करने में बहुत दिक्कत होती है। ज्यादातर समय स्पीड स्लो रहती है। कभी-कभी तो सर्चिंग होती रहती है, नेट नही चलता। जिससे फोन के नेट से काम चलाना पढ़ता है। कभी अगर फोन का इंटरनेट डेटा न हो तो बहुत दिक्कत हो जाती है।
अमित, कर्मचारी, सैटेलाइट

एमजेपीआरयू कैम्पस
विश्वविद्यालय में वाईफाई की सुविधा होने के बाद भी न होना ही है। क्योंकि इंटरनेट कनेक्ट नहीं होता अगर कनेक्ट होता भी है तो स्पीड बहुत कम स्पीड आती है। कैंपस में रहने वाले स्टूडेंट का कहना है यहां की वाईफाई व्यवस्था खराब हो चुकी है। जिससे यहां ज्यादातर काम अपनेे फोन से ही करना होता है। ऑफिसों में भी यही है कि अगर कोई काम करवाना होता तो वहां बोलते हैं कि वेट करो नेट नहीं चल रहा है। जिससे स्टूडेंट को बहूत परेशानी होती है।

यूनीवर्सिटी में ज्यादातर काम ऑन लाइन होता है। ऐसे में इंटरनेट का न चलना परेशानी का सबब बना हुआ है। जिसकी वजह से कई दिनों तक काम पैडिंग रहता है। जिससे बार-बार चक्कर भी लगाने पड़ते हैैं। क्योंकि स्टाफ यही कहता की सर्वर डाउन है।
सैैफ, कैंपस स्टूडेंट

Posted By: Inextlive