-ड्राइवर्स-कंडक्टर्स बिना बुकिंग के ही बसों में ढो रहे हैं लगेज

बरेली: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में नियमों को ताक पर रखकर ड्राइवर्स और कंडक्टर्स लगेज ढो रहे हैं। मंडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने जब पुराना रोडवेज पर बसों का रियलिटी चेक किया तो स्थिति चौंकाने वाली निकली। दरअसल, बरेली रीजन में ड्राइवर्स और कंडक्टर्स लोगों से पैसा लेकर बस के अंदर लगेज रख रहे हैं। कई तो बाकायदा तौर पर इसके लिए ऑर्डर भी ले रहे हैं। जबकि सुरक्षा के मद्देनजर मुख्यालय का यह निर्देश है कि बस के अंदर किसी भी कीमत पर लगेज न रखा जाए। बावजूद इसके अधिकारियों की मिलीभगत से रोज यह खेल चल रहा है। यहीं नहीं पैसेंजर्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बस के अंदर लगेज को किसी भी कीमत पर नहीं रखने का नियम है। जबकि बसों का हाल कुछ ऐसा होता है कि ड्राइवर्स की केबिन में भी लगेज रख दिया जात है।

बस की छत पर खुद लाद रहे लगेज

परिवहन निगम में भी रेलवे जैसे कुली की व्यवस्था है जरूरत मंद कुली को बुलाते भी हैं लेकिन मंडे को ओल्ड रोडवेज बस स्टैंड पर मंडे को वाहनों में हवा भरने वाली टंकी को खुद ही पैसेंजर्स बस की छत पर चढ़ाने लगे। इतना ही अफसरों के सामने यह सब होता रहा, लेकिन जब फोटो क्लिक करते देखा तो टंकी को बस पर चढ़ाने से रोका और हवा भरने वाली टंकी को बस स्टैंड से बाहर किसी अदर वाहन से ले जाने के लिए कहा।

एक कार्टून के सौ रुपए

परिवहन निगम की बस से एक कार्टून भेजने के लिए जब कंडेक्टर से बात की गई तो उसने बताया कि छोटा कार्टून कहीं ले जाना है तो उसके 100 रुपए लगेंगे, अगर कार्टून बड़ा हुआ तो उसे रुपए बढ़ जाएंगे। रुपए देने के बाद साथ जाने की भी जरूरत नहीं है, किसको रिसीव करना है उसको बस का नम्बर दे दीजिए ताकि वह रिसीव करने आ सके।

जान से कर रहे खिलवाड़

सबसे अजीब बात यह है कि लगेज के साथ कोई व्यक्ति नहीं होने के बाद भी कंडक्टर लगेज को गंतव्य स्थान पर पहुंचाने का ठेका ले रहे हैं। इस दशा में लगेज पहुंचाने का चार्ज बढ़ जाता है। जबकि, सुरक्षा की दृष्टि से इस तरह की व्यवस्था पर मुख्यालय ने साफ तौर पर रोक लगा रखी है। क्योंकि, ऐसा होने पर कोई भी आराजकतत्व विस्फोटक सामाग्री भी बस के माध्यम से भेज सकता है। कंडक्टर लोगों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं।

कोविड भी दरकिनार

ट्रेनों की संख्या कम होने के चलते अधिकांश पैसेंजर्स परिवहन निगम की बसों में सफर करने को मजबूर हैं। ऐसे में बसों से सफर करने वाले पैसेंजर्स की संख्या भी बढ़ी हुई है। लेकिन इसके बाद भी बसों में सफर करने के दौरान पैसेंजर्स न तो सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो कर रहे हैं और न मास्क यूज कर रहे हैं। ऐसे में कोविड गाइड लाइन फॉलो नहीं करना बड़ा खतरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि जहां कोरोना से बचने के लिए लोगों को जहां एक तरफ अवेयनेस कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी डिपार्टमेंट ही अपनी कमाई के चलते जब इसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं लेकिन इसके बाद भी अफसरों को कोई ध्यान नहीं जा रहा है।

यह है नियम

गाइडलाइन के मुताबिक प्रति पैसेंजर 20 केजी तक सामान अपने साथ फ्री में ले जा सकता है। इससे अधिक लगेज होने पर 1.8 पैसे प्रति क्विंटल प्रति किलोमीटर के हिसाब से चार्ज करने का नियम हैं।

बसों से लगेज ले जाने पर रोक नहीं है, उस लगेज को बस के अदंर भी रख सकते हैं लेकिन उससे पैसेंजर्स को प्रॉब्लम न हो इसका ध्यान रखा जाता है। लेकिन लगेज के साथ किसी जिम्मेदार होना चाहिए।

भुवनेश्वर सिंह, एआरएम बरेली डिपो, प्रभारी आरएम

Posted By: Inextlive