पीलीभीत बाईपास पर झाडि़यों की आड़ में खाल उतारने का धंधा
मरे हुए पशुओं को डम्प करने के चलते बरेली का नरक नाम से चर्चित पीलीभीत बाईपास रोड पर अब खाल उतारने का धंधा शुरू हो गया है, जिस नगर निगम का जिम्मा बाईपास को साफ रखना है उसके ही कथित ठेकेदार के नाम पर यहां रोजाना दर्जनों मरी हुई गाय और भैंस लाकर ऊंची-ऊंची झाडि़यों और पेड़ों की आड़ में उनकी खाल उतारी जा रही है। यूं तो लाखों रुपए के इस अवैध धंधे की खबर कई दिनों से आ रही थी, लेकिन सैटरडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने एक स्टिंग ऑपरेशन कर धंधे का पर्दाफाश कर दिया।
BAREILLY: डेयरी वालों से खरीदते हैं पशुआमतौर पर समझा यह जाता है कि पीलीभीत बाइपास पर लोग मरे हुए पशुओं को लाकर फेंक जाते हैं, लेकिन दैनिक जागरण आईनेक्स्ट इन्वेस्टिगेशन से यह भी साफ है कि आरयू की दीवार से सटे करीब एक किलोमीटर लंबे इस इलाके को खाल उतारकर पशुओं को फेंकने के काम किया जा रहा है। खाल उतारने वाले आसपास कीडेयरियों से मरे हुए या बीमार जानवर औने-पौने दामों में खरीदकर बाईपास पर लाते हैं और झाडि़यों के पीछे उनकी खाल उतारकर शव को फेंक देते हैं।
दो दिन सफाई फिर थपथ्ापा ली पीठपिछले दिनों पीलीभीत बाईपास पर शव मिलने के बाद नगर निगम ने दो दिन सफाई अभियान चलाया था। जिसमें दर्जनों मृत पशुओं के शव समेत 8 ट्रॉली कूड़ा हटवाकर अधिकारियों ने अपनी पीठ थपथपा ली थी। अधिकारियों का दावा था कि डेढ़ किमी। तक नरक पूरा साफ होगा लेकिन सिलसिला सिर्फ दो दिन और अधिकतम दो सौ मीटर तक ही चला। उसके बाद न कोई सफाईकर्मी उधर पहुंचा और न ही अधिकारियों ने यह पता करने की कोशिश की कि आखिर कौन यहां फेंकता है कूड़ा और मृत पशुओं के शव।
जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम झाडि़यों से पीछे पहुंची - यह क्या कर रहे हो? खाल उतार रहा हूं सर। (बिना किसी हिचकिचाहट के तेजी से एक बछड़े की खाल उतारते हुए) - क्या नाम है तुम्हारा? अशोक - कहां रहते हो? हजियापुर - यह जानवर किसके हैं? कहां से लाए हो हमारे पास तो ठेका है। - किसने दिया है ठेका? नगर ि1नगम का है। - क्या अशोक के नाम से ठेका है क्या? नहीं कयूम का है। - तो क्या आप कहीं भी खाल उतारना शुरू कर देंगे? (चुप्पी साधी) - जानवर कहां से लाए?(थोड़ी देर चुप रहने के बाद झिझकते हुए) यहां देखिए चारों तरफ पड़े हुए हैं।
- गाय कहां से लाए?
- (कोई जवाब नहीं दिया। थोड़ी दूरी पर एक गाय का शव पड़ा हुआ था) यह है खाल उतारने वाली की बाईक फोटो। कैप्शनखाल उतारने वाला अशोक इसी बाइक से आया था। कुछ देर बाद एक बोरे में पशुओं की खाल को भर कर ले गया। बाइक का रजिस्ट्रेशन मोहम्मद कयूम के नाम है। क्या है नियम - पशुओं की खाल उतारने के बाद शव गहरे गड्ढे में दबाना होता है - शहर की आबादी से करीब सौ मीटर दूरी पर खाल उतारने का नियम - शव गाड़ न पाने की स्थिति में उसे डंप कर, तय समय निस्तारण पर करना होता है - आबादी के पास खाल उतारने पर और खुला शव फेंकने पर दंडात्मक कार्रवाई मामले की जानकारी नहीं है। यदि ठेकेदार नियमानुसार मृत पशुओं की खाल नहीं उतार रहे और शव को खुला फेंक रहे हैं तो सख्त कार्रवाई होगी। ईश शक्ति कुमार सिंह, प्रभारी नगर आयुक्त