-15 अक्टूबर से स्कूल खुलने पर स्टूडेंट्स ने जताई खुशी

-स्कूल भेजने पर पेरेंट्स को सता रहा है कोरोना संक्रमण का डर

बरेली: कोरोना काल में बच्चे मार्च से लेकर अब तक घरों में नजरबंद की सी स्थिति में रह रहे हैं। केन्द्र सरकार ने अब 15 अक्टूबर से सभी स्कूलों को खोलने की परमीशन दे दी है, तो इससे सबसे अधिक खुशी स्टूडेंट्स को ही हुई है। घरों में कोराना की बंदिशों का सामना कर रहे स्टूडेंट्स को लग रहा है कि उन्हें अब जल्दी ही इन बंदिशों से निजात मिल सकती है। स्कूल खुलने को लेकर सीनियर क्लासेस के स्टूडेंट्स ज्यादा उत्साहित हैं। उन्होंने अपनी यह खुशी आईनेक्स्ट के साथ ही शेयर की।

पेरेंट्स की सहमति जरूरी

स्कूल खुलने को लेकर भले ही स्टूडेंट्स खासे क्रेजी हो रहे हों, पर वह अपने पेरेंट्स की परमिशन से ही स्कूल जा सकेंगे। बच्चों को स्कूल जाने की परमिशन देना पेरेंट्स अपने लिए सबसे बड़ी चुनौती मान रहे हैं। उन्हें अब भी स्कूल में अपने बच्चों के संक्रमित होने का खतरा सता रहा है। इससे पेरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजने या नहीं भेजने को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं।

----------

बच्चों की बात

इतने लंबे समय से स्कूल बंद होने से हमारी रेगुलर स्टडी का शेड्यूल भी डिस्टर्ब हो गया है। घर में रहते-रहते हम बोर हो चुके हैं। अब 15 अक्टूबर से स्कूल खुलने का इंतजार है।

श्रेया जोशी

--------

कोरोना के डर से हमारा स्कूल जाना और ट्यूशन जाना भी बंद हो गया है। इससे हम अपने फ्रेंड्स से भी नहीं मिल पा रहे हैं। अब स्कूल खुलने पर हम स्कूल जरूर जाएंगे।

स्नेहा सैनी

----------

15 अक्टूबर से स्कूल खुलने का वेट कर रहे हैं। स्कूल खुलने पर हमारी क्लासेस भी शुरू हो जाएंगी और हमें स्कूल में अपने फ्रेंड्स के साथ गेम्स खेलने को मिलेगा।

----------

घर में हम ऑन लाइन क्लास तो ज्वाइन कर रहें हैं, पर इसमें मैम जो पढ़ाती हैं वह सही से समझ नहीं आता है। कभी मोबाइल में नेटवर्क भी गायब हो जाता है। इससे अब हम स्कूल जाना चाहते हैं।

---------

पेरेंट्स की बात

सरकार ने 15 अक्टूबर से स्कूलों को खोलने की परमिशन तो दे दी है, पर वहां बच्चों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित हो पाएगी। यह सभी पेरेंट्स की सबसे बड़ी टेंशन है।

रेखा जोशी

---------5

पेरेंट्स की प्राथमिकता बच्चों को कोराना संक्रमण से बचाना है। अब तक स्कूल बंद होने से बच्चे घरों में इस संक्रमण से सुरक्षित हैं, पर 15 अक्टूबर से स्कूल खुलने पर उनकी सुरक्षा की चिंता तो सता ही रही है।

भारती सैनी

---------

बच्चों की पढ़ाई के लिए उन्हें स्कूल भेजना भी जरूरी है और उन्हें कोराना से सुरक्षित रखना भी जरूरी है। सरकार को सबसे पहले बच्चों की सुरक्षा का खयाल रखना चाहिए। स्कूल में बच्चों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की मानीटरिंग नहीं हो सकती।

सतनाम सिंह अनेजा

------------

सरकार ने 15 अक्टूबर से स्कूल खुलने की परमिशन तो दे दी है, पर बच्चों को हम स्कूल तभी भेजेंगे जब स्कूलों की ओर से हमें सुरक्षा का भरोसा दिया जाएगा। हमारे लिए बच्चों की सुरक्षा पहले है।

जगत गंगवार

Posted By: Inextlive