कोरोना का कहर जारी है. प्रतिदिन 200 ऊपर केसेज आ रहे है. ऐसे में तीसरी लहर ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. इससे निपटने के लिए टेस्ट ट्रेस और टीका पर जोर दिया जा रहा है लेकिन ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर स्टाफ नर्स समेत मेडिकल स्टाफ की भारी पैमाने पर कमी होने के कारण हेल्थ डिपार्टमेंट की टेंशन बढ़ती जा रही है. सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने बताया मैन पॉवर की भारी मात्रा में कमी है. जबकि हमारी तैयारियां पूरी हैैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)। गोरखपुर में कोविड केस लगातार बढ़ रहे हैं। लेकिन कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए संचालित होने वाले सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या पर्याप्त नहीं है। जिले में 11 सरकारी व 44 प्राइवेट सहित कुल 56 कोविड अस्पताल बनाए गए हैैं। सीएमओ आफिस से मिले आंकड़ों के मुताबिक, डॉक्टर, नर्स सहित लगभग 1023 पद वैकेंट हैं। जबकि यहां करीब 2300 पद स्वीकृत हैं। हालत यह है कि लगभग 1300 हेल्थ वर्कर्स के भरोसे यहां की लगभग 52 लाख की आबादी है।होम आइसोलेशन में ज्यादा हो रहे स्वस्थ जिले में कोरोना के 1696 एक्टिव केस हैैं। जबकि दो मरीजों की मौत हो चुकी है। सीएमओ ने बताया कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार 3.6 प्रतिशत है, लेकिन कोमार्विडिटी बेहद


कम है। ऐसे में होम आइसोलेशन में रहते हुए कोरोना को मात दी जा सकती है, जो मरीज ज्यादा गंभीर हैैं, उन्हें ही एडमिट किया जा जा रहा है। गंभीर मरीजों के भर्ती होने पर यदि उन्हें डॉक्टर और हेल्थ स्टाफ नहीं मिलता तो उनकी हालत बिगड़ सकती है। मैन पॉवर की कमी के लिए शासन को अवगत करा दिया है। डॉक्टर्स के 114 पद खाली

जिले भर के सीएचसी सहित अन्य अस्पतालों के डॉक्टर पद के लिए जिले में कुल 277 पद हैं। जिसमें 159 डॉक्टर तैनात हैं, लेकिन अभी भी 114 डॉक्टरों की कमी है। इसी तरह स्टाफ नर्स के 15, डार्क रूम सहायक के 15, नॉन मेडिकल असिस्टेंट के 11, नॉन मेडिकल सुपरवाइजर के 8, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 276, क्षेत्र सेवक के 32, ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला के 239, स्वास्थ्य कार्यकर्ता पुरुष के 214 और सहायक शोध अधिकारी के 27 पद रिक्त हैं। इनकी कमी होने से कोविड के गंभीर मरीजों के इलाज में दिक्कत आ सकती है। प्रतिदिन हो रहे है दस हजार टेस्टिंग सीएमओ ने बताया कि कोरोना के केसेज को बढ़ते देख टेस्टिंग का टारगेट बढ़ा दिया गया है। प्रतिदिन अब दस हजार सैैंपल की जांच की जा रही है। जबकि पहले 5-6 हजार टेस्टिंग प्रतिदिन हो रही थीं। इसके लिए सभी सीएचसी-पीएचसी, जिला अस्पताल और सात प्राइवेट लैब में टेस्टिंग कराई जा रही हैं। इसके अलावा रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर जांच की जा रही है।12 हजार से अधिक की ट्रेसिंग डीएचईआईओ केएन बरनवाल ने बताया कि कोविड कंट्रोल रूम से लगातार टे्रसिंग की जा रही हैैं। किसी व्यक्ति के कोविड पॉजिटिव होने पर उसके संपर्क में आने वाले परिवार के

बाकी सदस्यों की कोविड जांच कराई जा रही है। इसके लिए बाकायदा टीम लगाई गई है। आरआरटी घर जाती हैैं और फार्म फिलअप करती है। उन्होंने बताया कि ट्रेस के लिए 12 हजार से अधिक लोगों को ट्रेस किया जा चुका है।कोविड अस्पताल - बेड कुल उपलब्ध बेड - 2652सरकारी अस्पतालों में बेड - 1205निजी अस्पतालों में बेड -1447आईसीयू बेड - 927पीडियाट्रिक आईसीयू बेड - 89बढ़ाए जाएंगे बेड - 350तैयार ऑक्सीजन प्लांट - 16निर्माणाधीन - 01अब तक हुए कोविड वैक्सीनेशन - 49,73,622 फस्र्ट डोज - 30,47,440सेकेंड डोज - 19,20,061प्रिकॉशन डोज - 6,121अब तक पुरुषों के हुए वैक्सीनेशन - 24,21,048अब तक महिलाओं के हुए वैक्सीनेशन - 25,43,545अब तक कोविशील्ड - 42,87,368अब तक कोवैक्सीन - 6,86,25415-17 वर्ष - 98,02618-44 वर्ष - 31,61,10145-60 वर्ष - 10,67,03360 वर्ष - 6,47,462वर्जनहमारी तरफ से पूरी तैयारियां है, लेकिन मैन पॉवर की कमी है। रिक्त पदों की सूची तैयार की गई है। सूची शासन के पास भेजी है। जल्द ही इन रिक्त पदों को भर लिया जाएगा।डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ गोरखपुर

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