असुरन में तो गलिया ही हैं यूरिनल
- असुरन चौराहा स्थित मार्केट के पास एक भी यूरिनल नहीं
- दुकानदार, कस्टमर से लेकर राहगीर तक को होती है परेशानी GORAKHPUR: सिटी में जाम के झाम से बचने के लिए आपने कितनी ही बार गलियों का सहारा लिया होगा लेकिन असुरन एरिया में पब्लिक को यूरिनल के लिए भी यही करना पड़ता है। असुरन स्थित चौराहा के मार्केट में आने वाले कस्टमर्स, दुकानदारों से लेकर राहगीरों तक के लिए गलियां ही यूरिनल के काम आती हैं। ऐसे में इन गलियों से गुजरने वाले मोहल्ले की महिलाएं, लड़कियां झेप जाती हैं। इधर, इनकी मजबूरी है कि मार्केट में कहीं यूरिनल ही नहीं है तो जाएं तो जाएं कहां। यह है असुरनआईनेक्स्ट के कैंपेन 'जाएं तो जाएं कहां' के तहत गुरुवार को आई नेक्स्ट रिपोर्टर अपने कैमरा पर्सन के साथ असुरन मार्केट पहुंचा। यहां सबने इस कैंपेन की सराहना की और जिम्मेदारों के बंद आंखों को खोलने को कहा। असुरन चौराहा स्थित राप्ती कॉम्पलेक्स यूं तो बहुत पुराना है। हिंदी बाजार, गोलघर, अलीनगर मार्केट के बाद अगर किसी मार्केट का नाम आता है तो वह है असुरन का मार्केट। असुरन स्थित मार्केट के राप्ती कॉम्प्लेक्स में शादी ब्याह से जुड़े सामान और ज्वेलरी शॉप की भरमार है। ऐसे में आम बाजार, डेयरी कॉलोनी, बिछिया, बौलिया कॉलोनी, बशारतपुर, पादरीबाजार, राप्तीनगर आदि एरिया के मोहल्लेवासी अपने जरूरत के सामान खरीदने यहीं आते हैं। मार्केट में आने वाले लोगों को उनके जरूरत की चीजें तो आसानी से मिल जाती हैं लेकिन उन्हें यूरिनल की समस्या से जूझना पड़ता है।
होती है दिक्कत कई बार तो कस्मटर्स खरीदारी में मशगूल रहते हैं और उन्हें यूरिनल जाने की जरूरत पड़ जाती है। जब तक हो सकता है वे इसे रोककर रखते हैं लेकिन अधिक दिक्कत होने पर वे आधे अधूरे सामान खरीदकर ही किसी तरह घर जाने को मजबूर हो जाते हैं। कई बार तो दुकानदार भी इस समस्या को लेकर जूझते नजर आते हैं। दुकानदारों की मानें तो जब से उनकी दुकानें खुली हैं, तब से यूरिनल की कोई व्यवस्था ही नगर निगम द्वारा नहीं की गई। जबकि यूरिनल होना बेहद जरूरी है। खास बातें - लगभग 35-40 हजार उपभोक्ता डेली मार्केट करने आते हैं - सोना-चांदी के साथ ही फुटकर व थोक सामान का होता है कारोबार - घरेलू सामान से लेकर दूल्हा-दुल्हन के साज-सज्जा के सामान - कास्मेटिक आईटम्स से लगायत बेड शीट और किचन आईट्म्स की होती है खरीदारी - 3 करोड़ से अधिक का है कारोबार- 2000 से ऊपर है फुटकर कारोबारियों की दुकानें
- 150 से ऊपर हैं सोने-चांदी की दुकानें - मेडिकल रोड पर है शॉपिंग काम्प्लेक्स यहां लेते हैं सहारा - राप्ती कॉम्प्लेक्स से सटे ग्राउंड के पास वाली गली। - मेडिकल कॉलेज रोड से पिपराइच रोड वाली गली। - असुरन चौराहा स्थित राजकीय गर्ल्स पॉलीटेक्निक कॉलेज वाली गली। - असुरन से पिपराइच जाने वाली सड़क के किनारे। - मेडिकल कॉलेज रोड पर जाने वाली सड़क के बीच से निकलने वाली गलियां। - पिपराइच रोड से लगी जेल रोड वाली गली। कोट्स आईनेक्स्ट की तरफ से चलाया जा रहा कैंपेन सराहनीय है। जब भी पेशाब की जरूरत महसूस होती है, पॉलीटेक्निक गर्ल्स कॉलेज वाली रोड की गली का सहारा लेना पड़ता है। यूरिनल नहीं होने से काफी प्राब्लम होती है। - अजय मौर्य, दुकानदार असुरन चौराहे पर हम लोग मार्केट करने आते हैं। हमारे मोहल्ले से यह चौराहा नजदीक है। लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि इतने बड़े मार्केट में यूरिनल की व्यवस्था नहीं है। हर तरफ विकास हो रहा है तो जिम्मेदार यूरिनल का निर्माण पता नहीं क्यों भूल जाते हैं। विकास, कस्टमरआपके अखबार के माध्यम से यह कहना चाहती हूं कि असुरन चौराहा मार्केट में हजारों की तादाद में पब्लिक रोज आती है। लेकिन इतने बड़े मार्केट में कहीं भी यूरिनल की व्यवस्था नहीं है। जबकि यूरिनल फर्स्ट प्रायरिटी होनी चाहिए।
उर्मिला, कस्टमर मैं तो इसका भुक्तभोगी हूं। मुझे जब भी यूरिनेट महसूस होती है। मैं गलियों का सहारा लेता हूं, आखिरकार जाएं कहां। दुकान छोटी है, दुकान में तो टायलेट बना नहीं सकता। ऐसे में अगर पब्लिक टायलेट होता तो यह दिक्कत नहीं उठानी पड़ती। शिव, दुकानदार