क्वालिटी नहीं जांची, सीटी के चलते कटौती की परेशानी
- सब स्टेशंस के कंट्रोल ट्रांसफॉर्मर्स की घटिया क्वालिटी है आए दिन की कटौती की वजह
- स्काडा के तहत लगाए गए थे सीटी, पता थी हकीकत लेकिन आंखें मूंदे रहे बिजली विभाग के अधिकारीGORAKHPUR: आए दिन सब स्टेशंस पर फॉल्ट के चलते हो रही घंटो कटौती की मुसीबत खुद बिजली विभाग के जिम्मेदारों ने ही खड़ी की है। स्काडा योजना के तहत आठ सब स्टेशंस पर लगाए गए सीटी (कंट्रोल ट्रांसफॉर्मर) जरा भी लोड बढ़ते ही दग जा रहे हैं। ये कोई संयोग नहीं बल्कि सीटी के क्वालिटी चेक में बरती गई लापरवाही का नतीजा है। सूत्रों की मानें तो लगभग एक साल पहले हुए इस कार्य के दौरान जिम्मेदारों को सीटी की घटिया क्वालिटी की जानकारी थी, लेकिन किसी ने आपत्ति तक नहीं जताई। वहीं, सब स्टेशंस पर लगे सीटी की घटिया क्वालिटी के चलते फीडर की लाइन में खराबी आने पर सीटी दग जा रहे हैं और मोहल्लों में कई घंटे तक बिजली गुल हो जा रही है।
क्यों लगाया जाता है सीटीकंट्रोल ट्रांसफॉर्मर का मुख्य काम बैक करंट से सब स्टेशन की सुरक्षा होता है। सब स्टेशन से बिजली मोहल्ले में जिस लाइन से जाती है, उसमें खराबी आने पर कई बार करंट कंज्यूमर्स के घर न पहुंचकर वापस सब स्टेशन पर ही आ जाता है। जिससे सब स्टेशन पर फ्लक्चुएशन होता है लेकिन सीटी इसे संभाल लेता है। लेकिन इसके ना होने या खराब क्वालिटी के होने पर सब स्टेशन में ही खराबी आ जाती है। अगस्त माह में रेलवे स्टेशन फीडर के दो तार आपस में टच कर गए थे जिसका उल्टा झटका सब स्टेशन पर पड़ा। फीडर पर सीटी ना होने के कारण केबल में शार्ट सर्किट हो गया और सब स्टेशन में आग लग गई। जिस कारण शहर के सबसे वीआईपी एरिया गोलघर, रेलवे स्टेशन सहित लगभग आधा दर्जन से अधिक एरिया में तीन घंटे तक बिजली गुल रही। इसी तरह एक हफ्ते पहले बक्शीपुर में सीटी डैमेज होने के कारण पूरा सब स्टेशन दोपहर एक बजे से लेकर शाम 5.30 बजे तक बंद रहा।
राप्ती नगर और नार्मल में ज्यादा परेशानीखराब क्वालिटी वाले सीटी के चलते सबसे ज्यादा दिक्कत राप्ती नगर और नार्मल सब स्टेशन पर हो रही है। यहां स्थिति यह है कि जब भी लोड बढ़ता है, अचानक सीटी दग जाते हैं और कई घंटों के लिए बिजली गुल हो जाती है। सब स्टेशन के जिम्मेदारों की मानें तो मई और जून में गर्मी के कारण सीटी पांच बार से अधिक दगी।
घटिया सीटी वाले सब स्टेशन सब स्टेशन के जुड़े कंज्यूमर्स राप्ती नगर 18000 नार्मल 5000सूरजकुंड 12000
विकास नगर 12000 कोट्स शहर में बिजली विभाग के अफसरों की लापरवाही के कारण ही बिजली गुल होती है। अगर कार्य सही और मानक के हिसाब से हो तो इतनी बिजली ही गुल नहीं होती। - बृजेश पांडेय, प्रोफेशनल अगर अफसर फील्ड में रहते तो उनको पता होता कि किस फीडर पर कितने कंज्यूमर्स है और कितना लोड है। अफसर न सब स्टेशन जाते हैं और न ही फील्ड में रहते हैं। - अभिषेक कुमार गुप्ता, व्यापारी वर्जन घटिया क्वालिटी के सीटी लगने की जानकारी मिली है। इसकी जांच की जा रही है और एमडी आफिस को पत्र लिखकर भुगतान रोकने के लिए कह दिया गया है। - एके सिंह, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगमदुर्गाबाड़ी 6000
बक्शीपुर 35000 खोराबार 22000 शाहपुर 21000