- बीआरडी में महराजगंज के एक कैदी को चार बार किया एडमिट, हर बार बिना इलाज लौटाया

- चौथी बार महराजगंज जिला अस्पताल ने रेफर किया बीआरडी तो बीआरडी ने फिर भेज दिया जिला अस्पताल

- कैदी के पैर में लगी थी गोली, सीआर्म मशीन खराब होने की बात कह डॉक्टर ने टाल दिया ऑपरेशन, इंफेक्शन फैलने से हो सकती है मौत

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन के लिए किसी की जान की क्या अहमियत है, यह जानने के लिए महराजगंज जिला जेल में बंद कैदी मुकेश हजारपुरिया एक नजीर है। कैदी के पैर में गोली लगी थी। डॉक्टर्स के ही मुताबिक उसके पैर का ऑपरेशन बहुत जरूरी है लेकिन, बीआरडी में उसे चार बार एडमिट कराया गया और हर बार डॉक्टर्स कुछ न कुछ बहाना कर ऑपरेशन टालते रहे। गुरुवार को चौथी बार कैदी के ऑपरेशन को डॉक्टर ने यह कहते हुए टाल दिया कि सीआर्म मशीन खराब है। यही नहीं, कैदी को महराजगंज जिला अस्पताल से बीआरडी रेफर किया गया था लेकिन बीआरडी से डॉक्टर ने उसे फिर महराजगंज जिला अस्पताल जाने की सलाह दे दी। 16 मई को पहली बार बीआरडी पहुंचे कैदी के ऑपरेशन का 'मुहूर्त' मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही के कारण अब तक नहीं बन पाया।

ऐसे हो रहा 'इलाज'

मुकेश हजारपुरिया दोष सिद्ध कैदी है जो महराजगंज जिला कारागार में बंद है। इसके बाए पैर में गोली लगी थी। मुकेश हजारपुरिया को पहली बार 16 मई को मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया। करीब 20 दिन बाद 7 जून को डिस्चार्ज कर दिया गया लेकिन ऑपरेशन नहीं किया। फिर 24 जुलाई को एडमिट किया। इस बार भी ऑपरेशन नहीं किया। तीसरी बार जेल प्रशासन 28 जुलाई को कैदी को लेकर पहुंचा तो उसे एडमिट नहीं किया गया। चौथी बार 4 अगस्त को उसे एडमिट कराया गया लेकिन सीऑर्म मशीन खराब होने की बात कहते हुए ऑपरेशन को फिर टाल दिया गया।

सहमति के बाद हुआ भर्ती

गुरुवार को कैदी मुकेश हजारपुरिया को लेकर पुलिसमेडिकल कॉलेज पहुंची। इससे पहले प्रिंसिपल की ओर से बनाई गई चार सदस्यीय टीम ने जांच रिपोर्ट दे दी थी। टीम ने अस्पताल में उसे भर्ती करने पर सहमति जता दी थी। सहमति के बाद जब पुलिस कैदी को लेकर पहुंची तो डॉक्टर ने पर्ची पर सीआर्म मशीन खराब होने की बात लिखते हुए ऑपरेशन को टाल दिया। मशीन ठीक होने पर आठ दिन बाद ही उसका ऑपरेशन संभल है। सवाल यह है कि जब मशीन खराब थी तो टीम ने एडमिट करने पर सहमति क्यों दी थी?

जहां से आया था, वहीं भेजा

डॉक्टर ने कैदी की पर्ची पर यह भी लिख दिया कि महराजगंज जिला अस्पताल में सुविधा हो तो इलाज संभव है। साथ ही आठ दिन के अंदर मशीन ठीक होने की बात कह दिया। पुलिस महराजगंज जिला अस्पताल से ही पेशेंट को लेकर आई थी। वहां से डॉक्टर ने उसे बीआरडी रेफर किया था। अब फिर बीआरडी से डॉक्टर ने उसे महराजगंज जिला अस्पताल भेज दिया। पुलिस भी कैदी को लेकर महराजगंज चली गई।

वर्जन

जनरल ओटी और ट्रामा सेंटर की सीआर्म मशीन खराब है। ठीक कराने के लिए संबंधित इंजीनियर से बात की गई है। ठीक होने में आठ दिन लग सकते हैं। इसी वजह से कैदी का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है। मशीन ठीक होने के बाद ही ऑपरेशन किया जाएगा।

डॉ। एके श्रीवास्तव, एसआईसी, मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive