बड़े जोर-शोर से गोरखपुर को राज्य स्मार्ट सिटी के तहत डेवलप करने के दावे हुए थे. योजनाएं भी बनीं पर कुछ ही परवान चढ़ सकीं. इसमें काम के आईटीएमएस को खास उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।राज्य स्मार्ट सिटी के तहत हेल्थ एटीएम, मल्टीलेवल पार्किंग और स्कूलों के कायाकल्प की योजना ठंडे बस्ते में है। इन योजनाओं के पूरा न होने से गोरखपुराइट्स को स्मार्ट सिटी के लिए लंबा इंतजार करना होगा। हेल्थ एटीएम लगाने की योजना अधर में नगर निगम में सात जगहों पर हेल्थ एटीम लगाने की कवायद शुरू की थी। इसके लिए डीपीआर कंसलटेंट के पास भेजी गई थी। यहां से ओके होने के बाद शासन को भेजा जाती। कई महीने बाद भी यह योजना लटकी है। अगर यह योजना पूरी हो गई होती तो एक ही जगह कई जांचों की सुविधा लोगों को मिल जाती। गोरखपुराइट्स को घर के नजदीक ही स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिल जाती और उन्हें व्यर्थ की भागदौड़ नहीं करनी पड़ती। सितंबर-अक्टूबर 22 में भेजी गई डीपीआर का क्या हुआ, कुछ भी अता-पता नहीं चल रहा।


मंजूरी और बजट पास, फिर भी फंसी मल्टीलेवल पार्किंग

जलकल के बाद शहर की दूसरी मल्टीलेवल पार्किंग निर्माण से पहले ही अधर में लटक गई। इस पार्किंग की मंजूरी और बजट भी पास हो गया है। सीएंडडीएस ने निर्माण की तैयारी भी शुरू कर ली थी। अप्रैल 22 में बस स्टेशन के पास श्रम विभाग की जमीन पर एक पेच फंसने से निर्माण शुरू ही न हो सका। यह मल्टीलेवल पार्किंग 2956 वर्ग मीटर एरिया में बननी है। कुल छह फ्लोर बनने के साथ 500 से अधिक फोर व्हीलर खड़ी करनी की व्यवस्था बनाई जानी थी। इसके साथ ही 26 दुकानों बनाई जानी हैं। पार्किंग के बाहर आटोमेटिक टिकट डिस्पेंसर मशीन लगाने की भी तैयारी है। पार्किंग पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे की जद में रहेगी। सिर्फ आईटीएमएस की मिली है सौगात गोरखपुर में आईटीएमएस यानी इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम शुरू हो चुका है। इसकी वजह से ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वालों के चालान आटोमेटिक हो जा रहे हैं। यही कारण है कि ट्रैफिक नियमों का पालन कराने में पुलिस को अब काफी कम मशक्कत करनी पड़ रही है। साथ ही दुघर्टना होने की दशा में भी तत्काल सहायता उपलब्ध कराने में मददगार साबित हो रही है। आईटीएमएस से गोरखपुर को नई पहचान मिली है। 10 स्कूलों का कायाकल्प भी सुस्त

नगर निगम शहरी एरिया के 10 कंपोजिट स्कूलों का कायाकल्प करेगा। इसमें क्लास को भी स्मार्ट बनाया जाएगा, ताकि कॉनवेट स्कूल के बच्चों की तरह बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकें। आठ करोड़ से अधिक रकम खर्च इस पर खर्च होंगे। नगर निगम ने इसका डीपीआर बनाकर शासन को भेजा है। साथ ही उम्मीद भी है कि जल्द पास होकर आ जाएगी। योजना के तहत मिर्जापुर, जंगल शालिकग्राम, रावत, मानबेला, गिरधरगंज, कांशीराम, कालोनी, अलहदादपुर, हजारीपुर, सेमरा नंबर दो, पीएसी कैंप के स्कूल का कायाकल्प किया जाएगा। हालांकि, यह योजना भी सुस्त गति से चल रही है। राज्य स्मार्ट सिटी में शामिल हैं ये सिटी गोरखपुरअयोध्याशाहजहांपुरमेरठगाजियाबादमथुराफिरोजाबाद फैक्ट एंड फीगर सालाना 50 करोड़ का है बजटपांच साल में विकास लक्ष्य 2021 में आईटीएमएस निर्माण से हुई शुरुआत मल्टीलेवल पार्किंग के लिए बजट हो चुका है पास जोनल ऑफिस की भी चल रही कवायद स्मार्ट सिटी में ओल्ड एज होम की भी चल रही कवायद राज्य स्मार्ट सिटी के तहत शहर के विकास की कवायद चल रही है। कई योजनाएं फलीभूत हुई हैं, कुछ में प्राब्लम आई है लेकिन जल्द ही इसको दूर कर लिया जाएगा। गोरखपुर विकास के पथ पर चल रहा है। - अविनाश सिंह, नगर आयुक्त गोरखपुर

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