GORAKHPUR : 'सबका साथ सबका विकास' बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी ने इसी नारे के साथ अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की थी. मोदी की छवि भी ऐसे नेता की रही है जो कॉर्पोरेट और बिजनेसमैन को साथ लेकर चलते हैं. मगर 23 जनवरी को सिटी में होने वाली उनकी रैली के लिए उनके अपने समर्थक ही इस नारे के उलट काम कर रहे हैं. अपनी राजनीतिक छवि चमकाने की होड़ में मोदी के चाहने वालों ने सारे नियम कायदे ताक पर रख दिए हैं. मोदी के स्वागत में उनके चाहने वालों ने पूरे शहर को अवैध होर्डिंग्स से पाट दिया है लेकिन इनकी यह अवैध कोशिश सिटी के एडवरटाइजर्स के लिए रोजी-रोटी का संकट बन गई है. एक ओर तो वह होर्डिंग्स पर नेताओं के अवैध कब्जे से परेशान है दूसरा जीएमसी ने उन्हें भुगतान का नोटिस भी थमा दिया है. मोदी के स्वागत में लगी होर्डिंग्स को किराया भी उन्हें नहीं मिला है. दिलचस्प बात ये है कि इन चुनावी होर्डिंग्स में से ज्यादातर ऐसे नेताओं की हैं जिनका सिटी से कोई वास्ता ही नहीं है. ये बस अपनी राजनीति चमकाने के लिए सिटी की होर्डिंग्स पर अवैध कब्जा जमाए बैठे हैं.


कब्जे ने खराब किया बिजनेस स्कूल्स में एडमिशन प्रोसेस शुरू हो चुके हैं, आमतौर पर इन दिनों में सिटी की होर्डिंग्स पर स्कूल्स के विज्ञापन नजर आते हैं। मगर इस बार तस्वीर कुछ बदली हुई है। सिटी की होर्डिंग्स पर नन्हें मुन्हों के खिलखिलाते चेहरों की जगह नेताओं ने ले ली है। एडवरटाइजर्स की मानें तो इन दिनों में स्कूल, कोचिंग के विज्ञापनों की भरमार होती है, मगर रैली के चलते छुटभैये नेताओं ने होर्डिंग पर कब्जा करके पूरा बिजनेस खराब दिया है।जीएमसी की होर्डिंग्स पर भी कब्जा


नेताओं ने मोदी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने की होड़ में नियमों को तोडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सिटी में इस समय नरेंद्र मोदी के स्वागत में 1050 से अधिक होर्डिंग्स लगाए गए हैं। इनमें जीएमसी की वैध 390 होर्डिंग्स भी शामिल हैं। सिटी में रेलवे स्टेशन, धर्मशाला, तरंग, गोरखनाथ, असुरन चौक, गोलघर, मोहद्दीपुर बस स्टेशन, बेतियाहातासे लेकर मानबेला तक पूरा शहर होर्डिंग्स से पटा हुआ है। इन होर्डिंग्स से जीएमसी को सालाना लगभग 1 करोड़ रुपए की आय होती है। सिटी में होर्डिंग्स लगाने के लिए जिन 25 कंपनीज को ठेका दिया गया है, उन्हें एक स्पेसिफिक कलर एलॉट किया गया है। जीएमसी के नियमानुसार अगर होर्डिंग खाली है तो उन्हें इसी कलर में होर्डिंग रंगनी होती है। इसके अलावा किसी और कलर में रंगी होर्डिंग अवैध की कैटेगरी में आ जाती है।फैक्ट फाइल सिटी में वैध होर्डिंग- 390एलॉटमेंट रेट लिस्ट (पर इयर)साइज        प्राइस20 बाई 10        14 हजार40 बाई 20        1 लाख रुपए60 बाई 20        3 लाख रुपएसोर्स- जीएमसीनुकसान होना तय

मोदी के स्वागत में लगी होर्डिंग्स से सिटी की एडवरटाइजिंग कंपनीज को तगड़ा नुकसान हुआ है। एक एडवरटाइजिंग कंपनी के मैनेजर के मुताबिक उन्होंने जीएमसी से 25 होर्डिंग्स एलॉट करवाई थी। जिनमें से 7 होर्डिंग्स एक कॉलेज को एलॉट की थी मगर नेताओं ने होर्डिंग पर कब्जा कर लिया और कॉलेज ने पैसा वापस ले लिया। अभी तक 87 हजार रुपए का नुकसान हो गया है। एक  दूसरी एजेंसी के मैनेजर का कहना है कि पिछले 30 दिन से मोदी जी टंगे हुए हैं, उसके बाद वसंत पंचमी, होली और नव सम्वत आ जाएगा। हमारा बिजनेस केवल चार महीने रहता है। इस वक्त स्कूल्स के होर्डिंग लगते हैं मगर सारी होर्डिंग्स पर नेताओं ने कब्जा कर लिया है। सिटी की एक प्रमुख एडवरटाइजिंग एजेंसी के मुताबिक नेताओं के कब्जे के चलते इस सीजन में एडवरटाइजर्स को करीब 20 लाख रुपए का नुकसान होने की संभावना है।जीएमसी ने थमाया एडवरटाइजर्स को नोटिसहोर्डिंग्स के सितम से परेशान एडवरटाइजर्स को जीएमसी भी झटके दे रहा है। साल के 8 महीने नेता लोग सिटी की होर्डिंग्स पर कब्जा किए रहते हैं, जिन्हें हटाने के लिए जीएमसी कोई कार्रवाई नहीं करता है। लेकिन जब पेमेंट का वक्त आता है तो जीएमसी एडवरटाइजर्स को नोटिस थमा देता है। दिसंबर एंड से ही सिटी में मोदी के स्वागत में होर्डिंग्स लगने शुरू हो गए, एडवरटाइजिंग कंपनीज उसी वक्त से होर्डिंग खाली कराने के लिए जीएमसी के चक्कर लगा रही हैं। मगर जीएमसी ने उल्टा उन्हें ही 27 जनवरी तक पूरा भुगतान करने का नोटिस पकड़ा दिया। साथ ही होर्डिंग्स को जब्त करने के साथ ही फर्म को ब्लैकलिस्ट करने की वार्निंग भी दी है।मेरे 30 होर्डिंग सिटी में हैं, दिसंबर में तीन कोचिंग वालों से बात हुई थी। यह होर्डिंग पूरे साल लगे रहते, लेकिन मोदी के समर्थकों ने पूरे मंसूबे पर पानी फेर दिया। होर्डिंग लगाने वालों की ओर से मुझे कोई भुगतान नहीं किया गया है।मोहम्मद एयाज उर्फ मुन्ना, एक्टिव आर्ट एजेंसी

जीएमसी कोई सहयोग नहीं करता है। एक साल के लिए हम लोग होर्डिंग्स लेते हैं, लेकिन केवल अप्रैल से जुलाई तक हम लोगों को होर्डिंग्स मिलती हैं। बाकी वक्त नेता लोग टंगे रहते हैं वो भी बिना कोई किराया दिए।अश्वनी सिंह, ओरिएंटल एंड मार्केटिंगकोई सुनने को तैयार नहीं है। 20 साल से इस व्यवसाय को देख रहा हूं। जीएमसी कभी हम लोगों के साथ नहीं देता। न ही हम लोगों की कहीं सुनवाई होती है।अमरलाल गुप्ता, अजंता पब्लिसिटीएडवरटाइजिंग एजेंसीज का बकाया भुगतान का नोटिस दिया गया है। एडवरटाइजर्स की तरफ से होर्डिंग्स पर कब्जे की शिकायतें मिली हैं जिन पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।गोपीकृष्ण श्रीवास्तव, डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्नर

Posted By: Inextlive