GORAKHPUR : राजघाट के राप्ती पुल से छलांग लगाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. पिछले दो दिनों हुई ऐसी दो घटनाएं साबित करती हैं कि प्रशासन पुल पर जाली लगाने को लेकर गंभीर नहींहै. कई बार जाली लगाने की स्कीम बनी लेकिन सब कागजों पर ही दम तोड़ रहे हैं. संडे को भी एक व्यक्ति ने राप्ती पुल से छलांग लगा दी. दो दिन पहले 11वीं के एक स्टूडेंट ने भी पुल से कूदकर अपनी जान दे दी थी.


बाइक और मोबाइल छोड़ कूद गया सैफ संडे दोपहर 3 बजे के अपनी दुकान खुली छोड़ कर बाइक से राजघाट के पुराने पुल पर पहुंचा। इसके बाद उसने अपनी बाइक खड़ी की, उस पर अपना मोबाइल रखा और नदी में छलांग लगा दी। घटना की सूचना आस पास के लोगों ने पुलिस को दी। सूचना पाकर नौसढ़ और टीपी नगर पुलिस चौकी की फोर्स मौके पर पहुंची। सैफ की पानी में तलाश शुरू की गई, लेकिन उसका पता नहीं चला। अभी और कितनी मौत का इंतजार
राजघाट पुल पिछले कई सालों में सैंकड़ों लोगों की मौत की वजह बना है। 2010 में सिलसिलेवार हादसे के बाद तत्कालीन डीआईजी असीम अरूण ने प्रशासन को पुल पर लखनऊ के गोमती नदी की तर्ज पर जाली लगवाने के लिए पत्र भी लिखा था। तत्कालीन डीएम अजय शुक्ल ने इस प्रस्ताव पर स्वीकृति भी दी थी, लेकिन आज तक जाली लगवाने का काम शुरू नहीं हुआ।

Posted By: Inextlive