जब आ गई बाढ़, तब जागे हैं जिम्मेदार
- जिले की हर तहसील में रखवाई गई थी नाव, लेकिन सभी की हालत है खराब
- 607 में से महज 250 नाव लगाई गई काम पर GORAKHPUR: जिले में बाढ़ से हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। पानी एक के बाद एक गांव को अपनी आगोश में ले रहा है। ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन भी तेज हो चला है। लेकिन जिम्मेदार तब जागे हैं जब बाढ़ आ गई है। बाढ़ के दौरान लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाने के लिए 607 नाव मौजूद हैं जिनमें सबसे ज्यादा कैंपियरगंज और उसके बाद गोरखपुर सदर में हैं लेकिन अधिकतर काम लायक नहीं है। हालत यह है कि अब इलाहाबाद से भी नाव मंगवाई है। सबसे ज्यादा नाव सदर मेंरेस्क्यू ऑपरेशन की बात की जाए तो गोरखपुर सदर और कैंपियरगंज में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। इन दोनों जगहों से लोगों को निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इसमें एनडीआरएफ के साथ ही पीएसी और सेना की टीम लगी हुई है। गोरखपुर सदर की बात करें तो अब तक यहां 98 नाव लगाई जा चुकी हैं और इलाहाबाद से आने के बाद इनमें और इजाफा किया जाना है। वहीं कैंपियरगंज में सबसे ज्यादा गांव यही पर डूबे हुए हैं और यहां भी 62 नाव के जरिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस वक्त कुल 250 नाव के जरिए लोगों की जान बचाई जा रही है।
1998 में लगी थी 1756 नाव जिस तरह बाढ़ तबाही मचा रही है, उससे लोग अंदाजा लगा रहे हैं कि इस बाद स्थिति 1998 से भी खतरनाक है। 1998 की बात की जाए तो उस दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन में 1756 नाव लगाई गई थी। इसमें 1191 नाव की लोकल लेवल पर व्यवस्था की गई थी, जबकि 565 नाव प्रदेश के कई जिलों से मंगवाई गई थी। 2007 में आई बाढ़ में 598 नाव के जरिए राहत और बचाव कार्य किया गया। इस दौरान 25 नाव वाराणसी से भी मंगवाई गई थी। 2008 की बात की जाए तो 686 नाव रेस्क्यू के लिए लगाई गई थी। बॉक्स - नाव आने में भी फंस रहा है पेंचजिला प्रशासन ने नाव मंगवाने के लिए इलाहाबाद के जिला प्रशासन को लेटर तो भेज दिया, लेकिन गोरखपुर नाव लाने में लोगों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन पहले मांगी गई 50 नाव अब तक नहीं पहुंच सकी है। वहीं 50 एक्स्ट्रा नाव के लिए भी जिम्मेदारों ने डिमांड कर दी है। कोई भी ट्रांसपोर्टर नाव लाने के लिए तैयार ही नहीं है। किसी तरह लोकल आरटीओ की मदद से नाव मंगवाई जा रही है। 50 में से अब तक 42 नाव गोरखपुर पहुंच चुकी हैं, जिन्हें अलग-अलग ठिकानों के लिए रवाना कर दिया गया है। वहीं बाकी बची 58 नाव इलाहाबाद प्रशासन मैनेज कर भेजने में लगा हुआ है। बताते हैं कि यहां नाव लाने के क्रम में पुलिस रोक ले रही है। आला अधिकारियों से बात कराने पर ही नाव लाने दे रहे हैं।
कहां कितनी नाव मौजूद तहसील छोटी मझोली बड़ी टोटल सदर 11 121 16 148 कैंपियरगंज 165 37 25 227 चौरी चौरा 02 08 15 25गोला 28 51 13 92
सहजनवां 00 33 03 36 बांसगांव 01 09 25 35 खजनी 01 37 06 44 टोटल नाव छोटी - 208 मझोली - 296 बड़ी - 103 टोटल - 607 कहां कितनी नाव लगी सदर - 98 गोला - 28 चौरी चौरा - 7 कैंपियरगंज - 62 सहजनवां - 20 खजनी - 35 1998 में यहां से आई थी नाव कानपुर वाराणसी इलाहाबाद कुशीनगर बांदा गाजियाबाद कौशांबी मथुरा भदोही गाजीपुर मऊ मिर्जापुर हरिद्वार ------------- वर्जनगोरखपुर में रेस्क्यू ऑपरेशन काफी तेजी से चल रहा है। जिला प्रशासन की करीब 250 नाव रेस्क्यू में लगी हुई हैं। वहीं एनडीआरएफ और पीएसी की बोट के जरिए भी लोगों को निकाला जा रहा है। इलाहाबाद से 100 नाव मंगवाई गई हैं, जिनमें से 42 नाव गोरखपुर पहुंच चुकी हैं। बाकी भी कल तक आ जाएंगी।
- डॉ। चंद्रभूषण त्रिपाठी, एडीएम एफआर/प्रभारी अधिकारी बाढ़