सीएसजेएमयू में माइनर सब्जेक्ट के एग्जाम और सिलेबस को लेकर मंथन शुरु हो गया है. न्यू एजुकेशन पॉलिसी एनईपी को लागू करने के बाद स्टूडेंट को मेजर के साथ साथ माइनर सब्जेक्ट को लेकर उसकी पढ़ाई भी करनी होती है. ऐसे में सबसे बड़ी समस्या स्टूडेंट को माइनर सब्जेक्ट के एग्जाम और सिलेबस में आती है. अपने कोर्स के एग्जाम के पहले या बाद में स्टूडेंट को माइनर सब्जेक्ट के एग्जाम को लेकर भी सजग रहना पड़ता है.

कानपुर (ब्यूरो)। सीएसजेएमयू में माइनर सब्जेक्ट के एग्जाम और सिलेबस को लेकर मंथन शुरु हो गया है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) को लागू करने के बाद स्टूडेंट को मेजर के साथ साथ माइनर सब्जेक्ट को लेकर उसकी पढ़ाई भी करनी होती है। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या स्टूडेंट को माइनर सब्जेक्ट के एग्जाम और सिलेबस में आती है। अपने कोर्स के एग्जाम के पहले या बाद में स्टूडेंट को माइनर सब्जेक्ट के एग्जाम को लेकर भी सजग रहना पड़ता है। इसके अलावा कभी कभी माइनर सब्जेक्ट के सिलेबस को लेकर भी स्टूडेंट परेशान होते हैैं। ऐसे में वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ने सात सदस्यीय कमेटी को बनाया है। यह कमेटी ऐसा पैटर्न डेवलप करेगी जो कि स्टूडेंट के लिए कंफर्टेबल रहेगा।

डीयू, पूणे और मुंबई यूनिवर्सिटी के पैटर्न की होगी स्टडी
माइनर पेपर के एग्जाम पैटर्न को लेकर बनाई गई कमेटी दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू), पूणे यूनिवर्सिटी और मुंबई यूनिवर्सिटी के पैटर्न की स्टडी करेंगे। देखा जाएगा कि वहां पर माइनर पेपर के एग्जाम का पैटर्न और सिलेबस किस तरह का है। सीएसजेएमयू के स्टूडेंट को सिलेबस से संबंधित प्राब्लम की बात करें तो उदाहरण के तौर पर आट्र्स का कोई स्टूडेंट अगर साइंस के किसी सब्जेक्ट को माइनर सब्जेक्ट में सिलेक्ट करता है तो उसे अपने मेजर सब्जेक्ट के लेवल (यूजी या पीजी) का सिलेबस पढऩा पड़ता है। पिछला बैकग्राउंड माइनर सब्जेक्ट की स्ट्रीम का न होने के चलते स्टूडेंट्स को समस्या आती है।

यह होंगे काम
सीएसजेएमयू की ओर से बनी कमेटी तीन मुद्दों पर का करेगी। पहला मुद्दा है कि माइनर सब्जेक्ट के लिए अलग से सिलेबस बनाया जाए। दूसरा मुद्दा यह है कि माइनर सब्जेक्ट के एग्जाम को अलग से कराया जाए। इसके अलावा अगर सहमति बनी तो माइनर पेपर के एग्जाम का जिम्मा कालेजों को दिया जा सकता है, जिस तरह से मिड सेमेस्टर के एग्जाम्स को कालेज कराते हैैं वैसे ही माइनर सब्जेक्ट के एग्जाम्स को भी कराना होगा। यदि एग्जाम कालेज कराएगा तो इवैलुएशन भी कालेज को ही करना होगा।

डीन एकेडमिक्स है कमेटी की संयोजक
वीसी की ओर से बनाई गई सात सदस्यीय कमेटी की संयोजक डीन एकेडमिक्स प्रो। बृष्टि मित्रा है। कमेटी में स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की डायरेक्टर प्रो। अंशु यादव, सीडीसी डायरेक्टर प्रो। राजेश कुमार द्विवेदी, ब्रह्मïावर्त पीजी कालेज के प्रिंसिपल डॉ। वीके कटियार, डीएवी कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। यतींद्र सिंह, कंट्रोलर आफ एग्जाम राकेश कुमार और डिप्टी रजिस्ट्रार (एग्जाम) अजय गौतम शामिल हैैं। इस कमेटी को तीनों यूनिवर्सिटी में माइनर एग्जाम पैटर्न की स्टडी करने के बाद रिपोर्ट को सबमिट करेगी।

Posted By: Inextlive