Kanpur: सीएसजेएम यूनीवर्सिटी एग्जाम पैटर्न में बड़ा बदलाव करने जा रही है. जिसके तहत यूजी स्टूडेंट्स के लिए एक पेपर पूरी तरह ऑब्जेक्टिव होगा. जिसमें पूरे सिलेबस से क्वेशचन आएंगे.


एग्जाम पैटर्न में बड़ा बदलावसीएसजेएम यूनीवर्सिटी एग्जाम पैटर्न में बड़ा बदलाव करने जा रही है। जिसके तहत यूजी स्टूडेंट्स के लिए एक पेपर पूरी तरह ऑब्जेक्टिव होगा। जिसमें पूरे सिलेबस से क्वेशचन आएंगे। यानि अब सिर्फ  चंद लेशन पढक़र पास होना आसान नहंीं होगा। स्टूडेंट्स को पूर कोर्स कवर करना होगा। ऑब्जेक्टिव पेपर ओएमआर फॉर्मेट में होगा। स्टूडेंट्स को दो घंटे में 100 क्वेश्चंस के आन्सर टिक करने होंगे। यूनीवर्सिटी के इस डिसिजन पर स्टूडेंट्स तो मिक्स्ड रिएक्शन दे रहे हैं लेकिन टीचर्स सीधे तौर पर इसके खिलाफ हैं। हेराफेरी नहीं चलेगी, नकल को मिलेगा बढ़ावा  


स्टूडेंट्स एग्जाम के इस न्यू पैटर्न को लेकर काफी परेशान हैैं। पैटर्न की शुरुआत बीए, बीएससी और बीकॉम के फस्र्ट इयर स्टूडेंट्स से होगी। वीसी का कहना है कि अगर न्यू पैटर्न सक्सेसफुल रहा तो इसे एक्सपेंड किया जा सकता है। क्योंकि इस पैटर्न से कॉपी जल्दी चेक होंगी और रिजल्ट भी टाइम पर आएगा। माक्र्स और चेकिंग में हेराफेरी भी नहीं हो सकेगी। आंसरशीट चेक करने में आने वाला करोड़ों रुपए का खर्च भी कम होगा। जबकि टीचर्स को यह कवायद रास नहीं आ रही है। उनका तर्क है कि इस सिस्टम से नकल को और बढ़ावा मिल जाएगा।

"नया सिस्टम वाकई अच्छा है। लेकिन फ्यूचर में इससे एडेड कॉलेजों का रिजल्ट खराब होगा और सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के स्टूडेंट को फायदा मिलेगा। अगर यूनीवर्सिटी नकल रोकने का सिस्टम डेवलप कर ले तो ये पैर्टन बहुत अच्छा है."प्रो। आरसीएस चंदेल, प्रिंसिपल वीएसएसडी कॉलेज"कांपटेटिव एग्जाम की तरह ग्रेजुएशन एग्जाम कराया जाना अच्छी बात है लेकिन इससे नकल को बढ़ावा मिलेगा। हमारे यहां एक भी स्टूडेंट नकल नहीं कर सकता है लेकिन सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में इमला बोल कर नकल करा दी जाएगी और उनका रिजल्ट हमसे बेहतर होगा." डॉ। मीता जमाल, प्रिंसिपल डीजी कॉलेज"यूनीवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने बड़ा ही चैलेंजिंग इश्यू लिया है। लेकिन उसे इस बात का ख्याल रखना होगा कि दस साल तक कोई भी क्वेश्चन रिपीट न किया जाए। इसके लिए विवि को जबरदस्त मेहनत करनी पड़ेगी। एक पेपर ऑब्जेक्टिव दूसरा पेपर सब्जेक्टिव हो लेकिन क्वेश्चन पूरे कोर्स से आने चाहिए। "डॉ.जीडी दुबे, फुपुक्टा प्रेसीडेंट "पहली बार इस तरह के एग्जाम में शिरकत करेंगे। जिसकी वजह से अंदर से डर सा लग रहा है। ऑब्जेक्टिव होने की वजह से प्रॉब्लम ज्यादा होगी."शीबा, स्टूडेंट "कई कंपटीटिव एग्जाम दे चुका हूं इस लिए कोई टेंशन नहीं है। लेकिन जो फार्मेट यूनीवर्सिटी लागू करने जा रही है उसमें दिक्कत होगी."रोहित सिंह, स्टूडेंट

"अभी तक एक बार भी इस तरह का एग्जाम नहीं दिया है जिसकी वजह से थोड़ा सा टेंशन है लेकिन सब्जेक्ट की अच्छे तैयारी करूंगी."पायल, स्टूडेंट"एग्जाम के चेंज पैटर्न से सभी स्टूडेंट्स को दिक्कत होगी। पहली बार ऐसा पेपर आएगा जिसमें पूरा पेपर ऑब्जेक्टिव होगा."अंशुल वर्मा, स्टूडेंट

Posted By: Inextlive