- सिटी से निकलने वाला 1000 मीट्रिक टन कूड़ा रोज का रोज हो जाएगा निस्तारित तेज बदबू और पॉल्यूशन से भी मिलेगी शहर को राहत -लॉकडाउन में भौंती स्थित गारबेज डंप की क्षमता नगर निगम ने 500 से बढ़ाकर 1000 मीट्रिक टन की की नई यूनिट का काम भी लास्ट स्टेज में KANPUR: लॉकडाउन में नगर निगम ने पूरी रफ्त

- सिटी से निकलने वाला 1000 मीट्रिक टन कूड़ा रोज का रोज हो जाएगा निस्तारित, तेज बदबू और पॉल्यूशन से भी मिलेगी शहर को राहत

-लॉकडाउन में भौंती स्थित गारबेज डंप की क्षमता नगर निगम ने 500 से बढ़ाकर 1000 मीट्रिक टन की की, नई यूनिट का काम भी लास्ट स्टेज में

KANPUR: लॉकडाउन में नगर निगम ने पूरी रफ्तार से काम किया है। सिटी की आबोहवा के लिए मुसीबत बन चुके कूड़े के पहाड़ और कूड़ा निस्तारण पर तेजी से काम किया गया। एनजीटी की सख्ती के बाद भौंती स्थित डंप की क्षमता को 500 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1000 मीट्रिक टन तक कर दिया गया है। इससे सिटी में डेली जेनरेट होने वाले कूड़े का डिस्पोजल उसी दिन हो जाएगा। इसके लिए डंप में 500 मीट्रिक टन क्षमता की नई यूनिट भी लगाई जा रही है, इसका काम लास्ट स्टेज में पहुंच चुका है। जिसे जुलाई के पहले हफ्ते में शुरू भी करने की उम्मीद है। मौजूदा समय में 500 मीट्रिक कूडे़ का ही डिस्पोजल किया जा रहा है।

डंप को किया जाएगा खत्म

डंप में मौजूदा समय में 10 लाख मीट्रिक टन तक कूड़ा जमा है। इसे भी धीरे-धीरे प्रॉसेस किया जा रहा है। नगर निगम सोर्सेज के मुताबिक पिछले 6 महीने में 50,000 मीट्रिक डंप कूड़े का निस्तारण किया गया है। डंप पांडु नदी किनारे है, इसकी वजह से एनजीटी भी इसको खत्म करने के लिए काफी सख्त है। नगर निगम ने एक साल में डंप को खत्म करने का खाका तैयार किया है। डंप को खत्मकर यहां हरे-भरे पौधे लगाए जाएंगे, जिससे ग्रीन एरिया डेवलप हो सके। वहीं कूड़े से खाद बनाई जा रही है, जिसका यूज वन विभाग भी कर रहा है।

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बनेगा मैटेरियल रिकवरी सेंटर

लगभग 3 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हो रही नई यूनिट में मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर (एमआरएफ) भी बनाया जा रहा है। इसमें एक मैटेलिक सेप्रेटर लगा होगा, जो कूड़े में पड़े लोहे को अलग कर देगा। वहीं कूड़े से बोतल, प्लास्टिक, कांच आदि को मानव बल से अलग कराया जाएगा। इसमें कंप्रेसर भी लगेगा, जिससे प्लास्टिक को कंप्रेस कर उसके ब्लॉक बनाए जाएंगे, इससे ये देर तक जलता है। इसका यूज सतना में स्थित सीमेंट फैक्ट्री करती है। इसके अलावा सेड्रिंग मशीन, एग्लो मैरेटर सहित अन्य मशीनें लगाई जाएंगी, इसको टेंडर भी कॉल किया जा चुका है।

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कूड़े का होगा सही आंकलन

डंप में जानवरों की एंट्री और कूड़ा बीनने वालों की एंट्री को रोकने के लिए बाउंड्री वॉल को 10 फीट तक ऊंचा किया जा रहा है। इसके साथ ही इसमें तारबाड़ की जाएगी। वहीं धर्मकांटा के ऊपर जमे कूड़े को पहाड़ को साफ कर इसे भी ठीक कराया जा रहा है। इससे कितना कूड़ा डंप आया, इसका सटीक आंकलन किया जा सकेगा।

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शहर में हैं इतने कूड़ाघर

जोन संख्या

1 17

2 44

3 33

4 11

5 38

6 10

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सिटी में सफाई के लिए जिम्मेदार

टोटल वार्ड- 110

हर वार्ड में सफाई कर्मी-20 से 40

जोनल स्वच्छता अधिकारी- 6

सेनेट्री इंस्पेक्टर- 42

सफाई नायक व पर्यवेक्षक- 180

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आंकड़ों में डंप का हाल

-500 मीट्रिक टन कूड़ा निस्तारण की मौजूदा क्षमता

-1000 मीट्रिक टन हो जाएगी अब निस्तारण क्षमता

-3 करोड़ की लागत से तैयार किया गया नया प्लांट

-10 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़ा डंप में मौजूद

-1000 मीट्रिक टन रोजाना जेनरेट कूड़ा होगा निस्तारित

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नगर आयुक्त का वर्जन

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- डंप में अब कूड़े के पहाड़ नहीं लगेंगे

-आए दिन लगने वाली आग से भी राहत

-शहर के पॉल्यूशन में भी आएगी कमी

-भयंकर बदबू से हजारों लोगों को राहत

-संक्रामक बीमारियों का खतरा नहीं रहेगा

-शहर में साफ-सफाई का स्तर बढ़ेगा

Posted By: Inextlive