Kanpur: केडीए की सीलिंग ड्राइव के साइड इफेक्ट नजर आने लगे है . सीलिंग के बाद बचे केडीए से अप्रूव्ड ग्र्रुप हाउसिंग के प्रोजेक्ट्स में फ्लैट्स की डिमांड तेजी से बढ़ी है. उस वजह से उनके रेट्स भी आसमान छू रहे है. हालांकि बिल्डर्स इसके पीछे सीलिंग के साथ ही कंस्ट्रक्शन कॉस्ट जमीन की कीमत बढऩे आदि वजह भी बता रहे हैं. पर पब्लिक के लिए लास्ट रिजल्ट यही है कि सपनों का घर महंगा हो गया है जबकि बिल्डर्स की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.


बिना परमीशन तान दीं बिल्डिंगपिछले साल के आखिर में केडीए ने अनॉथराइज बिल्डिंग्स के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई शुरू की थी। इसकी जद में अभी तक करीब 300 बिल्डिंग्स आ चुकी है। इनमें काकादेव, लाजपत नगर, सिविल लाइन्स, विष्णुपुरी, आजाद नगर, किदवई नगर सहित अन्य मोहल्लों में बन रहे 200 अपार्टमेंट शामिल है। जिनके मैप केडीए से सिंगल यूनिट आदि के रूप में पास कराए गए और ऊंची बिल्डिंग तान दी। 2-2 फ्लोर तक एक्स्ट्रा बना लिए गए। केडीए ऑफिसर्स का मानना है कि इनमें में 2500 से अधिक फ्लैट थे। ये सिलसिला अभी भी जारी है। इस कार्रवाई के बाद जो लोग अन ऑथराइज अपार्टमेंट बनाने की सोच रहे थे, उन्होंने ब्रेक लगा दिया। अभी सील न खुलते देख ज्यादातर ने अब अन ऑथराइज अपार्टमेंट बनाने का इरादा ही बदल दिया है। फ्लैट कम, डिमांड ज्यादा


 उधर जिन लोगों ने इन अपार्टमेंट्स में फ्लैट की बुकिंग कराई थी, वे पैसे वापसी के लिए अभी भी दौड़ लगा रहे थे। पैसे वापस मिले तो अब वे आशियाने के सपने को पूरा करने की तलाश में निकल पड़े। इन लोगों के अलावा इस बीच काफी संख्या में नए लोग भी घर का सपना पूरा की तलाश में हैं। हालांकि अब वे सस्ते के फेर में न पडक़र फ्लैट लेने से पहले पूरी जांच पड़ताल कर रहे हैैं। इससे केडीए से अप्रूव्ड ग्र्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में फ्लैट की डिमांड तेजी से बढ़ गई है। लेकिन समस्या ये है कि पहले से चल रहे केडीए से अप्रूव्ड ग्र्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में अधिकतर बुकिंग हो चुकी है या फिर जो बचे हुए उनमें रेट 10 से 40 परसेंट तक बढ़ चुके हैैं। जिसकी वजह से लोगों का आशियाना का सपना फिलहाल पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि फ्लैट के रेट बढऩे की कई वजह बता रहे है। उनका कहना है कि इस बीच बिल्डिंग मैटेरियल्स, लेबर भी काफी बढ़ चुकी है। जमीन की कीमतें आसमान छू रही है.   केडीए ने सील की बिल्डिंग- 300 (2012 के लास्ट से अभी तक)फ्लैट्स के  रेटएरिया- स्वरूपनगर, तिलक नगर, आर्य नगर, पॉर्वती बांग्ला रोड, सिविल लाइन्स, खलासी लाइन, मैकराबर्ट्सगंज, बेनाझाबररेट (2013)- 5 से 7 हजार रूपए पर स्क्वॉयर फिटरेट (2009)- 2500 से 3000 रूपए पर स्क्वॉयर फिटएरिया- गुटैया क्रॉसिंग, काकादेव, पांडुनगर, गीता नगर, रंजीत नगररेट (2013)- 4 से 5 हजार रूपए पर स्क्वॉयर फिटरेट (2009)- 2300 से 2800 रूपए पर स्क्वॉयर फिटएरिया- विकास नगर, विष्णुपुरी, नवाबगंज, ख्यौरा बांगर, आजाद नगर, आवास विकास-1

रेट(2013)- 2.5 से 3.5 हजार रूपए पर स्क्वॉयर फिटरेट (2009)- 1800 से 2400 रूपए पर स्क्वॉयर फिटएरिया- रतनलाल नगर, गोविन्द नगर, किदवई नगर, साकेत नगर, जीटी रोड कृष्णा नगर, शारदा नगररेट (2013)- 2.5 से 3 हजार रूपए पर स्क्वॉयर फिटरेट (2009)- 1500 से 1900 रूपए पर स्क्वॉयर फिट (नोट- फ्लैट के रेट सुपर बिल्ट अप एरिया के हैं)सिटी का एनुअल रियल इस्टेट का मार्केट2013- 3 से 4 हजार करोड़2009 -1500 करोड़ "पहले से ही फ्लैट्स की डिमांड है। कंस्ट्रक्शन कास्ट और केडीए की सीलिंग कार्रïवाई के बाद फ्लैट्स के रेट में 40 परसेंट तक इजाफा हुआ है."आरके अग्र्रवाल, बिल्डर "केडीए की सीलिंग ड्राइव के बाद  अप्रूव्ड प्रोजेक्ट्स में फ्लैट्स की डिमांड बढ़ी हुई है। इस वजह से सीलिंग के बाद फ्लैट के रेट में 7 से 8 परसेंट तक बढ़ गए है."अनूप अस्थाना, प्रॉपर्टी डीलर"सील की जा चुकी बिल्डिंग्स में से 200 से अधिक अपार्टमेंट है। इनमें 2500 से अधिक फ्लैट होंगे."- आशीष शिवपुरी, टाउन प्लानर केडीए

Posted By: Inextlive