Kanpur: यूनीवर्सिटी के हेल्थ सेंटर में डेली पेशेंट्स का चेकअप किया जाता है. लेकिन पेशेंट्स को मेडिसिन के लिए दो किलोमीटर की दौड़ लगानी पड़ती है. रोगियों की राहत के लिए दो साल पहले एग्जीक्यूटिव कमेटी ने मेडिकल स्टोर के प्रपोजल को पास कर दिया था लेकिन अभी तक ये हकीकत का रूप नहीं ले पाया है.


कहां पेंच फंस गया?पूर्व वीसी प्रो। एचके सहगल ने हेल्थ सेंटर के अच्छी तरह से वर्क करने की वजह से यूनीवर्सिटी कैंपस में मेडिकल स्टोर खोलने की इजाजत 4 अगस्त 2011 दी थी। दो साल से ज्यादा वक्त गुजरने के बाद भी मामला फाइलों से बाहर नहीं आया है।कल्याणपुर लगानी पड़ती है दौड़कैंपस में रहने वाले स्टूडेंट रोहित का कहना है कि हेल्थ सेेंटर में चेकअप तो हो जाता है लेकिन मेडिसिन  परचेज करने के लिए कल्याणपुर या फिर गुरुदेव चौराहे की दौड़ लगानी पड़ती है। गल्र्स हॉस्टल में रहने वाली पारुल व नेहा का कहना है अगर रात को कोई मेडिसिन जरूरत पड़ जाए तो बहुत प्रॉब्लम होती है। "चेक करवाएंगे कि अगर प्रपोजल एग्जीक्यूटिव कमेटी में पास हो चुका है तो मेडिकल स्टोर खुला क्यों नहीं। स्टूडेंट्स व कैंपस में रहने वाले इम्प्लाइज की सुविधा का ख्याल जरूर रखा जाएगा."
सैय्यद वकार हुसैन, रजिस्ट्रार सीएसजएमयू

Posted By: Inextlive