KANPUR: शास्त्री नगर। रतन स्तुति अपार्टमेंट। सुबह के साढ़े आठ बजे। सातवीं मंजिल से सब इंस्पेक्टर संदीप सिंह कूदकर सुसाइड कर लेते हैं। देखते ही देखते अपार्टमेंट के नीचे लोगों का जमावड़ा लग जाता है। कुछ ही देर में पुलिस फोर्स के साथ सीनियर ऑफिसर्स मौके पर पहुंच जाते हैं। फॉरेंसिक टीम भी पहुंचती है और जांच शुरू हो जाती है। एक सुसाइड नोट मिलता है, जिसमें लिखा था कि सुसाइड के पीछे घर का कोई व्यक्ति जिम्मेदार नहीं है बल्कि अपनी बुरी आदतों से परेशान होकर वो खुद ऐसा कर रहे हैं। घटना की खबर मिलते ही पूरे अपार्टमेंट और आसपास तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो जाती हैं। जितने मुंह उतनी बातें। लेकिन सच्चाई क्या है, ये संदीप के परिजन जानते हैं या फिर जांच के बाद पुलिस बता सकती है।

पांच साल पहले आए थे शहर

फैजाबाद के पिंडला गांव के मूल निवासी दरोगा संदीप सिंह का पांच साल पहले कानपुर ट्रांसफर हुआ था। वह रतन स्तुति अपार्टमेंट के फ्लैट नं। 70क् में फैमिली समेत रहते थे। ट्यूजडे की सुबह वह करीब आठ बजे सोकर उठे थे। उनकी पत्नी शिखा उनको चाय देने के बाद अपने दो माह के बेटे की देखभाल में जुट गई। संदीप ने चाय पीते हुए न्यूज पेपर पढ़ा। और फिर बालकनी में चले गए। और कुछ देर में वह बालकनी से नीचे कूद गए। आवाज सुनकर संदीप की पत्‍‌नी शिखा और उसका देवर विकास उर्फ विक्की बालकनी में पहुंचे, तो उनके होश उड़ गए। वे भागकर नीचे गए, लेकिन तब तक संदीप की मौत हो चुकी थी। सिक्योरिटी गार्ड की सूचना पर काकादेव एसओ फोर्स समेत वहां पहुंच गए। मामला एसआई की मौत का था, इसलिए एसएसपी अजय कुमार मिश्रा और सीओ स्वरूप नगर राकेश नायक भी फॉरेंसिक टीम के साथ तुंरत घटनास्थल पहुंच गए। एसओ ने शव की तलाशी ली, तो उसमें सुसाइड नोट मिल गया। जिसमें संदीप ने लिखा था कि उसकी मौत में किसी का दोष नहीं है.उसको बुरी लत लग गई है और नौकरी में भी मन नहीं लग रहा है। मेरी पत्नी और बच्चे की ईश्वर मदद करे।

मृतक आश्रित कोटे में लगी थी नौकरी

अपार्टमेंट से कूदकर जान देने वाले दरोगा संदीप की मृतक आश्रित कोटे में नौकरी लगी थी। वह चार भाइयों में तीसरे नम्बर के थे। उनके पिता रणजीत सिंह पुलिस में थे। उनकी रोड एक्सीडेंट में मौत हुई थी। संदीप ख्00क् बैच के ऑफिसर थे। संदीप के दो बेटे हैं, एक चार साल का आशुतोष और दूसरा सिर्फ दो महीने का है। उनके बडे़ भाई प्रदीप की दो महीने पहले ही बीमारी से मौत हुई थी। जिसके गम से उनका परिवार अभी उबर नहीं पाया था कि संदीप ने मौत को गले लगा लिया।

'पापा, सो रहे हैं'

संदीप सिंह के शव के पास बदहवास हालत में बैठीं उनकी पत्नी से कुछ दूरी पर बैठा उनका पांच साल का बेटा आशुतोष सबसे कह रहा था कि पापा सो रहे हैं। संदीप के दूसरे बेटे ने तो अभी शायद पिता के प्यार का एहसास करना ही शुरू किया था कि पिता का साया ही सिर से उठ गया।

मौत के लिए यही तरीका क्यों चुना?

संदीप ने सुसाइड किया ये तो सभी को मालूम है लेकिन कुछ सवाल जिनके जवाब जानना सबके लिए जरूरी है। साइकियाट्रिस्ट कहते हैं कि सुसाइड करने के लिए व्यक्ति सबसे आसान तरीका खोजता है? वो दरोगा थे तो उनके पास रिवॉल्वर भी होगी? उन्होंने उसका इस्तेमाल क्यों नहीं किया? क्या अचानक उनके मन में कोई उलझन आई? उसके पीछे क्या वजह थी? जैसा कि उनके पड़ोसियों का कहना है कि वो डिप्रेशन में थे तो ये ख्याल उनके मन में कई बार आया होगा। पर एक्सपर्ट मानते हैं कि सुसाइड करने का ये ख्याल उनके मन में अचानक ही आया है और इसके पीछे त्वरित रिएक्शन इम्पॉर्टेट फैक्ट है।

'थाना रायपुरवा की कोपरगंज चौकी प्रभारी सब इंस्पेक्टर संदीप सिंह 8 मई ख्0क्ब् से अनुपस्थित चल रहे थे। जिसके संबंध में थानाध्यक्ष रायपुरवा एवं सीओ अनवरगंज द्वारा आख्याएं दी गई हैं। ट्यूजडे को उनके काकादेव थानाक्षेत्र अ‌र्न्तगत आने वाले रतन स्तुति अपार्टमेंट की सातवीं मंजिल से गिरने की सूचना मिली। उनको उपचार के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। उनके पास से मिले सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की पुष्टि छोटे भाई विकास सिंह ने कर दी है। अन्य अभिलेखों से इसकी पुष्टि करवाई जा रही है.'

-अजय कुमार मिश्रा, एसएसपी कानपुर नगर

Posted By: Inextlive