साउथ जोन के सस्पेंडेड दो दारोगा की विभागीय जांच पूरी हो चुकी है. एक दारोगा की आपत्तिजनक चैट वायरल हुई थी तो दूसरे की नजराना मांगते. इनमें पीडि़ता को वाट््सएप पर आपत्तिजनक चैट कर उसे रात में अकेले चाय पर बुलाने की बात करने वाले तत्कालीन दारोगा को क्लीनचिट दे दी गई जबकि गुजैनी थाने के तत्कालीन दारोगा के नजराना मांगने का आडियो वायरल होने पर उसके खिलाफ दंड की संस्तुति की गई


कानपुर (ब्यूरो)। साउथ जोन के सस्पेंडेड दो दारोगा की विभागीय जांच पूरी हो चुकी है। एक दारोगा की आपत्तिजनक चैट वायरल हुई थी तो दूसरे की नजराना मांगते। इनमें पीडि़ता को वाट््सएप पर आपत्तिजनक चैट कर उसे रात में अकेले चाय पर बुलाने की बात करने वाले तत्कालीन दारोगा को क्लीनचिट दे दी गई, जबकि गुजैनी थाने के तत्कालीन दारोगा के नजराना मांगने का आडियो वायरल होने पर उसके खिलाफ दंड की संस्तुति की गई, जिसमें अब उसे क्या दंड दिया जाएगा इसका निर्णय डीसीपी दक्षिण लेंगे। ये था मामला, एसीपी के पेशकार के नजराना देने को कहा


गुजैनी थाना क्षेत्र के फैक्ट्रीकर्मी का सामने रहने वाली महिला के परिवार से पुराना विवाद था। आरोप था कि 10 जुलाई 2022 की रात महिला ने पांच लोगों को घर भेजा, जिन्होंने फैक्ट्रीकर्मी की पत्नी व बेटी को बेरहमी से पीटकर बेटी का अपहरण करने का प्रयास किया था। पीडि़त ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था तो 20 जुलाई को आरोपी महिला ने उनके दो बेटों समेत पांच लोगों पर बेटी से छेड़छाड़, पीछा करने व मारपीट की धारा में मुकदमा दर्ज करा दिया। मुकदमे की जांच तत्कालीन दारोगा राजेश बाजपेई को मिली थी। आरोप है कि विवेचक ने बेटों को नाम हटाकर अंतिम रिपोर्ट लगाने के नाम पर 1.19 लाख रुपये ले लिए थे लेकिन नवंबर 2022 को पता चला कि मामले में चार्जशीट लगी है। उसके बाद भी दारोगा ने फोन कर कहा कि चार्जशीट वापस मंगवाकर अंतिम रिपोर्ट लगा देंगे, बस एसीपी के पेशकार को भी नजराना दे देना।मोबाइल पर बात रिकॉर्ड कर वायरल कर दी

फैक्ट्रीकर्मी ने उसकी बातें मोबाइल पर रिकार्ड कर उसे वायरल कर दिया था। दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया था। विभगीय जांच एडीसीपी दक्षिण अंकिता शर्मा को मिली। अब जांच में दारोगा दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ दंड की कार्रवाई की संस्तुति कर दी है। वहीं, जून 2023 को तत्कालीन चौकी प्रभारी शुभम ङ्क्षसह के वाट््सएप चैट के स्क्रीन शाट वायरल हुए थे, जो मामा के अपहरण के मामले में जानकारी करने वाली पीडि़ता से बात करने के दौरान के थे। वायरल चैट में शुभम ने पीडि़ता को लिखा था कि घर पर कोई नहीं है। मेरे घर आओ चाय पिलाएं। इस तरह की कई आपत्तिजनक चैट थीं। इसके बाद डीसीपी दक्षिण रवीन्द्र कुमार ने उसे निलंबित कर जांच तत्कालीन एसीपी नौबस्ता अभिषेक पांडेय को दी थी। लेकिन दारोगा को जांच में क्लीनचिट दे दी। उनका कहना है कि मामले में जिस महिला के नंबर पर चैट मिली थी। महिला का कहना है कि उनकी किसी से बात नहीं हुई। उन्होंने आरोपों से इन्कार किया। इसके आधार पर क्लीनचिट दी गई थी।

Posted By: Inextlive