यहां बस 'जनता' को 'दर्शन' देते हैं अफसर
- डीएम, कमिश्नर के बाद सीएम के दरबार में भी जनता को नहीं मिल रहा न्याय
- दो सालों से हर स्तर पर जनसमस्याओं का निस्तारण नहीं kanpur@inext.co.in KANPUR : अखिलेश सरकार का 'जनता दर्शन' कार्यक्रम जिले में महज शोपीस बनकर रह गया है। डीएम और कमिश्नर को छोडि़ए खुद मुख्यमंत्री स्तर पर जनता को सिर्फ 'दर्शन' मिल रहे हैं। किसी भी चौखट पर शिकायतों कासौ फीसदी निस्तारण नहीं हो पा रहा है। दो सालों से यही हालजनता से सीधे संवाद और उनकी समस्याओं के समयबद्ध निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री ने 'जनता दर्शन' कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इस नई व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य यह था कि जनता की सुनवाई अगर डीएम स्तर पर न हो तो वह कमिश्नर को शिकायत कर सकता है। अगर कमिश्नर के पास भी जनता को न्याय न मिले तो वह सीधा मुख्यमंत्री के पास अपनी शिकायत पहुंचा सकता है। लेकिन कानपुर में जनता दर्शन की ट्रेन पटरी से उतरती नजर आ रही है। बीते दो सालों से तीनों ही स्तर पर जनशिकायतों का सौ फीसदी निस्तारण नहीं हो सका है।
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सीएम ऑफिस क्ब्भ् भ्भ् 90 शासन क्09 ख्भ् 8ब् कमिश्नर 9फ् ख्9 म्ब् -------------------------------- टोटल भ्क्ख् क्ब्भ् फ्म्7 -------------------------------- सन ख्0क्फ्-क्ब् जनता दर्शन का रिकॉर्ड प्लेटफॉर्म शिकायतें निस्तारित अवशेषसीएम जनता दर्शन क्क्ख्0 97म् क्ब्ब्
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