Kanpur: सिटी के पुराने एरियॉज में हैंडपम्प और बोरिंग से निकलने वाला पानी लोगों को बीमार कर रहा है. हैरानी की बात ये है कि इन एरियॉज में आने वाले पानी को साफ करने के मामले में अच्छे से अच्छे वॉटर प्यूरीफायर भी जवाब दे गए हैं. एक्सपट्र्स के मुताबिक हैंडपम्प और बोरिंग के पानी में क्रोमियम नाम का मेटल निकल रहा है. जो लोगों के डाइजेशन सिस्टम रेस्प्रेटरी सिस्टम सर्कुलेट्री सिस्टम और एक्सक्रिट्री सिस्टम को डिस्टर्ब कर देता है. जिससे गालब्लेडर का कैंसर होने का खतरा भी बन जाता है.


इसलिए फेल हो रहे हैं वॉटर प्यूरीफायर कैमिकल एक्सपर्ट रजत पांडे के मुताबिक हैंडपम्प और बोरिंग से निकलने वाले पानी में क्रोमियम नाम का हैवी मेटल निकल रहा है। ये रेडियो एक्टिव मेटल भूगर्भ में विद्यमान होता है। इसकी वजह से पानी का रंग जंग लगे हुए लोहे के रंग की तरह हो जाता है। धीरे-धीरे से मेटल नीचे बैठने लगता है और सतह पर स्टोर होने लगता है। ऐसे में वॉटर प्यूरीफायर की मशीन में भी ये मेटल स्टोर होकर धीरे-धीरे उसे जाम कर देता है। जिसके कारण मशीन प्रॉपर तरीके से काम करना बंद कर देती है।ये बीमारियां घेर रही हैं पब्लिक को


क्रोमियम मेटल पानी के साथ बॉडी में जाता है तो कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। डॉ। मनीष वोहरा ने बताया कि इस मेटल की वजह से गालब्लेडर का कैंसर, पीलिया, किडनी फेल्योर, हड्डियां कमजोर होना, किडनी और गालब्लडेर में स्टोन हो जाता है। इन एरियॉज में है परेशानीमनीराम बगिया, चौक, घुमनी बाजार, लोहा मंडी, लाटूश रोड, चमनगंज, हूलागंज, चावल मंडी, रामनारायण बाजार, खास बाजार, शिवाला।ये एलीमेंट्स भी हैं खतरनाक

डॉ। हेमंत मोहन के मुताबिक हैवी मेटल क्रोमियम के साथ हैंडपम्प और बोरिंग के पानी में हेलोजन एलीमेंट्स फ्लोराइड और फास्फेट भी निकलने लगते हैं। ये एलीमेंट्स स्थितियों को और भी खतरनाक बना देते हैं। फ्लोराइड के कारण दांतों को नुकसान पहुंचता है और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इसके अलावा खून बनना बंद हो जाता है। फास्फेट के कारण किडनी का स्टोन बनने लगता है।फॉर योर हेल्पअगर आपके एरिया में भी इस तरह का पानी आ रहा है तो जल्द से जल्द यूरिन टेस्ट और किडनी फंक्शन टेस्ट करा लें। इसके अलावा सीरम सोडियम, सीरम पोटेशियम, यूरिक एसिड, ब्लड यूरिया, ब्लड यूरिया नाइट्रोजन, सीरम क्रिटनीन का चेकअप भी कराना बेहतर होगा। Important facts-सीरम क्रिटनीन की नार्मल वेल्यू .8 से 1.4 होती है। वेल्यू बढऩे पर एक्यूट रीनल किडनी फेल्योर हो सकता है। लंबे समय तक यूज करने पर क्रोनिक रीनल फेल्योर हो सकता है। -यूरिक एसिड की नार्मल वेल्यू 3.5 से 5.5 होनी चाहिए। वेल्यू बढऩे पर गठिया हो सकती है।-सीरम सोडियम की नार्मल वेल्यू 137 से 148 होनी चाहिए। वेल्यू कम होने पर ब्रेन डेथ और वेल्यू बढऩे पर हार्ट अटैक और हाई बीपी हो सकता है।-सीरम पोटेशियम की नार्मल वेल्यू 3.7 से 4.8 होनी चाहिए। बढऩे पर हार्ट फेल हो सकता है।-ब्लड यूरिया की वेल्यू 40 से 60 होनी चाहिए। किडनी फेल हो सकती है।

-ब्लड यूरिया नाइट्रोजन की वेल्यू 0 से 20 होनी चाहिए। वेल्यू बढऩे किडनी फेल हो सकती है.

Posted By: Inextlive