अटकलों पर विराम, निर्विरोध उपाध्यक्ष बने अरुण
- एक सप्ताह से चल रहा था मंथन, वरिष्ठ दिखे असंतुष्ट
LUCKNOW कार्यकारिणी की बैठक के शुरू होते ही सबसे पहले उपाध्यक्ष के नाम पर चर्चा हुई। जिसमें सबसे पहला नाम अरुण तिवारी का सामने आया और अंत तक यही कायम रहा। जिसके बाद निर्विरोध अरुण तिवारी को उपाध्यक्ष चुना गया। इस फैसले से कुछ वरिष्ठ पार्षद असंतुष्ट दिखे, हालांकि बाद में उन्होंने कहाकि जो फैसला लिया गया है, वे उससे सहमत हैं। बता दें कि उपाध्यक्ष पद को लेकर खींचतान मची हुई थी। किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही थी। पार्षद राजेश सिंह गब्बर और अरुण तिवारी के नाम को लेकर संशय था। फिलहाल अंतिम रूप से अरुण ने बाजी मारी। सोमवार को हुई कार्यकारिणी में राजेश नहीं दिखे। यूजर चार्ज नहीं दिखायाबजट में आय के एक बिंदु को लेकर सवाल उठे। बजट के पेज दो पर अंकित यूजर चार्जेज बिंदु के सामने वास्तविक आय (1 अप्रैल से 31 दिसंबर 17) कॉलम में कोई राशि अंकित नहीं की गई है। जबकि इस समयावधि के दौरान एलडीए की ओर से आधा दर्जन कॉलोनियां निगम को ट्रांसफर की गई हैं। जिसके एवज में करीब 5 करोड़ रुपये भी दिए गए हैं।
नई योजनाओं पर विचार नहींबैठक में किसी भी नई योजना पर विचार नहीं किया गया। मेयर की माने तो जल्द ही इस दिशा में कदम आगे बढ़ाए जाएंगे। योजनाओं पर एक नजर
1-आंचल आश्रय गृह का निर्माण 2-सिटी म्यूजियम तथा भोपाल हाउस में सिटी मीटिंग हाउस का निर्माण 3-शिशु संरक्षण गृह 4-नए कल्याण मंडपों का निर्माण 5-प्रबंध संस्थान का निर्माण 6-आधुनिक औषधालय का निर्माण 7-नए विद्युत शवदाह गृह का निर्माण 8-इस्माइलगंज डिग्री कॉलेज में मल्टीमीडिया सेंटर प्रेक्षागृह का निर्माण 9-टेंपो सेल्टर होम 10-सड़क निर्माण के लिए स्थल पर सैंपल लैब का निर्माण 11-पार्को में ओपेन एयर जिम का निर्माण 12-मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण 13-अस्थाई रैन बसेरों का निर्माण इस महीने ही सदन कार्यकारिणी की बैठक के बाद अब सदन की बारी है। मेयर की माने तो इंवेस्टर्स समिट के बाद सदन का आयोजन किया जाएगा। सदन में कई बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। विपक्ष करता रहा इंतजार कार्यकारिणी की मैराथन बैठक से विपक्ष को भी खासा इंतजार करना पड़ा। इसकी वजह यह रही कि उपाध्यक्ष के चयन के दौरान नेता सदन सपा सैय्यद यावर हुसैन भी मौजूद रहे और जैसे ही कार्यकारिणी की बैठक शुरू हुई, वह पार्षद कक्ष में आ गए। वह शाम तक बैठक खत्म होने का इंतजार करते रहे।