तकनीक के प्रयोग से कर सकते है बेहतर प्रबंधन सीएम योगी
- कुंभ, अपराध, खाद्यान जैसे चीजों में तकनीक के माध्यम से पाई सफलता
- प्रशासन में बैठे लोग काम से ज्यादा बजट और योजना पर करते है फोकस कुंभ, अपराध, खाद्यान जैसे चीजों में तकनीक के माध्यम से पाई सफलता - प्रशासन में बैठे लोग काम से ज्यादा बजट और योजना पर करते है फोकस LUCKNOW:LUCKNOW: हमारे प्रदेश की आबादी विश्व के कई देशों से ज्यादा है। इस आबादी को हर संभव मदद और उनकी जरूरत की चीजें मुहैया कराने के लिए तकनीक ही हमारी सहायता कर सकती है। तकनीक व्यापक परिवर्तन लाने में सक्षम है। आज तकनीक काफी एडवांस हो चुकी है। हम एकेटीयू जैसी संस्थाओं से आग्रह करते हैं कि वह तकनीक के क्षेत्र में जितना अधिक काम कर सकते हैं करें, हमारी सरकार इसमें हर संभव मदद करेगी। ये बातें सीएम योगी ने शुक्रवार को डॉ। एपीजे अब्दुल कालम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के स्थापना दिवस पर कही। इस मौके पर प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, राज्यमंत्री संदीप सिंह, एकेटीयू के पूर्व वीसी प्रो। दुर्ग सिंह चौहान, प्रो। प्रेम वर्त, प्राविधिक शिक्षा सचिव भुवनेश कुमार, क्षेत्रीय विधायक अविनाश त्रिवेदी व एकेटीयू के वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक सहित ख्ख् संस्थाओं के चेयरमैन मौजूद रहे।
तकनीक से सब संभवसीएम ने कहा कि कुंभ की तैयारी शुरू करने को लेकर अधिकारियों और इससे जुड़े लोगों से बात की तो सभी ने तैयारी पूरी करने का जो समय बताया वो काफी कम था। इस पर मैंने कहा कि इतने कम समय में इतनी बड़ी तैयारी कैसे संभव हैं। कुंभ के लिए ख्म्ब् सड़कों का चौड़ीकरण, क्0 नए फ्लाई ओवर का निर्माण, म् अंडरपास, शुद्ध जल की आपूर्ति, पार्किग जैसे कई काम पूरे होने थे। तकनीक के इस्तेमाल से कम समय में सारी तैयारियां पूरी हो गई और कुंभ सकुशल निपट गया। प्राविधिक संस्थानों का फर्ज बनता है कि ऐसे प्रोग्रामों की मैपिंग करें और कैसे बेहतर कर सकते हैं इस पर काम करें।
बॉक्स आजादी के बाद से चल आ रही सोनभद्र की घटना सीएम योगी ने कहा सोनभद्र की घटना का आधार आजादी के बाद से पड़ गया था। उसी का परिणाम है कि सोनभद्र में दस आदिवासियों की हत्या कर दी गई। हमारी सरकार ने वहां के पीडि़तों की मदद के लिए जांच शुरू कर दी है। वहीं दूसरी पार्टियां वहां आंदोलन करने की बात कह रही हैं, लेकिन अधिकारी कहते हैं जहां आज भी डेढ़ दिन पहुंचने में लगते हैं वहां आंदोलन कैसे होगा। डीएस चौहान जैसे लोगों की जरूरतसीएम ने एकेटीयू के पूर्व वीसी प्रो। दुर्ग सिंह चौहान के बारे में कहा कि इन जैसे लोग विरलय मिलते हैं। इन्होंने वर्ष क्97ख् में टेक्निकल एजुकेशन की शिक्षा पूरी करने के बाद सोनभद्र जैसे क्षेत्र का रूख किया। वहां पर जमकर काम किया। इन्हीं जैसे लोगों के अथक प्रयास का परिणाम है जहां कभी नक्सल हावी थे, वहां पर आज लोग शिक्षा और तकनीक की मदद से आगे बढ़ रहे हैं।