Lucknow News: घनी आबादी वाले लालकुआं वार्ड की बात की जाए तो यहां 40 साल पहले पेयजल लाइन बिछाई गई थी। इसी तरह पुराने लखनऊ के भी कई एरियाज जैसे चौक अमीनाबाद में भी लगभग इतनी ही पुरानी पेयजल लाइन बिछी हुई है।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी का लालकुआं एरिया हो या चौक, यहां पर 30 से 40 साल पहले पेयजल लाइन बिछाई गई थी। गुजरते वक्त के साथ इन एरियाज में आबादी तो चार से पांच गुना बढ़ गई लेकिन नई पेयजल लाइन अभी तक नहीं बिछाई जा सकी है। जिसकी वजह से इन एरियाज में पेयजल लाइन में लीकेज की समस्या अक्सर सामने आती रहती है। पेयजल लाइन में लीकेज होने के कारण जहां लाखों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है, वहीं संबंधित एरिया की जनता को पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है।इन इलाकों में सालों पुरानी लाइन


घनी आबादी वाले लालकुआं वार्ड की बात की जाए तो यहां 40 साल पहले पेयजल लाइन बिछाई गई थी। इसी तरह पुराने लखनऊ के भी कई एरियाज जैसे चौक, अमीनाबाद में भी लगभग इतनी ही पुरानी पेयजल लाइन बिछी हुई है। यह भी आपको बता दें कि इन इलाकों में 60 फीसदी जनता पेयजल आपूर्ति के भरोसे ही है। अगर किसी दिन पेयजल लाइन में लीकेज हो जाता है तो साफ है कि उस दिन तीन से चार हजार या उससे अधिक की आबादी को पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है।लीकेज ढूंढने में लगता समय

पेयजल लाइन में लीकेज की समस्या सामने आने पर जलकल विभाग एक्शन मोड में तो आ जाता है लेकिन कर्मचारियों को लीकेज ढूंढने में खासा समय लग जाता है। इसकी वजह यह है कि जिन इलाकों में सालों पुरानी पेयजल लाइन बिछी हुई है, उनका प्रॉपर मैप तक नहीं है। ऐसे में कर्मचारियों को लीकेज प्वाइंट ढूंढने में खासी कवायद करनी पड़ती है। इस दौरान चार से पांच हजार लीटर पानी रोड पर बह जाता है और जनता प्यासी रह जाती है।अब कराया जा रहा सर्वेअमृत योजना के अंतर्गत अब जरूर ऐसे इलाकों में नई पेयजल लाइन डालने का प्लान बनाया गया है, जहां सालों पुरानी पेयजल लाइन बिछी हुई है। इसके लिए नगर निगम और जलकल टीम की ओर से गलियों की मैपिंग की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ जिन एरियाज में नई पेयजल लाइन बिछी हुई है, वहां पर लीकेज की समस्या को तुरंत दूर करने के लिए पेयजल लाइन से जुड़ा पूरा नक्शा तैयार करा लिया गया है। जिससे नए एरियाज में लीकेज की समस्या तत्काल दूर हो जाएगी।रोड कटिंग भी है मुसीबत

कई बार देखने में आता है कि रोड कटिंग के दौरान पेयजल लाइन में लीकेज हो जाता है। हाल में ही हजरतगंज एरिया में ऐसा देखने को मिला था। इसी तरह इस्माइलगंज सेकंड वार्ड में तो कई बार रोड कटिंग की वजह से पेयजल लाइन में लीकेज की समस्या सामने आती रहती है। इसकी वजह से शंकरपुरी कॉलोनी, ज्ञान विहार, कमता गांव, आदर्श नगर, शिवपुरी कॉलोनी में रहने वाले लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है।यह भी जानें675 नलकूप सभी वार्ड मिलाकर141 ओवरहेड टैैंक से होती है पानी सप्लाई13 हजार हैैंडपंप चालू हालत में38 जोनल पंपिंग स्टेशन हैैंसबमर्सिबल रहते हैैं खराबघनी आबादी वाले वार्ड आलमबाग की बात की जाए तो यहां एक दर्जन से अधिक मोहल्लों की जलापूर्ति सबमर्सिबल के सहारे होती है। गर्मी में यहां पर स्थिति बेहद चिंताजनक हो जाती है। वर्तमान समय में यहां पर पांच से छह सबमर्सिबल लगे हुए हैैं, जिसमें से दो अक्सर खराब रहते हैैं। वहीं यहां पर करीब नौ से दस सबमर्सिबल की जरूरत है। वार्ड पार्षद से लेकर पूर्व पार्षद की ओर से कई बार नए सबमर्सिबल लगाए जाने की मांग की गई लेकिन नतीजा सिफर रहा।बोले लोगवार्ड में नई पेयजल लाइन बिछाए जाने को लेकर कई बार मांग की जा चुकी है लेकिन अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां पर अक्सर लीकेज की समस्या आती है।
सुशील तिवारी पम्मी, वार्ड पार्षद लालकुआंहमारे एरिया में तो ज्यादातर जलापूर्ति सबमर्सिबल के सहारे ही होती है। कई बार सबमर्सिबल खराब हो जाते हैैं, जिसकी वजह से पेयजल संकट उत्पन्न होता है।गिरीश मिश्रा, पूर्व पार्षद, सरदार पटेल नगर वार्डकिसी समय हमारे एरिया में 120 फुट पर पानी मिल जाता था, जबकि आज यह स्थिति है कि 230 फुट पर पानी का लेवल पहुंच गया है। क्षेत्र के सारे हैैंडपंप खराब हो चुके हैैं।देवेंद्र पाठकहमारे एरिया में पानी का संकट बना रहता है। पेयजल लाइन तो है लेकिन कई घरों से उन्हें अभी तक कनेक्ट नहीं किया गया है।राघवसबसे पहले तो जिन एरियाज में पेयजल लाइन नहीं है, वहां पर लाइन को बिछाया जाना चाहिए। पेयजल लाइन न होने के कारण समस्या उत्पन्न होती है।राकेश

Posted By: Inextlive