- माह में 26 दिन रहना होगा वाहन पर तभी मिलेगा वेतन

LUCKNOW: यूपी रोडवेज के ड्राइवर और कंडक्टर को अपनी निर्धारित ड्यूटी छोड़कर बाबूगिरी महंगी पड़ेगी। उनके वेतन को रोक दिया जाएगा। दरअसल, ड्राइवर और कंडक्टर की कमी के चलते कई रूट्रों पर बसें खड़ी हो रहीं थी। इससे रोडवेज को काफी नुकसान हो रहा था। ऐसे में उत्तरप्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की अपर प्रबंध निदेशक सरनीत कौर ने ड्राइवर और कंडक्टर को अपने मूल पद पर तुरंत ज्वाइन करने का आदेश दिया है। साथ ही अधिकारियों को हिदायत दी है कि उनसे बस संचालन के अलावा कोई अन्य काम न लिया जाए।

हो रहा करोड़ों का नुकसान

नये आदेश के अनुसार परमानेंट ड्राइवर और कंडक्टर को महीने में 26 दिन ड्यूटी या 4000 किलोमीटर बस चलानी अनिवार्य होगी। ज्यादातर ड्राइवर कंडक्टर जिन कार्यो के लिए भर्ती किए जाते हैं वह उसे न करके मुख्यालयों से जुड़कर बाबूगिरी करने लगते हैं, जिससे बसें खड़ी रहती हैं और रोडवेज को करोड़ों रुपए का चूना लगता है।

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न ली जाए लेट फीस

कोरोना काल में आरटीओ दफ्तर और परिवहन विभाग की बेवसाइट बंद होने से सैकड़ों ऑटो रिक्शा चालक अपने परमिट को रिन्यू नहीं करा पाएं जिससे अब उन्हें लेट फीस की पेनाल्टी देनी पड़ रही है। ऑटो चालकों का कहना है कि लॉक डाउन के कारण लगभग दो माह से ऑटो चलाना बंद है और घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे जब बेवसाइट ही नहीं काम कर रही थी तो आवेदन कैसे किया जाता। शहर के ऑटो चालकों ने सरकार से गुहार लगाई है कि परमिट रिन्यू कराने के लिए लेट फीस या पेनाल्टी नहीं ली जाए।

Posted By: Inextlive