पिता-चाचा के नहीं हुए तो बुआ के क्या होंगे अखिलेश
- डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने सपा-बसपा पर साधा निशाना
- कहा, अखिलेश ने अपने तीन सांसद बनवा लिए और बसपा रह गई जीरो द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ रुष्टयहृह्रङ्ख : डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बीएसपी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि जनता ने उन्हें 2014 के लोकसभा चुनाव में जीरो कर दिया। सपा, कांग्रेस व कई दलों से गठजोड़ के बावजूद वह राज्यसभा मे भी जीरो रह गईं। आगे भी बसपा जीरो रहेगी। केशव ने मायावती से सवाल करते हुए कहा कि क्या वह गेस्ट हाउस कांड भूल गई? इस पर उन्हें अपना जवाब देना चाहिये। बीजेपी के विधायक थे ज्यादापार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सपा-बसपा के रिश्तों पर तंज कसते हुए कहा कि जिस अखिलेश यादव ने अपने पिता को अध्यक्ष पद की कुर्सी से हटाया और चाचा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया, उन्हीं पर मायावती इतरा रही हैं। कहा, जो अपने पिता और चाचा के नहीं हुए वह मायावती के क्या होंगे? केशव ने कहा कि हमारे पास अधिक विधायक थे इसलिए नौंवी सीट पर दावा किया और जीते। सपा के बबुबा ने तो बसपा का उपयोग करके अपने तीन सांसद बनवा लिए लेकिन, बसपा जीरो ही रह गई। भाजपा गठबंधन की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के दो विधायकों के क्रास वोटिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह तो जांच का विषय है लेकिन, अगर सही है तो इससे सपा-बसपा का चरित्र उजागर होता है। उन्होंने दावा किया कि सुभासपा और अपना दल से उनका गठबंधन था, है और रहेगा। डीजीपी पर मायावती के आरोपों को बौखलाहट बताया।
बाबा साहब का अपमान भूल गई मायावतीडिप्टी सीएम मौर्या ने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा की विजय और बसपा की पराजय से बहन जी बौखला गई हैं। उन्होंने सवाल किया कि गेस्ट हाउस कांड के समय अखिलेश यादव नहीं थे लेकिन, गेस्ट हाउस कांड के समय के जो लोग अखिलेश के साथ हैं उन पर मायावती अपने विचार कब सार्वजनिक करेंगी। कहा, दलितों-पिछड़ों के वोट बेचकर नोट बटोरने वाली मायावती बाबा साहब का अपमान भूल गई हैं। क्या उन्हें याद है कि सपा के लोगों ने बाबा साहब को भूमाफिया कहा और गेस्ट हाउस कांड के समय भाजपा के ब्रह्मादत्त द्विवेदी ने उनकी जान बचाई। उन्होंने सहारनपुर मेडिकल कालेज से सपा सरकार में भीम राव आंबेडकर का नाम हटाए जाने की याद दिलाई। दावा किया कि भाजपा 2019 में फिर 2014 का परिणाम दोहराएगी। सपा-बसपा गठबंधन को अवसरवादी बताते हुए कहा कि भाजपा शुचिता की राजनीति करती है।