केजीएमयू में कम होगा पेपर वर्क
- पर्चे से लेकर पत्र व्यवहार तक सब ऑनलाइन
- केजीएमयू में आईटी को मिलेगा बढ़ावा LUCKNOW: किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय पेपर लेस वर्किंग की तैयारी में है। नए वीसी प्रो। रविकांत ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को कम से कम पेपर का यूज करने के निर्देश दे दिए हैं। साथ ही इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को बढ़ाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। बर्बाद होता है कागज वीसी प्रो। रविकांत ने आई नेक्स्ट से बातचीत में बताया कि आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि हम पेपरलेस वर्किंग करें क्योंकि पेपर वर्क के कारण हर साल बड़ी संख्या में कागज बर्बाद होता है और हम इसे बचा सकते हैं। क्योंकि पेपर के लिए पेड़ कटते हैं और पेड़ सीधे पर्यावरण से लिंक्ड हैं। सभी अप्लीकेशन होंगे ऑनलाइनप्रो। रविकांत ने बताया कि अब छुट्टी का आवेदन हो या अन्य कोई अप्लीकेशन, सभी को ऑनलाइन ही भेजना होगा। ताकि पेपर कम से कम खर्च हो साथ ही विभागों की आपसी पत्राचार को भी ऑनलाइन करने को कहा जाएगा। ज्वाइनिंग के बाद से ज्यादातर पत्राचार ऑनलाइन ही किया जा रहा है।
लाखों पेपर की होगी बचतकेजीएमयू में हर साल क्ख् लाख से ज्यादा मरीज ओपीडी में आते हैं। इसका मतलब इतने ही पर्चे बनते हैं। इन मरीजों की पैथोलॉजी जांच होती है वह भी पेपर पर। इसके अलावा लगभग पौने एक लाख मरीजों का ऑपरेशन हर साल होता है। उनकी बड़ी संख्या में जांचे और भर्ती के साथ ही मेडिसिन के पर्चे सब कागज पर। अगर केजीएमयू प्रशासन पेपर लेस वर्किंग शुरू करता है तो हर साल केजीएमयू ही अकेले लाखों की संख्या में पेपर और करोड़ों रुपए की बचत करेगा।
आईटी पर होगा जोर प्रो। रविकांत ने बताया कि लाइब्रेरी से लेकर पैथोलॉजी और रजिस्ट्रेशन सिस्टम सब ऑनलाइन करने की जरुरत है। बिना इसके केजीएमयू में सुविधाएं और रिसर्च आगे नहीं बढ़ पाएगा। इसके लिए लाइब्रेरी को ई-लाइब्रेरी बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इतने बड़े संस्थान में बेहतर लाइब्रेरी नहीं है, ऐसे में रिसर्च वर्क कैसे आगे बढ़ेगा। अगर रिसर्च वर्क को आगे ले जाना है तो इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी को बेहतर करना होगा। इसकी शुरुआत लाइब्रेरी से ही होगी।