- पिछले आठ साल का रिकॉर्ड खंगाला जाएगा, समायोजन की होगी जांच

- कई शिकायतें सामने आने पर एलडीए वीसी ने उठाया कदम

LUCKNOW: लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के प्लाट्स और फ्लैट्स के समायोजन में हुए खेल की अब पोल खुल सकती है। इसकी वजह यह है कि प्राधिकरण उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह की ओर से वर्ष 2009 से अब तक हुए समायोजन की जांच के आदेश दिए गए हैं।

ये आदेश हुए जारी

एक जनवरी 2009 से अब तक योजनावार खोली गई डुप्लीकेट पत्रावलियों व मूल आवंटित संपत्तियों के स्थान पर अन्यत्र समायोजित की गई संपत्तियों की योजनावार सूची तैयार कर अलग-अलग कर लिया जाए। वहीं 18 जुलाई 2017 तक योजनावार डुप्लीकेट पत्रावलियों व वैकल्पिक आवंटन के प्रकरणों की सूची तैयार कराकर उपलब्ध करायी जाए।

भटक रहे मूल आवंटी

मूल आवंटी अपना आशियाना पाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। गोमती नगर विस्तार से लेकर प्रियदर्शिनी योजना, शारदा नगर योजना, कानपुर रोड, मानसरोवर योजना सहित कई योजनाओं में खेल किए जाने की बात सामने आई है।

इन्हें मिली जांच की जिम्मेदारी

अपर सचिव अनिल भटनागर को मुख्य जांच अधिकारी बनाया गया है, जबकि नजूल अधिकारी विश्व भूषण मिश्र, ओएसडी राजेश शुक्ला, राजीव कुमार, संयुक्त सचिव एनएन सिंह को भी जिम्मेदारी दी गई है।

जांच के दौरान इन पर फोकस

1-गोमती नगर विस्तार की सुलभ आवास, गंगा, यमुना आदि अपार्टमेंट्स में फर्जी समायोजन

2-गोमती नगर विस्तार के सेक्टर चार में 30 भूखंडों में खेल।

3-गोमती नगर विस्तार के सेक्टर एक में सामुदायिक उपयोग की जमीन पर 17 प्लॉट का समायोजन

कई भ्रष्ट चेहरे आएंगे सामने

अगर सही से जांच की गई तो निश्चित रूप से कई भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों के चेहरे सामने आ सकते हैं। इसके बाद यह देखना होगा कि उन पर कार्रवाई की जाती है या नहीं।

Posted By: Inextlive