Lucknow Crime News: चौक थाना क्षेत्र के रहने वाले 16 वर्षीय दानियाल ने सोशल मीडिया फेसबुक पर एक वीडियो देखा जिसमें एक क्रिकेटर ने एविएटर नाम के ऑनलाइन गेम की खूबियां बता रहा था। दानियाल ने हजारों रुपए उस गेम में लगा डाले और जब उधार बढ़ गया तो माता-पिता के डर से उसने मौत को गले लगा लिया।


लखनऊ (ब्यूरो)। इन दिनों सोशल मीडिया पर एविएटर नाम के ऑनलाइन गेम का एक वीडियो काफी दिख रहा है। इस वीडियो में सेलिब्रिटीज दावा करते हैं कि किस तरह महज 500 रुपये लगा कर लाखों रुपए कमाए जा सकते हैं। इस गेम की तारीफ करते हुए सेलिब्रिटीज पैसा इंवेस्ट करने को कहते हुए देखे जा सकते हैं। ऐसे वीडियोज का बच्चों और टीनएजर्स पर बुरा असर तो पड़ ही रहा है, साथ ही कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में वे अपनी जान तक दांव पर लगा रहे हैं। पढ़ें इस मसले पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खास रिपोर्ट4 गुना कमाने वाला वीडियो देखा


कुछ दिन पहले चौक थाना क्षेत्र के रहने वाले 16 वर्षीय दानियाल ने सोशल मीडिया फेसबुक पर एक वीडियो देखा, जिसमें एक क्रिकेटर ने एविएटर नाम के ऑनलाइन गेम की खूबियां बता रहा था। दानियाल ने हजारों रुपए उस गेम में लगा डाले और जब उधार बढ़ गया तो माता-पिता के डर से उसने मौत को गले लगा लिया। दानियाल ही नहीं उसके कई दोस्तों ने भी सोशल मीडिया पर खिलाड़ियों व अभिनेताओं द्वारा इस गेम में पैसा लगा चार गुना कमाने वाला वीडियो देखा और इसके आदी हो गए। यह तो सिर्फ एक उदाहरण है ऐसे न जाने कितने गेम्स में टीनएजर्स इस जंजाल में फंसकर मौत को गले लगा रहे हैं।सेलिब्रिटीज के डीपफेक वीडियोसाइबर एक्सपर्ट अमित दुबे का कहना है कि एविएटर या फिर ऐसे ऑनलाइन गेम में दिखने वाले ज्यादातर गेम को असल में सेलिब्रिटीज के डीपफेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से तैयार किया जाता है। युवा पीढ़ी को झांसे में लाने के लिए फेक वीडियो का इस्तेमाल किया जाता है और लोगों को लगता है कि खिलाड़ी या फिर एक्टर भी इस गेम में पैसा लगाकर कमाई करते हैं।वजह बताने में हिचकते है पेरेंट्स

साइबर सेल प्रभारी सतीश साहू के मुताबिक, बीते दिनों ऐसे कई सुसाइड हुए हैं, जिनमें ऑनलाइन गेम ही एक बड़ा कारण रहा। लेकिन जब शिकायत या फिर पुलिस को बयान देने की बात आती है तो परिजन आत्महत्या का कारण छुपा जाते हैं, जिससे हम लोग उसकी तह तक नहीं जा पाते। हालांकि, कुछ मामलों में जब पेरेंट्स हमारे पास आकर बताते हैं कि गेम के चक्कर में उनके बच्चों ने लाखों रुपए गंवा दिए, तो हम अपनी जांच कर ऐसे गेम पर बैन लगवाने के लिए गूगल को लिखते हैं। ऐसे में, सभी पेरेंट्स को यह समझना होगा कि यदि उनका बच्चा ऐसे ऑनलाइन गेम खेलता है और कोई घटना घटती है, तो साइबर या स्थानीय पुलिस को अवश्य जानकारी दें।ये गेम भी हैं खतरनाकयूपी पुलिस के साइबर सलाहकार राहुल मिश्रा के मुताबिक, पहले भी ब्लू व्हेल नाम के गेम के चलते सैकड़ों बच्चों ने मौत को गले लगाया था। ऐसे में दुनियाभर में इस गेम पर रोक लगा दी थी। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में भी ड्रीम इलेवन, एमपीएल, तीन पत्ती, ए23, रमी सर्कल, बिंजो, जुपी जैसे गेम पर रोक लगाने के लिए एक जनहित याचिका दायर की गई थी। तर्क था कि ये कंपनियां आनलाइन गेम के नाम पर युवाओं को सट्टा खेलने को प्रेरित कर रही हैं। विज्ञापन के जरिए युवाओं को बताया जाता है कि कैसे आनलाइन गेम खेलकर पैसा कमाया जा सकता है। हालांकि, अब तक कोई ठोस नियम केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा नहीं बनाया जा सका है।यह भी जान लीजिए

बताते चलें कि दुनिया के कई ऐसे देश हैं जो ऑनलाइन गेम्स की लत से अपने युवाओं को बचाने के लिए अलर्ट मोड पर हैं। ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर जैसे देश में हिंसा वाले गेम बंद किए। भारत में अबतक इसे लेकर कोई सख्त नियम नहीं हैं, जबकि जिन पबजी जैसे कई चाइनीज ऑनलाइन गेम्स पर पाबंदी लगाई भी गई है, वे भी आसानी से मिल जाते हैं।गैंबलिंग वाले गेम बच्चों को करते हैं टारगेट-लेवल पार करने और अधिक पैसा कमाने के लिए पैसे इंवेस्ट करने पर होता है जोर।-गेम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बच्चे लंबे समय तक जुड़े रहे।-विनर बनने या दोगुना पैसा कमाने के लालच में गेम से चिपके रहते हैं बच्चे।-सोशल मीडिया पर हर सेकेंड टाइम लाइन में दिखाया जाता है यह गेम।-टेक्नोलॉजी की मदद से सेलिब्रेटी के चेहरों का इस्तेमाल कर करते हैं ब्रांडिंग।ऐसे करें बचाव-ऐसे गेम का यूज न करें, जिसके बारे में कभी न सुना हो।-अंजान लिंक पर क्लिक कर गेम डाउनलोड न करें।-ऑनलाइन गेम खेलते समय अकाउंट का एक्सेस न दें।-ऑनलाइन गैंबलिंग और बेटिंग प्लेटफॉर्म से बचें।-गेम अगर आपसे पैसा मांगे तो तुरंत बाहर हो जाएं।-गेम अगर कोई लालच दे तो समझिये फेक है।-गेम का लेवल खरीदना है तो पैरेंट्स को जरूर बताएं।

Posted By: Inextlive