Lucknow News: वर्ष 2019-20 में सीएए एनआरसी के विरोध में हिंसा करने वालों के खिलाफ यूपी के लखनऊ में 16 कानपुर में 34 अलीगढ़ में 22 मुजफ्फरनगर में 47 फिरोजाबाद में 35 मेरठ 13 व संभल में 12 समेत यूपी के 41 जिलों में पांच हजार से अधिक एफआईआर दर्ज की गई थीं।


लखनऊ (ब्यूरो)। सीएए लागू होने के बाद किसी भी स्थिति से निपटने के लिए यूपी पुलिस पूरी तरह तैयार है। इसके लिए डेटा के साथ-साथ उनकी ग्राउंड पर पूरी तैयारी है। पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाने के लिए पूरा होमवर्क कर लिया है। चार साल पहले 2019 में एनआरसी व सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन, बवाल में शामिल हुए करीब पांच हजार से ज्यादा लोगों को सर्विलांस में लिया गया है। 2019 में प्रदेश में 41 जिले में विरोध प्रदर्शन व हंगामा व बवाल हुआ था, जिसमें 509 केस दर्ज हुए थे। पुलिस अब तक की जांच में 406 केस में चार्टशीट कोर्ट में दाखिल कर चुकी है जबकि अन्य की जांच अभी चल रही है। सीएए लागू होने के बाद पुलिस पूरी तरह सतर्क है और उन सभी जिलों में जहां प्रदर्शन के दौरान पहले हंगामा व बवाल हुआ था, उनको लेकर खास तैयारियां की गई हैं।


किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार

सीएए की अधिसूचना लागू होने के साथ ही डीजीपी प्रशांत कुमार ने प्रदेश में लॉ एंड आर्डर बनाए रखने के लिए यूपी पुलिस की पूरी तैयारियों का दावा किया है। इसके लिए उन जिलों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है, जहां पूर्व में हंगामा व बवाल हुआ था। यूपी के 41 जिले हैं जहां हंगामा हुआ था। 9 जिलों में प्रदर्शनकारियों ने ज्यादा हंगामा व बवाल किया था। पुलिस सीएए के लागू होने के बाद पूरी तरह एक्टिव है और जमीनी तैयारियों के साथ-साथ अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों को स्पष्ट करने के लिए धार्मिक नेताओं के साथ जुड़ने का प्रयास भी कर रही है।यूपी के 41 जिलों में दर्ज हुई थी घटनाएं वर्ष 2019-20 में सीएए एनआरसी के विरोध में हिंसा करने वालों के खिलाफ यूपी के लखनऊ में 16, कानपुर में 34 अलीगढ़ में 22, मुजफ्फरनगर में 47, फिरोजाबाद में 35, मेरठ 13 व संभल में 12 समेत यूपी के 41 जिलों में पांच हजार से अधिक एफआईआर दर्ज की गई थीं। इनमें 1800 नामजद, 54545 अज्ञात को आरोपी बनाया गया था। यूपी पुलिस ने अलग-अलग जिलों में हिंसा करने वाले करीब पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। अब यूपी पुलिस एक बार फिर से हिंसा में शामिल लोगों पर नजर रख रही है।हंगामा करने वालों पर की कई थी कड़ी कार्रवाई

डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि पीएफआई से जुड़े 113 लोगों सहित 5,836 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा, जांच के दौरान 947 प्रदर्शनकारियों ने अदालत में सरेंडर किया था। प्रदर्शनकारियों की फायरिंग से 21 लोगों की मौत हो गई थी और 60 पुलिस कर्मी घायल हुए थे। साथ ही, पथराव से लगभग 400 अधिकारी घायल हुए थे। विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के संदर्भ में डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि 3.57 करोड़ रुपये की पब्लिक प्रापर्टी नष्ट हुई थी। पुलिस ने 680 व्यक्तियों को नोटिस देने के बाद प्रदर्शनकारियों से 6.54 लाख रुपये वसूली की कार्रवाई की है।

Posted By: Inextlive