Lucknow: नाम: मो. नूरआलम उर्फ कलाम...पता: विकासपुरी दिल्ली...नागरिकता: भूटान बर्मा ...सोमवार को आईबी के इंटेलिजेंस इनपुट पर राजधानी के होटल्स की चेकिंग के दौरान नाका एरिया के होटल अशोका में गेस्ट रजिस्टर पर यह प्रोफाइल पढ़कर पुलिसकर्मियों के कान खड़े हो गए. उन्होंने आनन-फानन में कमरा नंबर 112 में दबिश देकर मो. नूरआलम को अरेस्ट कर लिया. पुलिस ने उसके कब्जे से प्री-एक्टिवेटेड सिम और 50 हजार रुपये कैश भी बरामद किया. पुलिस ने नूरआलम को बिना आईडी कमरा देने वाले होटल मालिक और प्री-एक्टिवेटेड सिम बेचने वाले दुकानदार को अरेस्ट कर लिया. रॉ आईबी और एटीएस की टीमें नूरआलम से पूछताछ कर रही हैं.

बिना आईडी के मिल गया रूम

आईबी के इंटेलिजेंस इनपुट पर पूरे शहर के सभी होटलों में सोमवार को चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। इसी के तहत इंस्पेक्टर नाका विजय प्रकाश और एसआई अतुल कुमार श्रीवास्तव की टीम भी चारबाग एरिया में होटल चेकिंग कर रही थी। तमाम होटलों की चेकिंग के बाद जब पुलिस टीम होटल अशोका पहुंची तो गेस्ट रजिस्टर में रूम नंबर 112 में ठहरे नूरआलम की डिटेल देख उनके कान खड़े हो गए। पुलिसकर्मियों ने होटल मैनेजर से नूरआलम का आईडी प्रूफ मांगा तो वह आनाकानी करने लगा। इस पर पुलिसकर्मी भागकर उसके रूम पर पहुंचे और उसे कस्टडी में ले लिया। तलाशी के दौरान नूरआलम के कमरे से एक फेक आईडी, 50 हजार रुपये कैश और मोबाइल फोन बरामद किया

बांग्लादेश बॉर्डर से की थी घुसपैठ

शुरुआती पूछताछ में मो। नूरआलम ने बताया कि वह 2011 में बांग्लादेश बॉर्डर से एक दर्जन रोहंगिया साथियों के साथ अवैध रूप से देश में घुसा था। उसने बताया कि वह कोलकाता पहुंचा, जहां कुछ दिन रहने के बाद वह पानीपत चला गया। पानीपत के कच्चा बाजार इलाके में पोल्ट्री फॉर्म के काम करने के बाद वह नई दिल्ली के निजामुद्दीन एरिया में रहने लगा। जहां उसकी मुलाकात बांग्लादेशी कबूतरबाज मो। सुकल चौधरी, इमन चौधरी, शेखू और नूरुल हक से हुई। जहां से उसने बांग्लादेशियों और नेपाली नागरिकों को फर्जी पासपोर्ट व वीजा के जरिये खाड़ी देशों में भेजने का काम करने लगा। इसके लिये वह हर केंडीडेट से 2 लाख रुपये चार्ज करता था। दो महीने पहले उसके साथी पालम एयरपोर्ट पर पकड़े गए लेकिन वह भाग निकला और लखनऊ में आकर छिप गया। उसके इस खुलासे के बाद पुलिस ने मो। नूरआलम उर्फ कलाम और होटल मालिक अशोक टंडन को अरेस्ट कर लिया।

महज 55 रुपये के लिये नेशनल सिक्योरिटी से खिलवाड़

पुलिस ने जब नूरआलम से उसके पास बरामद मोबाइल में लगे सिम की पड़ताल की तो वह किसी दूसरे शख्स के नाम का निकला। पूछताछ के दौरान नूर ने बताया कि उसने यह प्री-एक्टिवेटेड सिम चारबाग के गुरुनानक मार्केट स्थित मां बरही देवी मोबाइल शॉप से खरीदा था। उसने बताया कि उसने यह सिम 120 रुपये में खरीदा था। इस इन्फॉर्मेशन पर पुलिस टीम ने मोबाइल शॉप पर छापा मारा और शॉप ओनर पवन गुप्ता को अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने शॉप से आइडिया के 20 और रिलायंस के 11 प्री-एक्टिवेटेड सिम बरामद किये। पूछताछ के दौरान पवन ने बताया कि कंपनी के सेल्स एक्जीक्यूटिव उसे यह सिम मुहैया कराते थे। रिलायंस का सिम 50 रुपये व आइडिया का प्री-एक्टिवेटेड सिम 65 रुपये में मिलता था।

इंटेलिजेंस एजेंसीज बोधगया कनेक्शन तलाशने में जुटीं

नूर आलम की अरेस्टिंग के बाद रॉ, आईबी और एटीएस जांच में जुट गई हैं कि कहीं उसका कनेक्शन बीते दिनों हुए बोधगया ब्लास्ट से तो नहीं। गौरतलब है कि एनआईए की जांच में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि बोधगया ब्लास्ट को म्यांमार के रोहंगिया आतंकियों ने अंजाम दिया है।

क्या कहते हैं अधिकारी

जांच की जा रही है कि अरेस्ट हुए नूर आलम ने अब तक कितने लोगों को फर्जी पासपोर्ट और वीजा की मदद से खाडी देशों में भेजा है इसके अलावा प्री एक्टिवेटेड सिम विक्रेता पवन गुप्ता को सिम मुहैया कराने वाले रिलायंस और आइडिया के सेल्स एग्जीक्यूटिव की भी पहचान करने की कोशिश की जा रही है

विजय प्रकाश

इंस्पेक्टर नाका

Posted By: Inextlive