चारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पांच पर शाम चार बजे के करीब अयोध्या से आने वाली एक ट्रेन रुकती है। हर डिब्बे से यात्री खाली पानी की बोतल लेकर दौड़ पड़ते हैं। नल की टोंटियों से पानी भरने के लिए धक्का-मुक्की शुरू होती है। प्लेटफार्म पर लगे कई नल खराब थे। जो सही थे उनमें से गर्म पानी निकल रहा था। इस पानी से यात्रियों की प्यास नहीं बुझ रही है। दरअसल यहां नौ प्लेटफार्म हैं जिन पर 181 नल लगे हैं फिर भी यात्रियों का गला सूख रहा है।


लखनऊ (ब्यूरो)। चारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर पानी के लिए नल तो लगे हैं पर नलों में गर्म पानी आ रहा है। यहां पानी के स्टॉल भी लगे हैं जहां दो रुपये लीटर ठंडा पानी बिकता है लेकिन वह बंद हैं। इसीलिए यात्री 20 रुपये लीटर पानी की बोतल खरीदकर पानी खरीदते हैं। हालांकि नल की खराब टोंटियों को ठीक कराने का दावा किया जा रहा है।40 फीसदी बढ़ गई रेल नीर की बिक्री
गर्मी शुरू होते ही स्टेशन पर रेल नीर पानी बोतल की बिक्री में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है। 60 से 80 हजार पानी की बोतल की बिक्री प्रतिदिन बढ़ी है। लोग प्यास बुझाने के लिए न चाहïते हïुए भी महïंगा पानी खरीदकर पीने को मजबूर हïैं।

कोविड के बाद यात्रियों की संख्या बढ़ी है। यात्री सुविधा के लिहाज से और रेलवे बोर्ड के नियमानुसार 181 नल और नौ वाटर कूलर लगे हैं। कुछ नल खराब हैं जिनको ठीक कराया जा रहा है।आशीष सिंह, स्टेशन निदेशक

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