कानपुर में मिले प्रदेश के पहले जीका संक्रमित को देखते हुए राजधानी में जिला स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया है। मच्छर से होने वाले इस संक्रमण को देखते हुए संचारी अभियान और अब और तेज किया जाएगा। इसकी टेस्टिंग को लेकर केजीएमयू के पास सभी सुविधाएं मौजूद हंै। वहीं केजीएमयू भेजे गए 22 सैंपल की जांच रिपोर्ट आज आने की उम्मीद है।


लखनऊ (ब्यूरो )। जीका वायरस का संक्रमण भी डेंगू व चिकनगुनिया की तरह एडीज प्रजाति के मच्छर के काटने से होता है। कुछ लोगों को हल्का बुखार, दाने और मांसपेशियों में दर्द होता है। दुर्लभ मामलों में, जीका वायरस मस्तिष्क या तंत्रिका तंत्र की जटिलताएं पैदा कर सकता है। सीएमओ ने बताया कि फिलहाल जीका वायरस के लिए कोई नोटिफिकेशन नहीं आया है लेकिन, विभाग पूरी तरह से पैनी नजर रखे हुए है। राजधानी में डेंगू व चिकनगुनिया को लेकर पहले से ही संचारी अभियान चल रहा है। गर्भवती महिलाओं से बच्चों में


केजीएमयू के एमएस डॉ। डी हिमांशु के मुताबिक जीका भी मच्छर से ही फैलता है। ऐसे में अगर कोई संक्रमित सामने आता है, तो इसके ट्रीटमेंट को लेकर यहां पूरी व्यवस्था है। इसके लिए कोविड प्रोटोकॉल ही फॉलो करने होते है। यह आसानी से एक से दूसरे में फैलता नहीं है और मार्टेलिटी भी नहीं है। वहीं, अमूमन 7 से 10 दिनों में लक्षणों के आधार पर ट्रीटमेंट से मरीज ठीक हो जाता है। हालांकि, अगर यह संक्रमण गर्भवती को हो जाये तो उससे गर्भ में पल रहे बच्चे के संक्रमित होने का खतरा बना रहता है।आज रिपोर्ट आने की उम्मीद

दूसरी ओर कानुपर में मिले संक्रमित के संपर्क में आये 22 लोगों का सैंपल केजीएमयू जांच के लिए भेजे गए हैं। माइक्रोबायलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो। अमिता जैन ने बताया कि सैंपल मिले चुके हंै। जिनकी जांच की जा रही है। सभी की रिपोर्ट सोमवार तक आ जाएगी। जीका वायरस के लक्षण - हल्का बुखार- जोड़ों का दर्द, विशेष रूप से हाथों या पैरों में- लाल आंखें - मांसपेशियों में दर्द- सिरदर्द- आंख का दर्द

जीका भी मच्छर के काटने से होता है। राजधानी में पहले से ही संचारी रोग को लेकर अभियान चल रहा है। मामले को लेकर पैनी नजर रखी जा रही है। डॉ मनोज अग्रवाल, सीएमओ

Posted By: Inextlive