एमडीए में खड़े-खड़े बेकार हो गए लाखों के वाहन
- कमीशन के चलते लगाई गई एमडीए को लाखों की चपत
- खरीदने के बाद एक बार भी नहीं किया गया इनका इस्तेमाल मनोज बेदी मेरठ : मेरठ विकास प्राधिकरण में लाखों रुपये के खरीदे गए वाहन खड़े- खड़े ही बेकार हो गए। यह सब खेल कमीशनखोरी के चलते किया गया। खरीदे गए वाहनों में लाखों रुपये की कमीशन वसूली गई। एमडीए के लाखों रुपये बर्बाद हो गए। एमडीए अधिकारी अब इन्हें नीलाम करने की तैयारी कर रहा है। नहीं हो रहा सुधारएमडीए में एक के बाद एक घोटाला सामने आ रहा है। इसके बाद भी मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। तीन साल पहले मेरठ विकास प्राधिकरण ने कमीशनखोरी के चलते लेंटर डालने वाली आरएमसी मशीन, वाटर टैंक, क्रेन समेत कई वाहन लाखों रुपये के खरीद लिए, जबकि पहले से यह वाहन एमडीए में मौजूद थे। लेकिन कमीशन के लिए इन्हें खरीदा गया। -------
ऑफिशियल स्टैंड कुछ मशीनें व वाहन एमडीए परिसर में खराब पड़े हुए हैं। इसकी नीलामी की लिए आर्डर कर दिए गए हैं। शीघ्र ही इनकी नीलामी की जाएगी। -राजकुमार सचिव एमडीए ----------- यह हो गए बेकार 50 लाख की आरएमसी मशीन 5 लाख का पानी टैंकर15 लाख की क्रेन
------- सभी की फोटो ट्रैक में है। कोट्स कमीशन के लिए वाहनों को कबाड़ करने वाले एमडीए अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से भी करनी चाहिए। -हसन सैफी एमडीए में जब भी किसी अधिकारी की तैनाती होती है। वह अधिकारी कमीशन के लिए नए वाहनों की खरीदारी करते हैं। -अश्वनी गैरा अध्यक्ष परतापुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एमडीए जिस रुपयों से वाहन खरीदता है वह जनता के होते हैं। एमडीए अधिकारियों को ऐसे रुपयों की बर्बादी नहीं करनी चाहिए। अगर वाहन खरीदे गए हैं तो उनका रख रखाव ठीक प्रकार से होना चाहिए। मनीष भारती डायरेक्टर, भारती मिल्क सरकारी वाहनों को जबरदस्ती ये खराब करने वाले एमडीए अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करवाना चाहिए। यह जनता के रुपयों को बर्बाद कर रहे हैं। मनोज गर्ग, सर्राफा व्यापार संघ ---------