-राइट टू एजुकेशन के बाद अब प्रधानमंत्री आवास योजना में पकड़े गए फर्जी लाभार्थी

-डीएम ने सभी लाभार्थियों का दोबारा सत्यापन कराने का दिया आदेश

सरकारों की कोशिश है कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के सबसे कमजोर व्यक्ति तक को मिले। सारी प्रशासनिक मशीनरी इस मशक्कत में लगी हुई है। मगर कुछ लोगों की खराब नीयत इसमें ऐसी बाधा बन रही है कि योजनाओं का लाभ हर अक्षम को नहीं मिल पा रहा है। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में ऐसी ही एक गड़बड़ी पकड़ी गई है। एहतियातन डीएम सुरेंद्र सिंह ने सभी लाभार्थियों का दोबारा सत्यापन कराने के आदेश दिए हैं।

पता फर्जी तो किसी का नंबर बंद

प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत सिटी में लगभग छह हजार लोगों को 50 हजार रुपये की पहली किस्त दी जा चुकी है। पिछले दिनों समीक्षा और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए जब इन लोगों को टटोला गया तो पता लगा कि कई लोगों के मोबाइल नंबर बंद हैं, कुछ ने अपने पते भी फर्जी दर्ज कराए थे तो कुछ के डॉक्यूमेंट फर्जी पाए गए हैं। जबकि आवासीय योजना के सत्यापन के दौरान डूडा की तरफ से शुरुआत में ही काफी सावधानी बरती गई थी। योजना के तहत लाभार्थियों की जमीन या कच्चे मकान की तस्वीर लेकर इसकी जिओ टैगिंग भी करनी थी मगर इसके बावजूद कुछ फर्जी लाभार्थियों ने योजना को झांसा दे दिया।

आरटीई में भी पकड़ा गया फर्जीवाड़ा

आरटीई (राइट टू एजुकेशन) के तहत भी पिछले महीने डीएम सुरेंद्र सिंह ने गड़बड़ी पकड़ी थी। उन्होंने पाया था कि दो लाख से ज्यादा आय वाले लोगों ने भी अपनी आय छिपाकर मुफ्त शिक्षा का लाभ लेने की कोशिश की। ऐसे छह लोग सामने आए थे और डीएम ने संबंधित लेखपाल के अलावा अभ्यर्थियों के खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दिए थे। मार्च महीने में ऐसा ही फर्जीवाड़ा काशीराम आवासीय योजना में भी पकड़ा गया था। प्रशासन ने 400 आवासों को खाली कराकर उनका दोबारा पात्र लाभार्थियों को उनका आवंटन कराया था।

जरूरतमंदों की भी तो सोचिए

जरा सोचिए ऐसे लोगों की, जिनके पास अपना घर नहीं है, जिनके पास बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाने की ताकत नहीं है, जो कच्चे खपरैल या फूंस की छाजन के नीचे जाड़ा-गर्मी-बरसात काटने को मजबूर हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने अब फर्जी ढंग से योजनाओं का लाभ लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी भी की है। इसलिए ऐसा न हो कि थोड़े से लाभ के चक्कर में आपको कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ जाएं।

इनसेट

क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना?

बीपीएल और अंत्योदय कार्ड धारकों के लिए केंद्र सरकार की इस योजना के तहत तीन किस्तों में धन दिया जाना है। पहली किस्त में 50 हजार, दूसरी में डेढ़ लाख और तीसरी किस्त में 50 हजार रुपये की धनराशि से उन लाभार्थियों की मदद की जाएगी जिनके पास अपनी जमीन तो है मगर पक्का मकान नहीं है।

खास बातें

8,262

मिले थे आवास के लिए कुल आवेदन

5,442

सबसे ज्यादा ओबीसी तबके से आए प्रार्थना पत्र

1,540

के आधार कार्ड पाए गए अवैध

6,247

लाभार्थियों को दी गई 50 हजार रुपये की पहली किस्त

वर्जन

कुछ लाभार्थियों के नंबर बंद हैं और कुछ के नाम-पते फर्जी हैं। सभी लाभार्थियों का दोबारा सत्यापन करने को कहा गया है। फर्जी ढंग से लाभ लेने वालों के खिलाफ अब प्रशासन कार्रवाई भी करेगा।

सुरेंद्र सिंह, डीएम वाराणसी

Posted By: Inextlive