कांटैक्ट टे्सिंग को तुरंत आइडेंटिफाई कर होगी सैंपल और स्क्रीनिंग

तीन दिन तक लगातार घरों के अंदर किया जाएगा सेनेटाइजेशन

वाराणसी में कोरोना संक्रमण मरीजों की संख्या चार हजार पार हो गया है। जुलाई में हर दिन 100 से 200 के बीच पॉजिटिव मिल रहे थे। अगस्त में यह आंकड़ा 200 से 300 के बीच पहुंच गया। अब तक पिछले सारे रिकार्ड को ध्वस्त शुक्रवार को 312 कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान ने स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन के साथ शहर के आम लोगों की नींद उड़ा दी है। तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए वाराणसी में आगरा मॉडल अपनाया जाएगा। डीएम के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने प्लानिंग शुरू कर दी है। केस मिलने के तुरंत बाद रैपिड रेस्पॉन्स टीम सर्वे करेगी। इस बीच दूसरी टीम कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग को तुरंत आइडेंटिफाई कर सैंपल और स्क्रीनिंग का काम करेगी। तीन दिन तक लगातार घरों के अंदर सेनेटाइजेशन होगा। थर्मल गन और ऑक्सिमीटर के साथ घर-घर चेकअप अभियान चलाया जाएगा।

नौ लेवल रणनीति तैयार

ताजनगरी आगरा ने कोरोना संक्रमण से निपटने में मिसाल पेश की है। उत्तर भारत का पहला केस भी आगरा का व्यापारी ही था। इसके बाद संक्रमण ने पूरे आगरा को अपनी चपेट में ले लिया। एक दिन में सौ से अधिक कोरोना पाजिटिव मिल रहे थे, लेकिन जून में जिला प्रशासन ने नौ लेवल रणनीति से स्थिति कंट्रोल में कर ली। वाराणसी में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आगरा मॉडल पर काम करने का निर्णय लिया है। आगरा की तर्ज पर यहां भी कोरोना पर वार करने के लिए 9 लेवल रणनीति तैयार की गई है।

आधा है आगरा में एक्टिव केस

अप्रैल से जून महीने तक आगरा में कोरोना ने कहर बरपा दिया था। जब वहां 1600 संख्या पहुंची तो वाराणसी में तीन सौ थी। आगरा में जुलाई महीने के दौरान कोरोना कंट्रोल में आ गया, लेकिन यहां अनकंट्रोल हो गया। 5 से 7 अगस्त यानी तीन दिन में 700 कोरोन पॉजिटिव पाए गए। आगरा में कुल कोरोरा पाजिटिव की संख्या 21 सौ के अंदर है, जबकि वाराणसी में 4 हजार पार हो गया है। आगरा में रिकवरी रेट भी पूरे प्रदेश में सबसे अच्छा 87 प्रतिशत है, जबकि वाराणसी में 60 प्रतिशत है।

सेकेंडरी कॉन्टैक्ट की रणनीति

डब्ल्यूएचओ के मानकों के मुताबिक, कोरोना मरीज के सीधे संपर्क में आने वाले प्राइमरी कॉन्टैक्ट को चिह्नति किया जाता था। अब वाराणसी में सेकेंडरी कॉन्टैक्ट पर भी फोकस किया जाएगा। ऐसे लोगों को आइसोलेट किया जाएगा। होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना संक्रमितों पर नजर रखी जाएगी। मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा में टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाई जाएगी। कंटेनमेंट जोन छोटे रखे जाएंगे। वहां से आने-जाने पर सख्ती होगी।

घर-घर सर्वे पर जोर

वाराणसी में कुल 982 टीमें कार्य कर रही हैं, जो शहर से ग्रामीण इलाकों में घर-घर सर्वे का काम कर रही हैं। अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में लक्षणयुक्त पाये गए व्यक्तियों की संख्या 2,358 है। इस दौरान सर्वेक्षित किए गए व्यक्तियों की संख्या 24.87 लाख (24,87,250) और भ्रमण किए गए आवासों की संख्या 5.21 लाख (5,21,446) है। शहरी क्षेत्रों में लक्षणयुक्त पाये गए व्यक्तियों की संख्या 1,166 है। इस दौरान सर्वेक्षित किए गए व्यक्तियों की संख्या 6.69 लाख (6,69,597) और भ्रमण किए गए आवासों की संख्या 1.52 लाख (1,52,373) है। इस तरह से सíवलान्स टीमों के द्वारा ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में अभी तक कुल 3,524 लक्षणयुक्त व्यक्तियों को चिन्हित किया जा चुका है, जिनका दैनिक आधार पर सैंपलिंग भी कराया जा रहा है।

ये है नौ लेवल स्ट्रेटजी

1- केस मिलने के तुरंत बाद रैपिड रेस्पॉन्स टीम का सर्वे

2- दूसरी टीम सैंपल और स्क्रीनिंग का काम करती है

3- तीन दिन तक लगातार घरों के अंदर सेनिटाइजेशन

4- थर्मल गन और ऑक्सिमीटर के साथ घर-घर चेकअप

5- कंटेनमेंट जोन की बैरिकेडिंग और पुलिस का पहरा

6-फायर ब्रिगेड की तरफ से व्यापक सैनिटाइजेशन अभियान

7-डेडिकेटेड टीम के साथ सेकंडरी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग

8- हर शाम स्वतंत्र एजेंसी की तरफ से निरीक्षण

9-मुख्य अधिकारियों के साथ अनिवार्य रूप से समीक्षा बैठक

वाराणसी में डीएम साहब के निर्देश पर कोरोना संक्रमण को रोकने पर काम किया जा रहा है। इसी बीच आगरा मॉडल की तर्ज पर रणनीति बनाई जा रही है। पॉजिटिव केस मिलने के तुरंत बाद रैपिड रेस्पॉन्स टीम मौके पर जाकर सर्वे करेगी। इसी बीच दूसरी टीम सैंपल और स्क्रीनिंग का काम करेगी।

-डॉ। वीबी सिंह, सीएमओ

Posted By: Inextlive