Varanasi: सिटी में दौड़ रहे ऑटोज का रंग चेंज करना आसान नहीं होगा. ऑटो यूनियन ने नये ऑर्डर के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी की है. यूनियन से जुड़े लोगों का कहना है कि बार बार कलर चेंज करने से ओनर्स को नुकसान उठाना पड़ता है. रंग बदलने की जो वजह बतायी जाती है उसका भी उद्देश्य पूरा नहीं होता है. इसके पहले बिना सिटी परमिट के चलने वाले ऑटोज की पहचान के लिए कलर चेंज कराया गया था. इसके बावजूद हजारों ऑटोज सिटी में आज भी बिना कलर चेंज कराए दौड़ रहे हैं.


अवैध दौड़ रहे बेधड़क सिटी में अवैध ऑटोज पर रोक लगाने के लिए आरटीए ने पिछली मीटिंग में कलर फिक्स किया था। इसमें सिटी परमिट वाले ऑटोज का कलर ग्रीन व येलो तथा रूरल एरिया वाले ऑटोज का कलर ब्लैक और येलो तय किया गया था। लेकिन सभी ऑटोज एक ही कलर में हो गए। इससे पहचान करना मुश्किल हो गया कि कौन सिटा का है और कौन रूरल एरिया का है। यानि कि रूल्स को फॉलो ही नहीं कराया गया। जो जिस रंग में थे दौड़ते रहे। अब मीटिंग कर एक बार फिर कलर चेंज कर दिया गया। इससे ऑटो यूनियन और ओनर्स में उबाल आ गया है। वो नये आदेश से नाराज हैं। कोर्ट के फैसले का होगा पालन
सिटी में दौडऩे वाले ऑटोज का कलर यथावत रखने के लिए ऑटो यूनियन जुट गया है। यूनियन के उपाध्यक्ष भगवान सिंह ने बताया कि अथॉरिटी के नये ऑर्डर को कोर्ट में ले जाया जाएगा। कोर्ट जो डिसीजन देगा उसका हम सम्मान करेंगे। उन्होंने कहा कि जब आरटीए ने रूरल एरिया का कलर ब्लैक व येलो करने का ऑर्डर दिया था तो उसे फॉलो क्यों नहीं कराया गया? अभी भी समय है। अगर रूरल एरिया के ऑटोज का जो कलर तय किया गया था उसे फॉलो करा दिया जाए तो सिटी के ऑटोज का कलर चेंज ही नहीं करना पड़ेगा।सिटी में अवैध ऑटोज पर रोक लगाने के लिए आरटीए ने पिछली मीटिंग में कलर फिक्स किया था। इसमें सिटी परमिट वाले ऑटोज का कलर ग्रीन व येलो तथा रूरल एरिया वाले ऑटोज का कलर ब्लैक और येलो तय किया गया था। लेकिन सभी ऑटोज एक ही कलर में हो गए। इससे पहचान करना मुश्किल हो गया कि कौन सिटा का है और कौन रूरल एरिया का है। यानि कि रूल्स को फॉलो ही नहीं कराया गया। जो जिस रंग में थे दौड़ते रहे। अब मीटिंग कर एक बार फिर कलर चेंज कर दिया गया। इससे ऑटो यूनियन और ओनर्स में उबाल आ गया है। वो नये आदेश से नाराज हैं।

Posted By: Inextlive