बिना पेपर चल रही सरकारी गाड़ी
- मई में नगर निगम ने खरीदे 35 वाहन, लेकिन अब तक नहीं हुआ रजिस्ट्रेशन
- धड़ल्ले से फर्राटा भर रहे कूड़ा उठान करने वाले कॉम्पेक्टर्स व छोटे वाहन 1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ नगर निगम की कूड़ा उठान करने वाली छोटी-बड़ी 35 गाडि़यां पिछले चार महीने से बिना पेपर के चल रही हैं। यह निगम के ट्रांसपोर्ट विभाग की लापरवाही ही है कि अब तक इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आरटीओ ऑफिस में जरूरी प्रक्रिया तक नहीं शुरू की है। बिना नम्बर की ये गाडि़यां शहर में धड़ल्ले से दौड़ रही हैं। डेली इन वाहनों से सैकड़ों टन कूड़े का उठान भी किया जा रहा है, लेकिन इनकी जांच नहीं हो रही है। अफसर खुद फॉलो नहीं करते रूल्सदरअसल, सफाई, हाउस टैक्स, लाइसेंस देने के के लिए नगर निगम तमाम नियम-कायदे बनाता है, लेकिन खुद निगम के अफसर ही तमाम रूल्स को फॉलो नहीं करते हैं। मई में आए छोटे और बड़े वाहनों का नियमत: अब तक रजिस्ट्रेशन हो जाना चाहिए था, लेकिन ट्रांसपोर्ट विभाग के अफसर सोते रहे। नगर आयुक्त के लेवल से जब इसकी पड़ताल हुई तो अफसरों ने रजिस्ट्रेशन कराने के लिए जरूरी प्रक्रियाएं शुरू कर दीं।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत मिले वाहननगर निगम को मई में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 35 छोटे और बड़े वाहन मिले थे। जून के पहले हफ्ते से इन वाहनों से कूड़े का उठान शुरू हो गया। इस बीच, ट्रांसपोर्ट विभाग के अफसरों ने एक बार भी इन 'अवैध' वाहनों को वैध करने की कवायद शुरू नहीं की। बिना रोकटोक इन वाहनों को सड़कों पर दौड़ाते रहे। ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ के जांच अभियान में सरकारी वाहन होने से कभी भी इनकी जांच नहीं हुई।
हो गया लेट, देना होगा जुर्माना नियम के मुताबिक वाहन खरीदने के बाद रजिस्ट्रेशन कराने के लिए तत्काल आरटीओ ऑफिस में आवेदन करना होता है। नगर निगम के अफसरों ने इसमें काफी देर कर दी। अब रजिस्ट्रेशन कराने के लिए एमवी एक्ट के तहत जुर्माना भरना होगा। अफसरों की लापरवाही से निगम को लाखों रूपये की चपत लगेगी। एक नजर - 10 कॉम्पेक्टर्स हैं अनरजिस्टर्ड - 25 छोटे वाहन हैं बिना नम्बर के - 7 दिन में हो जाता है रजिस्ट्रेशन - 1.6 करोड़ से ज्यादा है वाहनों की कीमत - निगम के बेड़े हैं 160 वाहनट्रांसपोर्ट विभाग के अफसरों की लापरवाही की वजह से कागजी प्रक्रिया पूरी करने में काफी देर हुई है। वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए अक्टूबर के पहले हफ्ते में आरटीओ ऑफिस में आवेदन कर दिया जाएगा।
अजय कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त