निर्वाचन आयोग की ओर से घोषित चुनावी डेट के अंतिम चरण सात मार्च को वाराणसी और आसपास के जिलों में वोटिंग होनी है. ऐसे में यहां चुनावी गतिविधियां धीरे-धीरे शबाब की ओर बढ़ रही हैं. हालांकि प्रमुख पार्टियों ने अभी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है लेकिन कुछ लोगों को हाईकमान से इशारा मिल चुका है. ऐसे लोगों ने चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है.

वाराणसी (ब्यूरो)चुनाव आयोग ने कोरोना काल में 31 जनवरी तक रैली, रोड शो, पदयात्रा, साइकिल रैली व जुलूस पर पाबंदी लगा रखी है। अब भावी प्रत्याशियों के सामने एक ही रास्ता बचता है सोशल मीडिया का, जिस पर लोकप्रिय नेता बनाने और चेहरा चमकाने के लिए वे मैनेजमेंट गुरुओं की शरण में जा रहे हैं। इलेक्शन 'इंजीनियरोंÓ की सेवाएं भी ली जा रही हैं। इनका काम नेताओं की इमेज रिपेयर करना यानी पब्लिक में दमदार नेता बनाना है। जिले की आठ विधानसभाओं से करीब 15 भावी उम्मीदवार अब तक इलेक्शन इंजीनियरों की शरण में जा चुके हैं।

डिजिटल प्रचार का इंतजाम
चुनाव आयोग की ओर से रैली-जनसभा पर रोक के चलते डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ही प्रचार के लिए पार्टियों और उम्मीदवारों का फोकस है। प्रचार में इस बार तमाम इनोवेशन हो रहे हैं। प्रत्याशियों (घोषित व भावी) के सामने सबसे बड़ी चुनौती खुद को जनता के सामने एक दमदार लीडर के रूप में पेश करना है। उन्हें अपना सामाजिक काम भी दिखाना है। इसके लिए बकायदा लखनऊ, प्रयागराज, नई दिल्ली आदि जगहों के इलेक्शन इंजीनियरों की सेवाएं ली जा रही हैं।

कराए जा रहे वीडियो शूट
मैनेजमेंट गुरुओं और इलेक्शन इंजीनियरों ने संभावित उम्मीदवारों का संबधित विधानसभा क्षेत्रों में खास जगहों पर फोटो शूट व वीडियो बनाना शुरू कर दिया है। इसे तैयार करने में दो से तीन घंटे तक समय लग रहा है। मैनेजमेंट गुरु की टीम में मैकअप मैन व ड्रेस डिजाइनर भी शामिल हैं, जो प्रत्याशियों को तैयार करते हैं। हरहुआ फ्लाईओवर, वरुणा कॉरिडोर व गंगा घाट पर अधिकतर वीडियो बनाए जा रहे हैं।

मेरे संपर्क में पांच लोग आ चुके हैं। हमारी टीम ने काम भी शुरू कर दिया है। चुनाव लडऩे वाले संभावित उम्मीदवारों से बातचीत कर अभी कंटेंट तैयार किया जा रहा है। कुछ खास जगहों पर जाकर फोटो भी शूट किया गया है। जैसे ही टिकट की घोषणा हो जाएगी। डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रचार शुरू हो जाएगा।
-सुनील कुमार

हमारे पास कुछ लोगों ने संपर्क किया है। अपने विजन व विचार के साथ पैसे भी दिए हैं। हमारी टीम संबंधित पार्टियों के अनुसार संभावित प्रत्याशियों की दो से तीन मिनट के छोटे-छोटे वीडियो बनाने के काम पर लगी है। पार्टी से नाम तय होते ही वीडियो सोशल मीडिया व डिजिटल प्लेटफार्म पर फ्लैश होने लगेंगे।
-धीरज पटेल

Posted By: Inextlive