Varanasi news: निगम ने नहीं सुनी, बंदरों से बचाव को पब्लिक ने लगाई जाली और कांटेदार कवर
वाराणसी (ब्यूरो)।
केस- 1
बृज इंक्लेव कॉलोनी निवासी कविता आर्या की फैमिली बंदरों के आतंक से दहशत में है। हालात यह है कि उनके फ्लैट में बंदरों ने डेरा डाल रखा है। कार के कवर से लेकर सीट तक फाड़ दी। स्कूटी कवर को नोच दिया। यही नहीं रात में जहां कार की पार्किंग करती हैं। वहां बंदरों का झुंड रहता है।
केस-2
नगवां निवासी सतीश कुमार बंदरों की उछल-कूद से परेशान हैं। उनका पूरा परिवार बंदरों के डर से एक हफ्ता पहले कहीं और चला गया। अब जब वापस लौटे तो एक दर्जन से अधिक बंदरों ने उनके घर में रखे सामान को तहस-नहस कर दिया था। भगाने पर वह भाग गए, लेकिन एक घंटे बाद फिर से वह वापस आ गए और छत पर फैले कपड़े उठाकर चले गए।
केस-3
औरंगाबाद निवासी सुमन केशरी ने बंदरों के आतंक से बचने के लिए अपने पूरे बरामदे में लोहे की जाली लगा दी है। इसके बाद भी उनकी छत पर बंदरों का डेरा रहता है। छत पर कपड़ा नहीं डाल पाती है न ही कोई काम कर पाती हैं। बंदरों ने 30 गमले तोड़ दिए। ठंड के दिनों में धूप लेना मुश्किल हो गया था। एक महीना पहले नगर निगम के कर्मचारी से कंप्लेन की थी, लेकिन बंदरों के उत्पात से छुटकारा नहीं मिला.
यह तीन केस बताने के लिए काफी हैं कि नगर निगम एरिया में बंदरों ने किस कदर उत्पात मचा रखा है। हालात यह हैं कि नगर निगम में कंप्लेन करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पब्लिक बंदरों से बचाव के लिए खुद ही इंतजाम करने लगी है। गाडिय़ों पर कांटेदार कवर लगाने लगे हैं। मकानों के चारों तरफ जाली लगाई जा रही है।
बंदरों की कंप्लेन पर एक्शन नहीं
फिलहाल बंदरों की धरपकड़ में नगर निगम की सुस्त कार्यप्रणाली आम पब्लिक पर काफी भारी पड़ रही है। पिपलानी कटरा स्थित पशु चिकित्सालय में लोगों ने कई कंप्लेन कीं, लेकिन कितनी कंप्लेन आईं। यह प्रभारी अधिकारी अमर नाथ द्विवेदी को नहीं पता है। उनका कहना है कि बंदर को छोड़कर जितनी भी कंप्लेन आ रही हैं। उस पर कार्रवाई की जा रही है।
ईद बाद आएगी टीम
प्रभारी अधिकारी अमर नाथ द्विवेदी ने कहा, बंदरों को पकडऩे के लिए मथुरा से टीम ईद बाद आएगी। दो महीने पहले बंदरों को पकड़कर चंदौली के जंगलों में छोड़ा गया था। इसके बाद भी बंदरों की संख्या बढ़ती जा रही है।
बंदरों को पकडऩे के लिए ईद बाद मथुरा से टीम आएगी। बंदरों के लिए पशु चिकित्सालय में लोग आकर प्रतिदिन मैनुअली शिकायत करते हैं.
अमरनाथ द्विवेदी, प्रभारी अधिकारी, पशु चिकित्सालय