लकड़बग्घे की हड्डी की तस्करी में पांच गिरफ्तार
- एसटीएफ ने कैंट बस स्टैंड के पास से पकड़ा
- संरक्षित जानवर की छोटी-बड़ी मिलाकर 143 हड्डियां बरामद लकड़बग्घे की हड्डी की तस्करी करने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। शनिवार को एसटीएफ वाराणसी और वन विभाग की टीमों ने इन लोगों को कैंट स्थित रोडवेज बस स्टैंड के पास से पकड़ा। इनके पास से संरक्षित जानवर की छोटी-बड़ी मिलाकर 143 हड्डियां बरामद की गई हैं। एसटीएफ ने इन सभी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। ये किए गए गिरफ्तारगिरफ्तार आरोपितों में सारनाथ के पुराना आरटीओ आफिस के निकट अनमोल नगर कॉलोनी निवासी आनन्द कुमार सिंह, हुकुलगंज निवासी अरविन्द मौर्या उर्फ दिलीप मौर्या, मिर्जापुर के चील्ह थाने के ठिकसारी निवासी सुदामा, बल्लीपरवा निवासी सिपाही और मिर्जापुर के शहर कोतवाली निवासी महमूद हैं। एसटीएफ वाराणसी के सीओ विनोद सिंह ने बताया कि वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो नई दिल्ली के स्त्रोतों से सूचना के आधार पर छापेमारी की गई। गिरफ्तारी करने वाली टीम में निरीक्षक पुनीत परिहार, राघवेन्द्र मिश्रा, अरविन्द सिंह व वन विभाग के अधिकारी थे।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेंदुए की हड्डी बताकर बेचते थेएसटीएफ ने बताया कि आरोपितों से पूछताछ में पता चला कि इनका एक गिरोह है। ये अंतरराष्ट्रीय स्तर के तस्करों के साथ भी धोखाधड़ी करते थे। अन्तरराष्ट्रीय बाजार में दुर्लभ जीव तेंदुआ की हड्डियों की तस्करी भारी पैमाने पर होती है, जिसका उपयोग विदेशों में शक्तिवर्धक दवाएं बनाने में किया जाता है, जिसके कारण तेंदुआ की हड्डियां अवैध रूप से काफी ऊंचे दामों पर बेची जाती हैं। इन लोगों ने जनपद मिर्जापुर के जंगलों से वनवासियों के सहयोग से लकड़बग्घे का कंकाल हासिल किया था। इसे तेंदुआ की हड्डी बताकर बिक्री करने के लिए वाराणसी में आये थे।