- हर तरह की इच्छापूर्ति के खोखले दावे करने वाले फ्रॉड्स हर जगह हैं मौजूद

- विज्ञापन के जरिए फंसाते हैं अपना शिकार और इच्छापूर्ति के एवज में वसूलते हैं तगड़ी रकम

- 21वीं सदी के बावजूद अंधविश्वास आड़ में फल-फूल रहा बाबाओं का कारोबार

VARANASI : अगर आपका प्यार परवान नहीं चढ़ा है तो फिक्रमंद होने की जरूरत नहीं है। वशीकरण यंत्र आपके प्यार को मुकाम दिलाने की गारंटी लेता है। अगर नौकरी तलाश रहे हैं तो लाल किताब आपकी हेल्प करेगी। जमीन-मकान के विवाद में हनुमान कवच आपकी हेल्प करेगा। ऐसे कोरे दावे करने वाले बाबाओं की शहर में भरमार है। वे अपने बताए नुस्खों को आजमाने से दुनिया की हर चीज हासिल करने का दावा करते हैं। पीके बना आई नेक्स्ट रिपोर्टर यह सब जानकर अचंभित था। सच्चाई का पता लगाने के लिए उसने ऐसे कई बाबाओं से बात की तो उन सभी ने उसके एवज में मोटी रकम की मांग की। जब रिपोर्टर ने अपनी इच्छापूर्ति का वक्त तय करने की शर्त उनके सामने रखी तो वे बगलें झांकने लगे।

खर्च करते हैं लाखों

विज्ञापनों पर चंद रुपये खर्च करके इच्छापूर्ति का दावा करने वाला बाबा अपना शिकार फंसाते हैं। वे अखबार से लेकर टीवी चैनल और होर्डिग-बैनर के जरिए जमकर प्रचार करते हैं। यहां तक कि कई बाबाओं के प्रचार पर खर्च होने वाली रकम महीने में चार-पांच लाख रुपये तक पहुंच जाती है। जो रुपये खर्च होते हैं इसकी भरपाई फंसाए गये शिकार के की जाती है। जैसी इच्छापूर्ति वैसा रेट। इन बाबाओं का दावा है कि नौकरी की चाहत जमीन-जायदाद का विवाद, गृह क्लेश, धन की चाहत समेत सभी समस्याओं का निदान उनके पास मौजूद है। खास बात यह है कि 21वीं सदी में भी अंधविश्वास का प्रभाव कम नहीं हुआ है। खोखले दावे करने वाले इन बाबाओं के भक्तों की कमी भी नहीं है। इनमें फायदा कितनों का होता है यह तो वही जानें लेकिन फ्रॉड बाबाओं के चक्कर में बर्बाद होने वालों की संख्या काफी अधिक है। इनके दावों पर यकीन कर अब तक कइयों ने लाखों रुपये गंवाए हैं।

बाबाओं की पहचान मुश्किल

इच्छापूर्ति का दावा करने वाले फ्रॉड्स की पहचान बेहद मुश्किल है। परेशान शख्स बिना कुछ सोचे-समझे इनके दावे पर यकीन कर लेता है। एक बार फंसने के बाद उनके जाल से निकलना मुश्किल हो जाता है। फ्रॉड बाबा प्रत्यक्ष रूप से सामने कम ही आते हैं। वह सिर्फ अपने एकाउंट नम्बर आदि को पब्लिश करते हैं। इसके जरिए ही रुपये आदि मंगाते हैं। ताकि इनका शिकार होने वाले लोग खुद के ठगे जाने पर उनके पास पहुंच न सकें।

ये रही उनकी असलियत

पीके बने रिपोर्टर ने पलक झपकते ही इच्छापूर्ति का दावा करने वाले बाबाओं की सच्चाई सामने लाने के लिए उनके दिए फोन नम्बरों पर सम्पर्क किया तो वे अपने रूप में आ गए। उन्होंने रुपये वसूलने के लिए पूरा जोर लगा दिया लेकिन काफी कोशिश के बावजूद अपनी पहचान उजागर नहीं होने दी। आपके सामने है रिपोर्टर की बाबाओं से हुई बातचीत -

बाबा नंबर 1

नाम- फकीर बाबा (वशीकरण स्पेशलिस्ट)

रिपोर्टर- बाबा में पीके बोल रहा हूं। एक लड़की को अपने वश में करना है। कैसे होगा?

बाबा- लड़की तुम्हारी हो जाएगी। उसका नाम बता दो, उसके माता-पिता का नाम बता दो और वह कहां रहती है यह भी बता दो।

रिपोर्टर- बाबा कितने दिनों में लड़की मेरी हो जाएगी।

बाबा- यह तो तुम्हारी मर्जी पर है। जितने रुपये खर्च करोगे उतनी जल्दी लड़की तुम्हारे वश में होगी। एक दिन में इच्छापूर्ति करवानी है तो इसके लिए दस हजार और अगर एक सप्ताह तक इंतजार कर सकते हो तो इसके लिए पांच हजार रुपये खर्च करने होंगे। मेरा बैंक एकाउंट लेकर रुपये उसमें डाल दो।

रिपोर्टर- नहीं, मैं तो आपके हाथ में ही रुपये दूंगा। बताइए कहां आना है?

(इतना कहते ही बाबा ने फोन काट दिया.)

बाबा नंबर 2

नाम-जगदीश्वर महाराज (नौकरी दिलाने और मुकदमों से मुक्ति दिलाने के तथाकथित महारथी)

रिपोर्टर-बाबा मैं पीके बोल रहा हूं, नौकरी के लिए परेशान हूं।

बाबा-कैसी नौकरी चाहिए?

रिपोर्टर- क्या आप हर तरह की नौकरी दिला सकते हैं?

बाबा- हां, बिल्कुल। क्लास वन के लेकर हर स्तर तक की नौकरी दिला सकता हूं।

रिपोर्टर- बाबा मैं आईएस बनना चाहता हूं।

बाबा- पांच लाख रुपये खर्च होंगे, क्या दे पाओगे?

रिपोर्टर- कुछ कम हो सकता है?

बाबा- तुम्हारे लिए तीन लाख में काम कर दूंगा। मेरा एकाउंट नम्बर लेकर इसमें रुपये डाल दो।

रिपोर्टर- बाबा मैं आपके पास आकर अपनी मार्कशीट आदि दिखाकर रुपये देना चाहता हूं।

बाबा- मैं साधना में लीन रहता हूं। किसी से मिलता नहीं हूं।

रिपोर्टर- नहीं मैं तो आपके हाथ में ही रुपये दूंगा ताकि बाद में कोई परेशानी नहीं हो।

(इतना कहते ही इन महाशय ने फोन कट कर दिया और रिपोर्टर के दोबारा ट्राई करने पर फोन स्वीच ऑफ आने लगा.)

Posted By: Inextlive