300 में से 200 पौधे सूखकर हुए नष्ट 100 पौधों को बकरियों ने बनाया निवाला स्मार्ट सिटी की लापरवाही से एक-एक कर दम तोड़ रहे पौधे

वाराणसी (ब्यूरो)बनारस का खिड़किया घाट (नमो घाट) किसी पहचान का मोहताज नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल यह घाट लोकार्पण से पहले ही उपेक्षा का शिकार हो गया है। पहले उद्घाटन प्रकरण, टिकट रसीद और अब पूरे घाट एरिया में लगी ग्रीनरी सफाचट हो गई हैैं। जहां 300 में से 200 पौधे सूखकर नष्ट हो गए हैैं, वहीं 100 पौधों को बकरियों ने अपना निवाला बना दिया है। इसी तरह अधिकारियों की लापरवाही बनी रही तो मौजूदा वक्त में गंगा किनारे घाटों में सबसे सुंदर और भव्य नमो घाट की सुंदरता पर ग्रहण लगने में समय नहीं लगेगा। बता दें कि रोजाना 10 हजार से अधिक की तादात में पब्लिक यहां सैर-सपाटा करने पहुंचती है। अवकाश के दिनों में यह आंकड़ा 20 से 25 हजार तक जा पहुंचता है। अभी इस घाट पर उपेक्षा के चलते जनता के टैक्स से लगाए गए पौधे एक-एक कर दम तोड़ रहे हैं। इस पर न तो नगर निगम का ध्यान है और न ही स्मार्ट सिटी का.

सावन में सूख गए पौधे

खिड़किया घाट पर नमो स्कल्पचर के दाहिने ओर फूल और सजावटी पौधों के गमले रखे गए हैं। इनमें लगे ज्यादातर पौधे पानी के अभाव में बुरी तरह से सूखकर नष्ट हो रहे हैं। थोड़े ही दूर पर दो ब्लाक में लगे पौधों को बकरियां चर रही हैैं और पानी की कमी से मुरझा रही हैैं.

बकरियों का निवाला बन गई

पूरे घाट एरिया में दो से तीन सौ के आसपास गमले में ग्रीनरी लगाई गई है। इसमें अधिकतर सूख गए हैं। जो बचे हैं, उन्हें बकरियां अपना निवाला बनाती जा रही हैं। बकरियों के चर जाने से पौधे ठूंठ हो गए हैं। हरी पत्तियों के अभाव में भोजन नहीं बनाने से पौधे एक-एक कर खत्म हो रहे हैं। स्थानीय दुर्गा मांझी बताते हैं कि घाट पर सिर्फ टिकट कटाने के लिए कर्मचारी लगाए गए हैं, अधिकारियों को चाहिए कि यहां कम से कम 20 सुरक्षा गार्ड तैनात करें ताकि नए नवेले घाट और यहां की चीजों को सुरक्षित रखा जाए। साथ ही दो-तीन मालियों की व्यवस्था की जाए।

स्मार्ट सिटी क्यों है लापरवाह

खिडकिया घाट से मानव बस्तियां लगी हुई हैं। इन इलाकों में लोगों के पास बकरियां हंै, जो दिनभर इधर-उधर घूमती रहती हैं और गाहे-बगाहे ग्रीनरी को चट करती हैं। वहीं, इतने महत्वपूर्व प्लेस की ग्रनारी और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पर्याप्त संख्या में गार्ड और पौधों की देखरेख के लिए माली आदि की तैनाती क्यों नहीं की गई है?

सैकड़ों पौधों का सावन के महीने में सूख जाना बताता है कि अधिकारी लापरवाह और गैर जिम्मेदार बने हुए हैं। लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए संसाधन की इस तरह से बर्बादी समझ से परे है। दोषी अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए.

दीपक कुमार मौर्य, यूथ

बनारस की शान खिड़किया घाट इस कदर उपेक्षित होगा, अंदाजा नहीं था। नगर निगम सिर्फ टैक्स लगाना जानता है या फिर संसाधनों और व्यवस्था का भी ख्याल रखना। जल्द ही शेष पौधों में पानी डालने और बकरियों से सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया गया तो सभी पौधे सूख जाएंगे.

सूर्यकांत पांडेय, सैलानी

स्मार्ट सिटी ही खिड़कियां घाट पर पौधों को लगाने, पानी डालने और सुरक्षा आदि की व्यवस्था करती है। स्थानीय लोगों की बकरियां आकर पौधों को चर जा रहीं व असामाजिक तत्व नुकसान पहुंचा रहे। इसकी वजह से काफी नुकसान हो रहा है। मैैं दिखवाता हूं.

शाकुंभरी नंदन, पीआरओ, स्मार्ट सिटी

Posted By: Inextlive