2 से ढाई अरब के कारोबार की संभावना इस कलर से चेहरा भी बदरंग नहीं होगा और स्कीन सेफ रहेगी


वाराणसी (ब्यूरो)रंगों से परहेज करने वाले इस बार दिल खोलकर होली खेलें। मार्केट में कन्ना और भुट्टे से तैयार हर्बल कलर और गुलाल सभी को भा रहा है। इस कलर से चेहरा भी बदरंग नहीं होगा और स्कीन सेफ रहेगी। शहर के लोग तो खरीदारी कर ही रहे हैं। पूर्वांचल के जिलों समेत यूपी से सटे बिहार से भी लोग गुलाल की खरीदारी के लिए आ रहे हैं।

कन्ने के पाउडर से गुलाल

रंग व्यवसाय संघ के महामंत्री बृजरमन कुशवाहा ने बताया, रंग से चेहरा खराब हो जाता है। इसकी शिकायत हमेशा दुकानदारों को मिलती है। इसको देखते हुए मार्केट में हर्बल कलर लाया गया है। इस बार कन्ना और भुट्टा से तैयार किया हुआ हर्बल गुलाल की काफी डिमांड है। व्रत में जो कन्ना खाया जाता है। उसका पाउडर तैयार कर उसे प्राकृतिक कलर में लाया जाता है। इसके बाद पैकेजिंग कर बाजार में बेचा जा रहा है। इसी तरह भूट्टे से गुलाल को तैयार किया गया है।

रंग का कारोबार बूम पर

मार्केट में हर्बल गुलाल की डिमांड सबसे अधिक है। पिछले साल जहां 70 परसेंट हर्बल गुलाल का कारोबार हुआ था। वहीं, इस बार 10 परसेंट बढ़कर 80 परसेंट कारोबार होने की उम्मीद है। पूर्वांचल के जिलों में गुलाल की सप्लाई 90 परसेंट हो चुकी है।

दो फैक्ट्रियों में तैयार हुआ गुलाल

बृजमोहन कुशवाहा ने बताया, कन्ना और भूट्टे से गुलाल रामनगर की दो फैक्ट्रियों में तैयार किया गया है। 60 टन गुलाल का कारोबार प्रतिदिन हो रहा है। मार्केट में 80 रुपए किलो गुलाल है। इस सीजन में 2 से ढाई अरब का कारोबार होने की उम्मीद है। कारोबारियों का कहना है कि बनारस में बसंत पंचमी से ही रंग का बिजनेस शुरू हो जाता है। अन्य जिलों से इसी समय थोक विक्रेता के यहां पर आर्डर मिलने लगते हैं। इसके बाद सप्लाई शुरू हो जाती है। बनारस में दो से ढाई करोड़ का कारोबार हो जाता है। इस समय डिमांड और सप्लाई पीक पर है। रंगभरी एकादशी के बाद लोकल ग्राहक अधिक आते हैं। ग्राहकों की पहली पसंद हर्बल प्रोडेक्ट है।

रंग, गुलाल, अबीर की खरीदारी पीक पर

रंग मार्केट में इन दिनों जमकर खरीदार उमड़ रहे हैं। अधिकतर ग्राहक थोक का कारोबार करने के लिए आ रहे हैं। यहां से माल ले जाकर अपने जिले में बेच रहे हैं। एकादशी के बाद से बाजार छोटे ग्राहकों की भीड़ बढऩे लगती है। रंग, अबीर, गुलाल आदि की जमकर हो रही है।

इन जिलों में सप्लाई

गाजीपुर, मिर्जापुर, चंदौली, प्रयागराज, जौनपुर, देवरिया आदि जिलों तक काशी का रंग जाता है। रंग कारोबारी की मानें तो ग्राहकों का जोर हर्बल प्रोडेक्ट पर अधिक रहता है। केमिकल वाले रंग एवं गुलाल कम ही लोग खरीदते हैं।

रंग-गुलाल के रेेट (केजी में)

हर्बल गुलाल : 80 रुपए

केमिकल गुलाल : 20 रुपए

सेंटेड गुलाल : 100 रुपए

हर्बल कलर : 400 रुपए

केमिकल कलर: 100 से 200 रुपए

नेचुरल गुलाल : 10 रुपए में 10 ग्राम पैकेट

वार्निश : 30 से 40 रुपए

मार्केट में इस बार कन्ना और भुट्टे से तैयार हर्बल गुलाल की ज्यादा मांग है। अधिकतर दुकानों पर यही बेचा जा रहा है.

बृजरमन कुशवाहा, महामंत्री, रंग व्यवसाय संघ

हर्बल की इतना अधिक डिमांड है कि मार्केट में शॉर्टेज हो गई है। अधिकतर लोगों ने हर्बल कलर की खरीदारी की है।

प्रदीप मल्होत्रा, रंग व्यवसायी

Posted By: Inextlive