डिजिटल इंडिया की मुहिम से जुड़ रहा वाराणसी का एसएलएओ 60 साल पुराने दस्तावेजों का हो रहा डिजिटलाइजेशन

वाराणसी (ब्यूरो)किसी कार्यालय में दस्तावेजों के लिए चक्कर लगाना अब बीते दिनों की बात होगी। योगी सरकार ई-ऑफिस के तहत काम में सुगम, सुविधा और पारदर्शिता ला रही है। अब एक क्लिक पर आपकी फाइल का स्टेटस का पता चल जाएगा और आपका काम चुटकियों में होगा। किसी भी दस्तावेज के लिए कर्मचारी अब आपको घुमा नहीं पाएंगे। दरअसल, विशेष भूमि अध्याप्ति कार्यालय के जर्जर हो चुके करीब 50 से 60 वर्ष पुराने दस्तावेज डिजिटल किये जा रहे हैं। दशकों पुराने जर्जर हो चुके क़ागजों को अब सहेजने में आसानी होगी है.

मुआवजा देने में आसानी रहेगी

प्रदेश सरकार में पूर्वांचल में विकास के काम तेजी से किये जा रहे हैं। इन कामों को गति देने, भूमि अधिग्रहण, मुआवजा देने व वाद की प्रक्रिया में भूमि अध्याप्ति कार्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फाइलें अटके, लटके और भटके नहीं, इसके लिए योगी सरकार पुख्ता इंतजाम कर रही है। वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर के भूमि अधिग्रहण और उनसे संबंधित दस्तावेज व नक्शों को डिजिटलाइज किया जा रहा है।

जर्जर हो रहे दस्तावेज

करीब 50 से 60 वर्ष पुराने दस्तावेज काफी जर्जर होते जा रहे हैं, जिनके छूते ही फटने का डर रहता है। ऐसे लगभग 30 लाख पन्नों को डिजिटलाइज किया जा रहा। एसएलएओ कार्यालय में करीब वर्ष 1968 से लेकर अब तक के दस्तावेज हैं, अनुमानत: पहले के करीब 300 से 400 परियोजनाओं और गतिमान प्रोजेक्ट के दस्तावेज कार्यालय में हैं जो काफी महत्वपूर्ण हैं। डिजिटलाइजेशन होने से भूमि स्वामी को मुकदमों, दस्तावेज उपलब्ध कराने, मुआवजा देने में आसानी और पारदर्शिता रहेगी.

दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन

एसएलएओ कार्यालय जिले में निजी भूमि का सार्वजनिक उद्देश्य से अधिग्रहण की कार्यवाही करता है। अधिग्रहित हुई भू-मालिकों को भूमि का उचित मूल्य और उनके पुनर्वास के लिए मुआवजा प्रदान किया जाता है। इसके लिए जरूरी प्रक्रिया, सुधार, पुनर्वास, विवाद, क्षतिपूर्ति का निपटारा एसएलएओ कार्यालय द्वारा किया जाता है। कोटक महिंद्रा बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर संदीप मिश्रा ने बताया कि एसएलओ कार्यालय के दस्तावेजों को सीएसआर फंड से डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है। पूरी प्रक्रिया एक्सपर्ट की देखरेख में हो रही है। मार्च 2023 तक दस्तावेजों को डिजिटलाइजेशन कर दिया जायेगा। वाराणसी विकास प्राधिकरण के दस्तावेजों को पहले डिजिटलाइज किया जा चुका है.

सरकार की मंशा के अनुसार वाराणसी मंडल के भूमि अधिग्रहण और उनसे संबंधित दस्तावेज व नक्शों को डिजिटलाइज किया जा रहा है। 60 वर्ष पुराने दस्तावेज काफी जर्जर हो रहे हैं, जिनके छूते ही फटने का डर रहता है। ऐसे लगभग 30 लाख पन्नों को डिजिटलाइज चल रहा है। यह सीएसआर फंड से कार्य हो रहा है.

-मीनाक्षी पांडेय, विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी

Posted By: Inextlive