मंडलीय अस्पताल और डीडीयू में दवाओं को रखने के लिए नहीं है पर्याप्त व्यवस्था सही टेंप्रेचर में नहीं रखने से कार्य क्षमता हो जाती है खत्म बीमारी पर सही असर नहीं करती

वाराणसी (ब्यूरो)वैक्सीन और जीवन रक्षक दवाओं की अगर कोल्ड चेन टूट जाए तो उनकी गुणवत्ता पर दुष्प्रभाव पड़ता है। कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल और पंडित दीनदयाल राजकीय अस्पताल में इन दिनों कुछ यही हाल दवा के स्टोर में देखने को मिल रहा है। इन अस्पतालों में दवाओं को रखने के लिए न तो पर्याप्त फ्रीज हैं और न ही इनके कमरों को मानक के मुताबिक टेंप्रेचर उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। हाल ही में डिप्टी सीएम ने डीडीयू का जब मुआयना किया था, तब उन्होंने दवा स्टोर का बारीकी से निरीक्षण किया था और व्यवस्थाओं में सुधार लाने का भी निर्देश दिया था। लेकिन अब तक इन अस्पतालों में कोई सुधार नहीं किया गया है।

मरीजों को नुकसान

कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल और डीडीयू अस्पतालों में दवाओं को सही रूप से नहीं रखने का खामियाजा सबसे ज्यादा मरीजों को उठाना पड़ता है, जो अपने इलाज में प्रयुक्त होने वाली दवाएं बिना टेंपरेचर मेंटेन के अस्पतालों से ले जाते हैं। अस्पताल में पैसा नहीं लगने के कारण वहां 100 प्रतिशत गुणवत्ता वाली दवाएं नहीं पाते हैं। इसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है.

30 डिग्री टेंपे्रचर मस्ट

अगर अस्पतालों के दवा स्टोर में जीवन रक्षक दवाएं, इंसुलिन एंटीबायटिक और आईपी ड्राप के रखरखाव में लापरवाही की जाती है तो इस पर कार्रवाई का प्रावधान भी है। साथ ही गर्मी के दिनों में जब तापमान अधिक होता है उस समय स्टोर रूम को 25-30 डिग्री तक तापमान रखना चाहिए। तापमान मेंटेन न होने से दवाओं की गुणवत्ता प्रभावित होती है। चिकित्सक भी मानते हैं कि इंसुलिन वैक्सीन या जीवन रक्षक दवा उचित तापमान पर नहीं रखी जाए तो कोल्ड चेन टूटने के बाद इस दवा का प्रयोग करने पर यह बेअसर साबित होती है। फ्रिज का तापमान दो डिग्री सेंटीग्रेड से आठ डिग्री तक रखा जाता है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में मरीजों को दवा देने वाली कबीरचौरा अस्पताल के पास महज 10 फ्रीज हैं। वहां दवाओं के लिए पर्याप्त जगह नहीं है।

- पं। दीन दयाल में लगभग 200 प्रकार की दवाईयां मिलती है.

- कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में 235 प्रकार की मिलती है दवाईयां

- मंडलीय अस्पताल में प्रतिदिन 1200 मरीज आते हैं

- लगभग 4000 गोलियों की ही खपत

- दीनदयाल में प्रतिदिन 700 मरीज आते हैं

- लगभग 3000 गोलियों की खपत

हमारे यहां स्टोर में पर्याप्त फ्रीज की व्यवस्था है। दवाओं के रखरखाव पर मंडलीय अस्पताल में लगातार ध्यान दिया जाता है। आने वाले मरीजों को पूरी पड़ताल करने के बाद ही दवाईयां दी जाती हंै।

जितेंद्र सिंह, स्टोर इंचार्ज, मंडलीय अस्पताल

हमारे यहां दवाओं के लिए फ्रीज है और वैक्सीन के लिए भी फ्रीजर है। यहां मरीजों को दी जाने वाली दवाओं का पूरा ध्यान रखा जाता है। कोल्ड चैन को मेेंटन रखने के लिए अस्पताल प्रबंधन पूरा सजग है।

सत्येंद्र दुबे, दवा स्टोर इंचार्ज, डीडीयू

Posted By: Inextlive