बंदी माता के पास सभी धर्म के लोग मांगते हैैं मन्नत विदेशों से भी आते हैं भक्त तीन पीढ़ी से मुस्लिम परिवार कर रहा माता की पूजा


वाराणसी (ब्यूरो)वाराणसी में यूं तो हजारों प्रसिद्ध मंदिर है और हर मंदिर की अपनी मान्यता है। इनमें से ही एक है विश्वप्रसिद्ध दशाश्वमेघ घाट स्थित बंदी माता का मंदिर। इस मंदिर में देवी को माला-फूल नहीं बल्कि ताला व चाभी चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि यहां ताला लगाने से कोर्ट-कचहरी के केस से आजादी मिल जाती हैै। धार्मिक महत्व जानने के बाद लोगों की आस्था उनके प्रति बढ़ती जा रही है। यहां देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग अपनी मन्नत लेकर माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। यही नहीं तीन पीढिय़ों से मुस्लिम परिवार माता की पूजा करने रोजाना मंदिर आता है.

फांसी से भी मिलती है आजादी

बंदी माता मंदिर की मान्यता है कि यहां माता के दरबार में ताला बांधने से कचहरी में चल रहे केस से भक्तों को आजादी मिल जाती है। मंदिर के महंत अविनाश पांडे ने बताया कि यहां नवरात्र के दिनों में भक्तों की भीड़ बढ़ जाती है। मान्यता के अनुसार भक्त अपनी मन्नत का ताला माता के दरबार में लगाते हैं और मन्नत पूरी हो जाने के बाद उसे खोलने आते हैं।

चुनरी-धागा भी बांधते हैैं

ताला ही नहीं यहां चुनरी और धागा बांध कर भी लोग मन्नत मांगते हैं। पुजारी का कहना है कि जिनको फांसी की सजा होती है, अगर उनके परिवार वाले यहां मन्नत मांगे तो उसे फांसी की सजा से आजादी मिल जाती है। यहां जो सच्चे मन से अपनी अर्जी लगाता है, माता उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करती हैं। तभी तो यहां विदेशों से भी लोग दर्शन करने आते हैं। नवरात्र के अवसर पर तो भक्तों की असंख्य भीड़ माता के दर्शन को उमड़ती हैै.

मुस्लिम परिवार करता है मां की पूजा

बंदी माता के मंदिर में हिन्दू ही नहीं बल्कि मुस्लिम भी पूजा करने आते हंै। बाबू भाई का परिवार तीन पीढिय़ों से दशाश्वमेध घाट पर रहता है। तीन पीढिय़ों से वह माता की पूजा करते आ रहे हैं। बाबू भाई बताते हैं कि उनके दादा और पिता हयात मोहम्मद को भी माता के प्रति बहुत आस्था थी। वह अक्सर माता के दर्शन को मंदिर आते थे। वह और उनका पूरा परिवार माता के दर्शन को आता है। साथ ही गंगा माता में स्नान भी करते हैं। मंदिर से जुड़े सभी कार्यों में उनका पूरा परिवार सहयोग भी करता है।

विदेशों से आते हैं भक्त

माता के भक्त विदेशों से भी मनोकामना लेकर दर्शन को आते हैं। यूरोप में रहने वाले जेयरी बताते हैं कि वह अक्सर काशी आते रहते हैं और हर बार यहां दशाश्वमेघ घाट में इस मंदिर के दर्शन करते हैं। जेम्स जो कि टोक्यो में रहते हैं, वह कहते हैं कि काशी बहुत सुंदर जगह है। वह यहां आकर मंदिरों में दर्शन करते हैं और आरती देख कर जाते हैं। ऐसी ही एक महिला हैं इनेके जोकि हॉलैैंड में रहती हैं। वह पिछले 12 साल से लगातार काशी आ रही हैं और हर बार दर्शन करने मंदिर अवश्य आती हंै। देर तक वह गंगा किनारे बैठती हैैं। कोलकाता की रहने वाली असमिता कहती हैं कि नवरात्र के दिनों पर वह बंदी माता के दर्शन करने जरूर आती हैं। माता से जो मांगों, वह अवश्य पूरा करती हंै.

Posted By: Inextlive