- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी किया अवैध ईंट-भट्ठों को बंद करने का फरमान

- 405 ईंट भट्ठे हैं जिले में

- 135 ही कर रहे मानकों को पूरा

- 270 अवैध रूप से हैं संचालित

- 15 जुलाई को बंद का जारी हुआ आदेश

वाराणसी में सिर्फ 135 ईट-भट्ठे ही हैं, जो प्रदूषण निवारण और नियंत्रण के मानकों को पूरा करते हुए संचालित हो रहे हैं, जबकि 270 ईट-भट्ठों द्वारा इसका खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। ये ईट-भट्ठें ज्यादा कार्बन का उत्सर्जन करते हैं और बिना लाइसेंस के ही ईटों का निर्माण कर रहे हैं। इनके संचालन से वाराणसी की आबोहवा दूषित हो रही है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 15 जुलाई को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अवैध रूप से संचालित 270 ईट-भट्ठों को बंद करने का आदेश दिया है। इन सभी ईट-भट्ठे मालिकों को रजिस्टर्ड बंदी आदेश भेज दिया गया है।

बारिश से बाधित है बंदी आदेश

वाराणसी में अवैध रूप से संचालित 270 ईट-भट्ठों को बंद करने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने डीएम, पुलिस कमिश्नर और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र जारी किया है। क्षेत्रीय अधिकारी के अनुसार आदेश आते ही सभी 270 ईट-भट्ठे मालिकों को रजिस्टर्ड बंदी आदेश भेज दिया गया है। बारिश के चलते आगे की कार्रवाई बाधित है। अक्टूबर या नवंबर में ईट-भट्ठे शुरू होंगे। तभी कार्रवाई संभव होगी।

इंवायरंमेंटल क्लीयरेंस नहीं लिया

मुख्य पर्यावरण अधिकारी ने वाराणसी के उन 270 ईंट-भट्ठों की लिस्ट जारी करते हुए इन्हें बंद करने का निर्देश दिया है। दरअसल, एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के नियमों के मुताबिक वाराणसी जनपद में कुल 405 ईंट-भट्ठे संचालित हो रहे हैं। इसमें केवल 135 ही मानक के अनुसार अपने ईंट-भट्ठों का संचालन करते हैं। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से शासन को भेजे गए इन ईंट-भट्ठों में से 270 मानकों के विपरित हैं। यह सभी ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं, जिससे वायु में प्रदूषण की मात्रा दिनोंदिन बढ़ रही है। इन सभी मनमाना खनन करने के साथ ही कोयला, लकड़ी जैसे प्राकृतिक संसाधनों का ज्यादा उपयोग करते हैं। इन सभी ने इंवायरंमेंटल क्लीयरेंस नहीं लिया है।

भट्ठे बंद होने से महंगे होंगे ईंट

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन 270 ईंट-भट्ठों को बंद कराएगा। अचानक इन भट्ठों के बंद होने से ईंट के दाम महंगे होंगे, जिससे आशियाना बनवाना भी महंगा हो जाएगा। वहीं असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे मजदूरों की रोजीरोटी भी प्रभावित होगी। इसके चलते यहां से मजदूरों का पलायन भी होगा। हालांकि नई तकनीकी से चलने वाले ईंट भट्ठों से पर्यावरण प्रदूषण कम होने के साथ ही प्राकृतिक संसाधनों का दोहन रुकेगा। उच्चीकृत निर्माण इकाईयों के शुरू होने से नए निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी।

पीएनजी से चलेंगे ईंट-भट्ठे

शासन की मंशा है कि अब जो भी ईंट भट्ठे संचालित होंगे वह एनजीटी की गाइडलाइंस के अनुसार नए मानकों पर होंगे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इन सभी मानकों का पालन सुनिश्चित कराने के बाद ही संचालन का परमिशन देना होगा। एनसीआर से सटे इलाकों में इसकी शुरुआत तेजी से हो रही है। अब सभी ईंट-भट्ठों को पीएनजी (पाइप नेचुरल गैस) से संचालित करना है। बनारस में भी कुछ ईंट-भट्ठा मालिकों ने इसकी शुरुआत कर दी है।

डीएम से बातचीत

सवाल : अवैध रूप से संचालित 270 ईंट-भट्ठे को बंद करने का आदेश आया है।

जवाब : हां, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से आदेश पत्र आया है।

सवाल : अब तक इन ईंट-भट्ठे मालिकों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है।

जवाब : क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड द्वारा सभी को रजिस्टर्ड बंदी आदेश जारी किया गया।

सवाल : ये बंद कब होंगे।

जवाब : इनका सत्यापन कराया जाएगा, जो मानक के अनुसार नहीं मिलेंगे। उन्हें तत्काल बंद कराया जाएगा।

कोट

लखनऊ मुख्यालय से आदेश आया है। इस संबंध में डीएम के निर्देशानुसार सभी अवैध ईट-भट्ठा मालिकों को रजिस्टर्ड बंदी आदेश भेज दिया गया है। बारिश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

-कालिका सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी

Posted By: Inextlive