तमिल गुजराती मराठी के बाद पंजाबी को साधने की तैयारी संत रविदास की 25 फीट प्रतिमा का अनावरण करेंगे पीएम


वाराणसी (ब्यूरो)अविनाशी काशी ने दुनिया को रास्ता दिखाया। बड़ा संदेश दिया। विरासत के साथ विकास की नई तस्वीर पेश की। सैकड़ों साधु-संतों ने करोड़ों लोगों के जीवन में धर्म और आस्था का प्रवाह किया। कई धर्म-संस्कृति को संजोने वाली काशी यानी बनारस अब संप्रदाय को साधने का केंद्र बन गया है। जब भी किसी सम्प्रदाय या समाज को संदेश देना होता है तो काशी को चुना जाता है। पूर्व में संगमम के जरिए तमिल, गुजरात, मराठा समाज के लोगों में नई ऊर्जा का संचार किया गया है। विकास और विश्वास का भरोसा दिलाया है। अब संत रविदास जयंती के बहाने रैदासी यानी पंजाब और हरियाणा को साधने की तैयारी है। खुद पीएम नरेंद्र मोदी रैदासियों से संवाद करेंगे.

दो बार हुआ तमिल संगमम

'काशी तमिल संगममÓ कार्यक्रम 'एक भारत, श्रेष्ठ भारतÓ की भावना को लगातार मजबूत कर रहा है और तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है महादेव के एक घर से उनके दूसरे घर में आना। इसी को चरितार्थ करने के लिए काशी में अब तक दो बार तमिल संगमम आयोजित हो चुका है। पहले कार्यक्रम में शामिल तमिल मेहमानों का स्टेशन से लेकर कार्यक्रम स्थल तक भव्य स्वागत किया गया, जो काशी की संस्कृतिक और आदर का ऐसा अविरल प्रवाह हुआ कि दूसरी बार यह संगमम आयोजित करना पड़ा।

गुजराती संत ने बनवाया स्वर्वेद महामंदिर

तमिल की तरह गुजरात के लोगों को साधा गया। गुजरात से जुड़ी विहंगम योग संस्थान के प्रणेता संत सदाफल महाराज ने चौबेपुर के उमरहा में स्वर्वेद महामंदिर का निर्माण कराया, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था। संत सदाफल महाराज के विश्व के दर्जनों देशों में आश्रम हैं। इन आश्रम से सबसे अधिक गुजराती समाज ही जुड़ा है। हालांकि सात मंजिला महामंदिर को दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर कहा जाता है। इस मंदिर में 20 हजार लोग एक साथ योग और ध्यान कर सकते हैं। यह मंदिर 64 हजार वर्गफीट में बना हुआ है। इसकी ऊंचाई 180 फीट है.

मठ में मराठी समाज का संगमम

गुजरात के बाद मराठी समाज को जोडऩे के लिए श्री काशी महाराष्ट्र सेवा समिति के बैनर तले 2 से 4 फरवरी तक श्री श्रंृगेरी शंकराचार्य मठ महमूरगंज में वार्षिक अधिवेशन का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मराठी शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम के जरिए बड़े संतों की मौजूदगी में बनारस और मराठा के बीच रिश्ता मजूबत किया गया। मराठा समाज के लोगों ने काशी विश्वनाथ धाम में ढोल पासा का शानदार प्रदर्शन किया था.

24 को रैदासियों से संवाद करेंगे पीएम

माघ पूर्णिमा पर पीएम मोदी सीर गोवर्धन में संत रविदास स्थल पर शीश नवाएंगे। उनकी 25 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे। साथ ही मंदिर के विकास और सुंदरीकरण के लिए 50 करोड़ की परियोजनाओं का भी लोकार्पण करेंगे। इस मौके पर आयोजित संगमम में खासकर पंजाब और हरियाणा से आने लाखों अनुयायियों से संवाद भी करेंगे। इसे लेकर संत रविदास के जन्मस्थल सीर गोवर्धन में तैयारी शुरू हो गई है। पंजाब और हरियाणा को साधने के लिए राहुल गांधी, अखिलेश यादव, मायावती व अरविंद केजरीवाल भी यहां शीश नवाने के लिए आते हैं.

फैक्ट फाइल

- 2 हजार औसतन तमिल हर दिन आते हैं काशी

- 8 हजार से अधिक गुजराती हर माह विश्वनाथ धाम में करते हैं दर्शन

- 1 ग्रुप औसतन हर दिन आता है महाराष्ट्र से काशी

- 5 लाख रैदासी हर साल आते हैं सीर गोवर्धन

- 20 से अधिक मठ-मंदिर हैं शहर में इन संप्रदाय का

Posted By: Inextlive